न्यूज़ बस्तर की आवाज़@दिल्ली/ भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने बीजेपी से अनोखी मांग की है. सूत्रों का कहना है कि वसुंधरा राजे सिंधिया ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से एक साल के लिए राजस्थान का मुख्यमंत्री उन्हें ही बनाने की मांग की है. इसके बाद वो खुद इस पद को छोड़ देंगी. हालांकि इसी के साथ सूत्रों ने ये भी बताया है कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें स्पीकर बनाने की पेशकश की थी. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने स्पीकर बनाने के पार्टी के प्रस्ताव को इनकार कर दिया.
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाने का निवेदन किया है. साथ ही साथ वसुंधरा राजे ने उन्हें विधायकों से अलग से मुलाकात न करने की भी सलाह दी है. जानकारी है कि वसुंधरा राजे ने कल यानी रविवार रात जेपी नड्डा से फोन पर बात की थी. तभी नड्डा ने उन्हें स्पीकर बनाने की पेशकश भी की, जिससे वसुंधरा ने इनकार कर दिया.
बहुमत का आंकड़ा किया पार, फिर भी CM ऐलान में देरी क्यों?
राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 115 सीट हासिल करते हुए बहुमत का जादूई आंकड़ा पार कर लिया है. हालांकि फिर भी बीजेपी चुनावी नतीजों के एक सप्ताह बाद भी मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं कर सकी है. दरअसल बीजेपी को डर है कि मुख्यमंत्री पद के ऐलान के बाद पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह बढ़ जाएगी और इसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है. ऐसे में बीजेपी ने तीन वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान भेजा. बीजेपी ने राजस्थान के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद सरोज पांडे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक बनाया है.
मंगलवार को राजस्थान में बीजेपी के विधायक दलो की बैठक
बीजेपी नेतृत्व द्वारा बनाए गए तीनों पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में कल यानी मंगलवार को पार्टी की विधायक दल बैठक होनी है. मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे होने वाली इस बैठक में ही राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जा सकता है. दरअसल पार्टी नेतृत्व ने पर्यवेक्षकों से मुख्यमंत्री पद पर विधायकों से बात कर के रिपोर्ट देने के लिए कहा था. इसी रिपोर्ट पर फैसला लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री का चयन करेगा.
चुनावी नतीजे के बाद से वसुंधरा ने शुरू कर दी थी आर्म ट्विस्टिंग
राजस्थान की सियासत में वसुंधरा राजे सिंधिया का कद भी काफी बड़ा है. वो पार्टी की कद्दावर नेता हैं और दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. चुनावी नतीजों में बंपर सफलता मिलने के बाद से ही उन्होंने अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की आर्म ट्विस्टिंग भी शुरू कर दी थी. चुनावी नतीजों के बाद उनके घर पर जीते हुए विधायकों की लाइन लग गई तो वहीं वो खुद भी दिल्ली पहुंच गईं और केंद्रीय नेतृत्व से कई दौर की बैठकें कर चुकी हैं.