दुर्गम गट्टाकाल तक पैदल पहुंची जिला प्रशासन की टीम, 317 ग्रामीणों को मिली पेंशन और सहायता
सुरक्षा की परवाह किए बिना समाज कल्याण विभाग की टीम पहुंची बीहड़ जंगल में बसे ग्राम गट्टाकाल
सहायक उपकरणों में बैसाखी, छड़ी और एक दिव्यांगजन को दिया गया व्हीलचेयर
नारायणपुर, 16 मई 2025 जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच स्थित ग्राम गट्टाकाल में समाज कल्याण विभाग की टीम ने जोखिम उठाते हुए राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया। टीम शासकीय वाहन से मोहंदी तक पहुंची, फिर वहां से लगभग 15 किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता तीन घंटे पैदल तय कर गट्टाकाल पहुंचने में सफलता प्राप्त की।
समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक वैशाली मरड़वार ने बताया कि गट्टाकाल क्षेत्र के लगभग 317 हितग्राहियों को विभाग की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि नारायणपुर का अबुझमाड़ क्षेत्र अपने रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। घने जंगल, ऊंचे पहाड़, पथरीले रास्ते और माओवादी गतिविधियों के कारण यह क्षेत्र लंबे समय तक मुख्यधारा से कटे रहने के कारण शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
ओरछा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लोकेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि गट्टाकाल बहुत ही दुर्गम इलाके में स्थित है, जहां तक योजनाओं को पहुंचाना हमारे लिए भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसके बावजूद राज्य सरकार और जिला प्रशासन ऐसे दूरस्थ क्षेत्रों तक जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ग्राम गट्टाकाल में हमारी उपस्थिति से वहां के ग्रामीणों में काफी उत्साह देखा गया। वे प्रशासन की इस पहल से प्रभावित होकर योजनाओं से जुड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार की महत्त्वाकांक्षी “नियद नेल्ला नार योजना” के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्ध, दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक्ता और अन्य निराश्रित हितग्राहियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
योजना के अंतर्गत अबूझमाड़ क्षेत्र के सभी 19 ग्रामों में बेसलाइन सर्वे कर हितग्राहियों की पहचान की गई, जिसमें वृद्धजन 211, विधवा बहनें 77 और दिव्यांगजन 29 सम्मिलित हैं। कुल 317 हितग्राहियों को सामाजिक सहायता योजनाओं के तहत पेंशन प्रदाय की गई। साथ ही, 32 दिव्यांगजनों के घर जाकर यूडीआईडी कार्ड बनाए गए। गट्टाकाल पहुंचने पर टीम को जानकारी मिली कि तेंदूपत्ता सीजन होने के कारण अधिकांश ग्रामीण जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए हैं। ऐसे में टीम ने जंगल पहुंचकर वहीं 10 हितग्राहियों के पेंशन फॉर्म भरवाए। “मोर दुआर साय सरकार” योजना को मूर्त रूप देते हुए समाज कल्याण विभाग द्वारा जनकल्याणकारी योजनाएं हितग्राहियों के घर तक पहुंचाई जा रही हैं। ग्राम कुतुल के 42 हितग्राहियों को नियमित पेंशन दी जा रही है।
इसी क्रम में कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं के निर्देशानुसार अप्रैल माह में कुतुल कैम्प के बेसलाइन सर्वे के पहले चरण में समाज कल्याण विभाग की टीम ने ग्राम पंचायत कुतुल के आश्रित ग्राम गट्टाकाल में कठिन परिस्थितियों में सर्वेक्षण कार्य किया।
मोहंदी से 15 किलोमीटर का कठिन पहाड़ी मार्ग तीन घंटे पैदल तय कर टीम गांव पहुंची। गट्टाकाल के 6 हितग्राहियों के नवीन पेंशन प्रकरण स्वीकृत किए गए। सर्वे के उपरांत हितग्राहियों को सहायक उपकरण—एक व्हीलचेयर, एक बैसाखी तथा 5 वृद्धजनों को छड़ी प्रदान की गई। इस सर्वे कार्य में समाज कल्याण विभाग की उपसंचालक वैशाली मरड़वार, जनपद सीईओ ओरछा लोकेश्वर चतुर्वेदी, सरपंच कुतुल राजू तथा विभागीय टीम के सदस्य विजय चौधरी, जगदीश नाग, पितांबर देवांगन एवं मुकेश उसेण्डी शामिल रहे।