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नई सदस्यता और हिसाब को लेकर परिवहन संघ में दो फाड़, अध्यक्ष-सचिव आमने-सामने हिसाब को लेकर शुरू से ही बनती रही है विवाद की स्थिति

नई सदस्यता और हिसाब को लेकर परिवहन संघ में दो फाड़, अध्यक्ष-सचिव आमने-सामने

हिसाब को लेकर शुरू से ही बनती रही है विवाद की स्थिति

नारायणपुर मालक परिवहन संघ में पिछले कुछ दिनों से नये सदस्यों को सदस्यता देने और हिसाब को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई थी। इन मुद्दों को लेकर संघ के बैठक के दौरान भी अध्यक्ष और सचिव में हमेशा आपसी तनातनी देखने को मिली।

खुले मंच पर ये दोनों कई बार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नजर आये। इसी कड़ी में 26 जुलाई को संघ के कार्यालय में कार्यसमिति और सदस्यों के समक्ष सचिव नें अपने 9 महीने के कार्यकाल का हिसाब प्रस्तुत किया, जिस पर सभी सदस्य संतुष्ट नजर आये, लेकिन नये सदस्यों को सदस्यता देने के मामले में अध्यक्ष-सचिव का मतभेद इतना बढ़ा की संघ द्वारा 30 जुलाई को आनन-फानन में एक आपात बैठक बुलाकर संघ के निर्वाचित सचिव रुपेश देवांगन और एक सदस्य अर्जुन देवांगन की अनुपस्थिति में बिना कारण बताओ नोटिस जारी किये ही एकतरफा कार्यवाही करते हुए दोनों को संघ से निष्काषित कर दिया गया और उनकी ट्रकों के लोडिंग पर भी पाबन्दी लगा दी गई।

वर्तमान में परिवहन संघ दो गुटों में बंटा नजर आ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जिले के नये सदस्यों को जोड़ने के उद्देश्य से संघ द्वारा सर्वसम्मति से 5 जुलाई को नये सदस्यों के लिए सदस्यता हेतु विज्ञापन जारी किया गया था।

शहरी क्षेत्र सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी सदस्यता देने के लिए संघ द्वारा पाम्पलेट छपवाकर इसका जोर-शोर से प्रचार किया गया। संघ के इस पहल पर 200 से अधिक जिलेवासियों ने सदस्यता के लिए आवेदन किया। जिसके बाद संघ के पांच सदस्यीय टीम ने छटनी के पश्चात् वर्ष 2005 के पूर्व से नारायणपुर जिले में निवासरत लोगों में से 100 नये सदस्यों के आवेदन को स्वीकार किया। लेकिन 30 जुलाई को हुए एक नाटकीय घटनाक्रम में अध्यक्ष द्वारा नये सदस्यों की सदस्यता को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।

नये ट्रकों के परमिशन के लिए नये-पुराने सदस्यों में खिंचतान

मालक परिवहन संघ द्वारा आमदई खदान में लौह अयस्क के परिवहन हेतु 16 चक्का ट्रकों की संख्या बढ़ाने को लेकर अध्यक्ष किशोर आर्य और सत्ता दल के प्रभावशाली लोग पुराने सदस्यों में से कुछ लोगों के ट्रकों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में दिखाई दिए वहीं सचिव रूपेश देवांगन जिलेवासियों के समर्थन में नजर आये। सत्तादल के रसूखदारों द्वारा 5-5 ट्रकों का आवेदन दिया गया है,जबकि जिले में सदियों से निवासरत लोगों के आवेदन को दरकिनार कर दिया गया। जिसके बाद से मामला गरमाया हुआ है।

जिलाधीश से दोनों गुटों ने की न्याय की मांग

विवाद की स्थिति से निपटने फिलहाल दोनों गुट जिलाधीश से जाँच के साथ ही न्याय की मांग भी कर रहे हैं। अध्यक्ष गुट नें अपने आवेदन में सिर्फ सचिव द्वारा किये गए लेनदेन के जाँच की मांग की, जबकि सचिव रुपेश देवांगन द्वारा प्रारम्भ से लेकर अब तक के सभी लेनदेन के जाँच की मांग की गई। सारी लड़ाई नये लोगों को ट्रक खरीदने का परमिशन देने या पहले से ही 8-10 गाड़ियों के मालिकों को ही फिर से गाडी लेने का परमिशन देने को लेकर ही है। बता दें परिवहन संघ की इस लड़ाई में स्थानीय सत्ता पक्ष रसूखदारों का समर्थन करते नजर आ रहा है और आम जनता का कहना है, कि जिले के सभी खदानों में समस्त जिलेवासियों का समान हक है।

सचिव सहित एक सदस्य को किया गया निलंबित-किशोर

इस मामले पर जब परिवहन संघ के अध्यक्ष किशोर आर्य से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि संघ के दिशा निर्देशों की बार-बार अवहेलना करने के कारण संघ के सचिव रुपेश देवांगन और सदस्य अर्जुन देवांगन को निलंबित किया गया है।

जिलेवासियों के हक की लड़ाई में अंत तक रहूंगा साथ- रुपेश

मालिक परिवहन संघ के तात्कालिक सचिव रुपेश देवांगन ने कहा कि मैं जिलेवासियों के हक की लड़ाई में अंत तक उनके साथ रहूंगा। सत्ता पक्ष के लोग चाहते हैं,कि उनकी पार्टी से जुड़े रसूखदार ही फिर से ट्रक खरीदें और अपने ट्रकों की संख्या बढाते रहें,लेकिन हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक नारायणपुर जिले में सदियों से निवासरत एक-एक ग्रामीण और आदिवासियों को हम ट्रक मालिक ना बना दें। जिले के सभी खदानों में जिले के समस्त रहवासियों का समान हक है और इस लड़ाई में हम जिलेवासियों के साथ हैं।

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