बकावंड। न नल जल योजना पहुंची है, और न ही जल जीवन मिशन का कोई अता पता है। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। ग्रामीण कई दिनों से कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं। ब्लॉक कॉलोनी के ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के कर्ताधर्ताओं और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उनके हाल पर छोड़ दिया है।
बकवंड ब्लॉक के मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत राजनगर के कांडकीगुड़ा पारा के ग्रामीणों को आजादी के 76 वर्ष के बाद भी शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। नल जल योजना से प्रतिवर्ष ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं दे पा रही है। जनपद अधिकारी और सरपंच सचिव के सामने ग्रामीणों को पानी के लिए हाथ जोड़कर विनती करना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार ने गांवों के हर घर तक नल कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया है। वहीं राज्य सरकार ने नल जल योजना चला रखी है। देश के अधिकतर गांवों में जल जीवन मिशन और नल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है, मगर राजनगर के कांडकीगुड़ा पारा के अभागे ग्रामीणों के नसीब में शायद शुद्ध पेयजल पीना लिखा ही नहीं है, या फिर शायद किस्मत की लकीरों को पंचायत प्रतिनिधियों जनपद अधिकारी ने ही मिटा दिया है। बकावंड ब्लॉक मुख्यालय से सटी होने के बावजूद ग्राम पंचायत राजनगर के काड़कीगुड़ा पारा के ग्रामीणों को पानी के लिए हर साल में सरपंच सचिव से लेकर उच्च अधिकारी तक ग्रामीणों को दफ्तर का चक्कर काटना और गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। लेकिन ग्रामीण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है पानी के लिए। इस बस्ती के दर्जनों परिवारों को कुएं का दूषित पानी पीना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में ग्रामीणों की परेशानी और भी बढ़ जाती है।
न्यूज़ बस्तर की आवाज़ के लिए बकावंड से संवादाता मितेश बिसाई की रिपोर्ट