न्यूज़ बस्तर की आवाज़@जगदलपुर। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर स्थानीय नाट संस्था द्वारा बस्तर के विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट व उल्लेखनीय योगदान देने वाले विभिन्न क्षेत्रीय विभूतियों को सम्मानित किया गया।
विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में बस्तर चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स भवन में मुख्य अतिथि श्री योगेंद्र पांडे एवं कार्यक्रम अध्यक्ष श्री मनीष शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में बस्तर की क्षेत्र बोलियों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विभूतियों को चिन्हांकित कर शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं संस्था की ओर से सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
नाट संस्था ने बस्तर के वरिष्ठतम हल्बी हास्य कवि, नाटक व रंगकर्म का नींव माने जाने वाले श्री अयूब खान जी को हास्य कवि की श्रेणी में, श्री सुभाष पाण्डेय जी को हल्बी हास्य कविता लेखन के लिए, श्री रूद्र नारायण पाणिग्रही जी को हल्बी साहित्य के लिए, श्री जोगेंद्र महापात्र जोगी जी को हल्बी गीत के लिए, श्री विक्रम सोनी जी को हल्बी साहित्य के लिए और श्री लखेश्वर खुदराम जी को हल्बी, रंगकर्म, गीत के क्षेत्र में सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में आये विभूतियों ने बस्तर की मूल बोली हल्बी-भतरी पर अब तक कि उनकी उपलब्धियों व अनुभूतियों के बारे में अपने-अपने अनुभव सांझा किया और साथ ही इस बोली को लेकर सरकारों की उदासीनता पर भी कटाक्ष किया। हल्बी हास्य काव्य लेखक, श्री अयूब खान जी और श्री सुभाष पांडे जी ने अपनी हास्य कविताओं से कार्यक्रम में समा बांधा।
श्री रूद्र नारायण पाणिग्रही जी ने क्षेत्र में हल्बी रंगकर्मियों, कलाकारों, लेखकों को बैठ कर विचार, विमर्श, गोष्टी एवं संगोष्टी करने के लिए कोई उचित स्थान की व्यवस्था न होने पर खेद व्यक्त किया जिस पर कार्यक्रम अध्यक्ष एवं बस्तर चेम्बर्स ऑफ कमर्स के वर्तमान अध्यक्ष श्री मनीष शर्मा ने कहा कि जब तक शासन द्वारा उक्त संबंध में कोई जगह सुनिचित कर भवन उपलब्ध नहीं कराई जाती तब तक बस्तर चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स भवन को क्षेत्र के समस्त कलाकारों के लिए निशुल्क उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया जिस पर उपस्थिति विभूतियों एवं सभा ने करतल ध्वनि से श्री शर्मा के इस घोषणा का अभिनंदन किया।
मुख्य अतिथि श्री योगेंद्र पांडे ने अपने अतिथीय उद्बोधन में नाट संस्था की इस पहल की सराहना की और कहा कि बस्तर अंचल की कला,संस्कृति, कविताओं और नाटकों सहित विविध विधाओं को पोषित करने वाले कलाकारों और विभितियों को व्यापक तौर पर सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बस्तर की विविध विधाओं को अगर उचित मंच तक पहुंचाई जाए तो न सिर्फ देश बल्कि विश्वपटल पर भी बस्तर को एक नई पहचान मिल सकती है।
नाट संस्था के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र पांडे संस्था की गतिविधियों के बारे जानकारी देते हुए बताया कि विगत 2 वर्षों से नाट संस्था द्वारा बस्तर की लोक कला, साहित्य, गायन सहित बस्तर अन्य विधाओं को उचित मंच प्रदान करने का सतात प्रयास किया जा रहा है। इसी तारतम्य में विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष में बस्तर में हल्बी गोली में कविता, गीत, गायन, लोक साहित्य, रंगकर्म के अलावा विविध विधाओं में अपनी उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभूतियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
सम्मान सभा के दौरान कार्यक्रम का संचालन श्री हरीश साहू के द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन श्री अतुल शुक्ला के द्वारा किया गया। कार्यक्रम श्री योगेंद्र पांडे, श्री मनीष शर्मा, श्री शैलेन्द्र पांडे, श्री हरीश साहू, श्री अतुल शुक्ला, श्री किशन बघेल, श्री राहुल कुमार पांडे, निखिल भारद्वाज, सुमन कोसले, नम्रता, अंजली सहित रंगमंच के अनेक कलाकार शामिल रहे।