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नारायणपुर जिले में NH 130 D नेशनल हाईवे को बनाने में ध्यान शासन प्रशाशन का, ओरछा छोटेडोंगर मार्ग को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं, जिले की पहली आमदाई खदान सड़क मार्ग जर्जर हो चुका है.जिसे लेकर अब ग्रामीणों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है.

नारायणपुर जिले में NH 130 D नेशनल हाईवे को बनाने में ध्यान शासन प्रशाशन का, ओरछा छोटेडोंगर मार्ग को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं,

जिले की पहली आमदाई खदान सड़क मार्ग जर्जर हो चुका है.जिसे लेकर अब ग्रामीणों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है.

नारायणपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा चुनाव में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद स्थानीय लोगों में नारायणपुर ओरछा मार्ग के निर्माण को लेकर उम्मीद जगी थी. लेकिन सरकार बदलने के बाद भी सड़क की समस्या जस की तस है. सामान्य सड़क पर लौह अयस्क लेकर चलते भारी वाहनों और जर्जर सड़क ने ग्रामीणों के नाक में दम कर दिया है. मार्ग पर बसने वाले ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर है. धूल, कंकड़, गड्ढों की समस्या से जूझते ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है.


आपको बता दें कि नारायणपुर से ओरछा मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो गया है. खराब सड़क और गाड़ियों के कारण पूरा सड़क धूल से पटा है. सड़क किनारे रहने वाले लोगों की माने तो जैसे ही गाड़ियां गुजरती है.उससे उठने वाले धूल कंकड़ आंख और खाने में चले जाते हैं. घर के बाहर और भीतर धूल घुसता है. कपड़े पूरी तरह गंदे हो जाते हैं.

स्कूल बच्चों और शिक्षकों को रोजाना धूल का सामना करना पड़ता है.जिससे उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं. इससे पहले भी सड़क की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था. लेकिन आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिला. जिसको देखते हुए दोबारा सैकड़ों की संख्या में कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की मांग की है- ग्रामीण महिला


जर्जर सड़क से कई परेशानियां : पूर्व सरपंच गोविंद कुमार वड्डे के मुताबिक ग्रामीणों ने अपनी समस्या से एक बार फिर से कलेक्टर को अवगत कराया है. पहले आश्वासन मिला लेकिन कोई कार्य नहीं किया गया. एक बार फिर से आश्वासन मिला है.कलेक्टर ने सड़क के लिए आगे पत्र भेजने की बात कही है. और अपने स्तर से भी जल्द सड़क निर्माण की बात कही है. जर्जर सड़क के कारण बीमारों और गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. एम्बुलेंस की सहायता से धीरे धीरे अस्पताल पहुंचाया जाता है. जिसके काफी समय लगता है. भारी वाहन चालक करते हैं मनमानी : स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रमिला सलाम ने कहा कि इस जर्जर और खराब सड़क में काफी तेज गति से ट्रक ड्राइवर गाड़ी चलाते हैं और नशे में धुत रहते हैं. गाड़ियों को साइड नहीं देते और मनमानी तरीके से बिना नियम के वाहन चलाते हैं रहती है दुर्घटना की संभावना ट्रकों की वजह से कई बार इस रोड में एक्सीडेंट हुआ है. छोटे और मोटरसाइकिल सवार लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कलेक्टर मैडम को 10 दिनों का समय दिया गया है. यदि 10 दिनों में कोई कार्य नहीं होता है. तो सड़क पर उग्र आंदोलन किया जायेगा और गाड़ियों को बंद किया जाएगा -प्रमिला सलाम, जनप्रतिनिधि

सड़क बनवाने की मांग पर प्रशासन का जवाब : नारायणपुर अपर कलेक्टर विरेंद्र बहादुर पंचभाई ने कहा कि इस सड़क को लेकर पहले भी ग्रामीणों ने आवेदन दिया था. जिसके बाद सड़क में पेंचवर्क और पानी डालने का काम विभाग ने किया. वहीं सड़क निर्माण के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा गया था. और राज्य सरकार ने इस सड़क निर्माण को मंजूरी दे दी है. और इसे बजट में शामिल किया गया है.

सड़क को दो भागों में स्वीकृत किया गया है. पहले धौड़ाई से छोटेडोंगर तक और दूसरे में नारायणपुर से धौड़ाई-पल्ली तक बनाया जाएगा. लोक निर्माण विभाग के अधिकरियों को स्टीमेट बनाने का निर्देश दिया गया है. नारायणपुर से ओरछा तक सामान्य रूप से चलने के लिए पहले सड़क का निर्माण कराया गया था. लेकिन आमदाई खदान खुलने के बाद भारी वाहन सड़क पर चलने लगी जिसके कारण सड़क बेहद ही जर्जर हो गई – विरेंद्र बहादुर पंचभाई, अपर कलेक्टर

गौरतलब है कि नारायणपुर-ओरछा मार्ग बस्तर संभाग के महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है. इस सड़क पर रोजाना कई गांवों के लोग यात्रा करते हैं. इस मार्ग पर माइंस से जुड़े भारी वाहनों की आवाजाही भी होती है. जिससे सड़क खराब होती है. इससे पहले भी कई बार इस सड़क की मरम्मत और निर्माण की मांग उठ चुकी है. लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया.

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