जगदलपुर के हाटगुडा में ईसाई मत मानने वाले व्यक्ति की मौत, ग्राम मे कफन दफन करने का ग्रामीणों व विहिप बजरंगदल ने किया विरोध
न्यूज़ बस्तर की आवाज़@जगदलपुर: बस्तर जिले सहित जनजाति क्षेत्र में संस्कृति हस्तक्षेप के लगातार मामले आ रहे है l बस्तर में प्रत्येक प्राकृतिक संसाधनों की पूजा होती है साथ ही माटी पूजा के रूप में मिट्टी की पूजा की जाती है, जो आदिकाल से चला आ रहा है । संस्कृति में हस्तक्षेप मात्र से इतिहास में आदिवासियों ने बड़े बड़े विद्रोह् व अग्रेजी सरकार का विरोध किया है। और फिर से अपनी संस्कृति बचाने लगातार संघर्ष कर रहे ।
विहिप जिला उपाध्यक्ष प्रेम चालकी ने कहा बस्तर संभाग पाँचवी अनुसूची के अंतर्गत आने के बाद भी अब तक की सरकारों ने संस्कृति को बचाने कोई ठोस कदम नहीं उठाये है। बस्तर की पहचान प्रकृति और यहाँ के प्रकृति पूजको के वजह से है और इसके संरक्षण हेतु सरकार को कठोर नियम बनाने व संस्कृति के रक्षण हेतु विशेष पहल करने की आवश्यकता है ।
बजरंगदल के नगर संयोजक भवानी सिंह चौहान ने बताया की हिंदू और ईसाई के आराधना करने का तरीका अलग,आराधना स्थल अलग फिर भी हमारे अंतिम संस्कार स्थलों में बारंबार हस्तक्षेप हो रहा है। जब ईसाइयों के पादरी हिंदू से ईसाई में मतांतरण कर सकते है तो अंतिम संस्कार के स्थल अलग क्यों नहीं कर रहे ? लगातार जनजाति क्षेत्र में गतिरोध हो रही जिसे कम करने, संस्कृति के संरक्षण हेतु सरकार और प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ।
इस कार्य में विहिप जिला अध्यक्ष हरि साहू ,विभाग सेवा प्रमुख अनिल अग्रवाल ,जिला उपाध्यक्ष प्रेम चालकी, जिला संयोजक घनश्याम नाग, जिला सहमंत्री होमेश राठौर, जिला सेवा प्रमुख देवेंद्र कश्यप, जिला धर्म प्रसार प्रमुख आशीष कोटक, प्रखंड अध्यक्ष कैलाश ठाकुर,प्रखंड संयोजक सुरेश नाग,उपाध्यक्ष शेखर देवांगन,अशोक देवांगन, सहमंत्री वीरेंद्र कच्छ, नगर सहमंत्री गौरव ठाकुर,नगर प्रसार प्रमुख सुमित गुप्ता, नगर साप्ताहिक मिलन प्रमुख सन्नी रैली,नगर गौ रक्षा प्रमुख योगेश ठाकुर,जसवंत जोशी,पारेश्वर यादव,डिलेश ठाकुर,मनीष ठाकुर,अमित ठाकुर,संतोष यादव,डालेश्वर कश्यप,मोहन ठाकुर,मोहन गोयल कपिल कश्यप और गाँव के वरिष्ठत जन उपस्तिथ थे ।