“पोदला उरस्कना” कार्यक्रम के अंतर्गत एसटीएफ हब, शांति नगर में ‘एक पेड़ शहीदों के नाम’ अंतर्गत किया गया वृक्षारोपण
नारायणपुर, 9 अगस्त 2025 — विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज पोदला उरस्कना कार्यक्रम के तहत एसटीएफ हब, शांति नगर, नारायणपुर में भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर “एक पेड़ शहीदों के नाम” अभियान के तहत सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने शहीदों की स्मृति में पौधे लगाए और उनके संरक्षण का संकल्प लिया।
यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण, हरित आवरण बढ़ाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसमें जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर जिले के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें श्री वरिष्ठ नागरिक श्री बृजमोहन देवांगन, अध्यक्ष व्यापारी संघ श्री पंकज जैन, सचिव व्यापारी संघ श्री सुनील कथोरिया, कलेक्टर सुश्री प्रतिष्ठा ममगाईं, पुलिस अधीक्षक श्री रॉबिंसन गुरिया, सेनानी 16वीं बटालियन (छ.स.ब.) श्री संदीप पटेल, डीएफओ श्री शशिकानंद, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री आकांक्षा खलखो, कमांडेंट 53वीं वाहिनी आईटीबीपी श्री संजय कुमार, उप कमान अधिकारी श्री अनिल चौधरी, रक्षित निरीक्षक श्री सोनू वर्मा, श्री मोहसिन खान उपस्थित रहे तथा
कार्यक्रम में शहीद परिवार की गरिमामयी उपस्थिति ने इस अवसर को और भी भावुक बना दिया। शहीद दानसाय सोरी की पत्नी श्रीमती जुगाय बाई सोरी को सभी गणमान्यजनों द्वारा सम्मानित किया गया और उनके बलिदान को नमन किया गया।
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर यह कार्यक्रम आदिवासी समाज की प्रकृति-प्रेमी परंपरा और पर्यावरण के प्रति गहरे जुड़ाव का प्रतीक बना। उपस्थित सभी अतिथियों ने पौधारोपण करते हुए संकल्प लिया कि हर पौधे की देखभाल ऐसे करेंगे जैसे अपने परिवार के सदस्य की।
कलेक्टर सुश्री प्रतिष्ठा ममगाईं ने कहा — “आदिवासी संस्कृति में प्रकृति पूजनीय है, और आज हम सभी ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शहीदों के सम्मान में हरियाली का यह संकल्प लिया है।”
पुलिस अधीक्षक श्री रॉबिंसन गुरिया ने कहा — “विश्व आदिवासी दिवस पर यह वृक्षारोपण हमें हमारी जड़ों और प्रकृति से जुड़े रहने का संदेश देता है, और शहीदों के नाम पर लगाए गए पौधे उनकी अमर स्मृति को सजीव रखते हैं।”
“एक पेड़ शहीदों के नाम” पहल ने न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया, बल्कि शहीदों के प्रति समाज की कृतज्ञता को भी मजबूत किया।