प्रेस विज्ञप्ति
अंतर्राष्ट्रीय विहंगम योग संस्थान के सुकृत ऑफसेट झूंसी प्रयागराज (उ.प्र.) से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका विहंगम योग संदेश तथा त्रैमासिक पत्रिका सदाफल आरोग्य विज्ञान को देश और विदेश में लाखों सुधि पाठकों के द्वारा पढ़ा जाता है।
सदाफल आरोग्य विज्ञान पत्रिका हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के संबंध में जानकारी देती है कि ऋतु के अनुसार हमारा खानपान, रहन-सहन को कैसे सुव्यवस्थित ढंग से करना चाहिए ?बड़ी से बड़ी बीमारी का घरेलू नुस्खे से कैसे इलाज किया जा सकता है? इसकी जानकारी देती है। इतना ही नहीं अपितु देश के विभिन्न आयुर्वेदाचार्य व डॉक्टरों के शोध इस पत्रिका में छापे जाते हैं, जिससे जनमानस वर्षों से लाभान्वित हो रही है। इसके माध्यम से कई लोगों ने आरोग्यता प्राप्त की है। जबकि विहंगम योग संदेश पत्रिका हमें आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत करती है , हमारे कुत्सित विचारों को दूर कर हमें मानव से देव बनने की प्रेरणा देती है। मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए तथा सृजनात्मक ऊर्जा के संचार के लिए विहंगम योग संस्थान की दोनों पत्रिका समाज के लिए अत्यंत ही लाभदायक प्रतीत हो रही है।
वर्तमान में विहंगम योग संस्थान, बस्तर संभाग, छत्तीसगढ़ के द्वारा संस्थान के द्वारा प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका विहंगम योग संदेश तथा त्रैमासिक पत्रिका सदाफल आरोग्य विज्ञान का सदस्यता का अभियान पूरे बस्तर संभाग के सभी जिलों नारायणपुर, कोंडागांव,कांकेर, बस्तर, सुकमा ,दंतेवाड़ा ,बीजापुर में यह सदस्यता अभियान युद्ध स्तर पर चलाए जा रहा है। संस्थान के सदस्य गण, पदाधिकारी गण ,गुरु भाई बहन प्रत्येक गांव-गांव में शहर में घर-घर तथा विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में जाकर लोगों को इस पत्रिका अभियान की सदस्यता ग्रहण के लिए प्रेरित कर रहे हैं और जनमानस के द्वारा भी उक्त पत्रिकाओं को सहजता पूर्वक स्वीकार किया जा रहा है।विहंगम योग संत समाज बस्तर संभाग के संयोजक श्री विरेंद्र निषाद जी ने बताया कि संपूर्ण बस्तर संभाग में इस वर्ष 21000 घरों में उक्त पत्रिकाओं को पहुंचाने का लक्ष्य विहंगम योग संत समाज के द्वारा लिया गया है।इसी तारतम्य में नारायणपुर जिले के लगभग 2000 से ज्यादा घरों में इस आध्यात्मिक पत्रिका को पहुंचाया जा चुका है। यह सदस्यता अभियान 30 जनवरी तक संस्थान के द्वारा चलाए जा रहा है।