नक्सल भय से अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्राम गारपा के वर्षाें से बंद पड़ी बाजार जो नारायणपुर पुलिस के अथक प्रयासो एवं ग्रामीणों के मांग पर दिनांक 28.11.2024 से पुनः प्रारंभ हुई।
गारपा में बाजार लगने से क्षेत्र के ग्रामीणों में खुशी का माहौल देखने मिला।
अब माड़ क्षेत्र में पुनः प्रारंभ हो रही है हाट-बाजार मड़ई-मेला की परम्परा।
जिला मुख्यालय नारायणपुर से ग्राम गारपा तक प्रतिदिन चल रही यात्री बस एवं निजी गाड़िया।
क्षेत्र में “नियद नेल्लानार” योजनाओ/परियोजनाओं का समग्र हो रहा है विस्तार ।
अबूझमाड़ ग्राम गारपा एवं आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग पर नारायणपुर पुलिस के प्रयासों से गारपा आज दिनांक 28.11.2024 दिन गुरूवार से साप्ताहिक बाजार लगना प्रारंभ हुआ है। अब क्षेत्र के ग्रामीणों को दैनिक उपयोगी सामाग्री के लिए जिला मुख्यालय नारायणपुर या कही अन्यंत्र दूर जाना नहीं पड़ेगा समय की भी बचत होगी और आसानी से ग्राम गारपा के साप्ताहिक बाजार में जरूरत के सभी सामान मिल जायेगी।
कई वर्ष पूर्व ग्राम गारपा में बाजार लगता था किन्तु नक्सलियों द्वारा क्षेत्र के ग्रामीणों व व्यापारियों को डरा धमकाकर गारपा बाजार बंद करवा दिया गया था। जहॉ पर पुनः बाजार लगना प्रारंभ हुआ है। अब आदिवासी परम्परा के अनुसार हाट-बाजार, मड़ई-मेला माड़ क्षेत्र में पुनः प्रारंभ होगी अब लोगों के चेहरों में खुशियां देखने मिल रही है।
ग्राम गारपा में पुलिस जन सुविधा एवं सुरक्षा कैम्प स्थापित होने के पश्चात नारायणपुर जिला प्रशासन एवं नारायणपुर पुलिस के प्रयासों से जल्द ही रोड निर्माण कराया गया और कोण्डागांव-नारायणपुर को सोनपुर होते हुए सितरम तक जोड़ने वाली प्राचीन सड़क जो नक्सलवाद प्रकोप से 30 साल मे बंद पड़ी थी जिसमें बस सुविधाए प्रारंभ हुई है क्षेत्र के ग्रामीण अब जिला मुख्यालय नारायणपुर तक बस सुविधा का लाभ ले रहे है। इस रोड में यात्री बस एवं निजी गाड़िया भी दौड़ रही है।
विकास और नक्सल विरोधी अभियान के मिश्रण से नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र में लगातार घट रहा है। ग्रामीणों में विकास की उम्मीद और मांग दोनों बढ़ रही है। बहुत जल्द ही अन्य पहुंचविहीन क्षेत्रों में भी सड़क निर्माण के साथ -साथ विकास की अन्य योजनाओं और परियोजनाओं को तेजी से पहुंचाया जाएगा।