Social news अनिश्चितकालीन हड़ताल अव्यवस्था

जिला प्रशासन ने चार माह पूर्व दिए आश्वासन के बाद अब तक मालक परिवहन संघ के समस्या का समाधान करने में रही असफल, 7 दिन में संघ की मांगो को पूरा नहीं करने से आंदोलन की चेतावनी देते हुए जिला कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन का भी अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं, जिला प्रशासन के सुस्त रवैए के चलते एवं 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पुनः आमदई माइंस के ट्रकों के थमेंगे पहिए ?

जिला प्रशासन चार माह पूर्व दिए आश्वासन के बाद अब तक मालक परिवहन संघ के समस्या का समाधान करने में रही असफल, 7 दिन में संघ की मांगो को पूरा नहीं करने से आंदोलन की चेतावनी देते हुए जिला कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन का भी अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं, 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पुनः आमदई माइंस के ट्रकों के थामेंगे पहिए

नारायणपुर मालक परिवहन संघ ने मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके चलते ट्रकों के पहिए जल्द ही थम जाएंगे। संघ की बीते दिनों हुई बैठक के बाद आंदोलन की रणनीति बनी। ट्रकों के पहिए थमने से ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को खासा नुकसान होने की आशंका है।

 

सूत्रों के अनुसार पूर्व में जहां मालक संघ के पास 380 ट्रक पंजीकृत थे, वहीं इनकी संख्या घटकर 307 रह गई है। लगातार हो रहे नुकसान के बाद बाहरी ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की गाड़ियां स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के अधिकारों का हनन कर रही हैं। जिले में खस्ताहाल सड़कों के कारण पहले से ही ट्रक संचालक परेशान हैं। एक हफ्ते पूर्व जिला कलेक्टर को उनकी मांगों को पूरा करने हेतु ज्ञापन सौंपा गया था और एक हफ्ते में मांगों को पूरा नहीं किया गया तो मालक परिवहन संघ ने पूरी तरह से काम बंद करने की चेतावनी दी थी ।

बैठक में बनी थी 4 बिंदुओं पर सहमति, नहीं हुआ काम – अध्यक्ष

नारायणपुर परिवहन संघ अध्यक्ष किशोर आर्य ने बताया कि संघ, छोटेछोंगर समिति और ट्रांसपोर्टर्स के साथ प्रशासन की बैठक बीते दिनों हुई। इसमें 4 बिंदुओं पर सहमति निको कंपनी व ट्रांसपोर्टर्स ने दी थी। इनमें से एक भी मांग पूरी नहीं की जा सकी है। लोडिंग में पहले समिति, फिर संघ को प्राथमिकता दी जाए।

 

स्थानीय ट्रांसपोर्टर्स से छीना जा रहा उनका अधिकार – सचिव

मालक परिवहन संघ के सचिव रूपेश देवांगन ने कहा कि जिले में ट्रक संघ से बिना अनुबंध के ट्रांसपोर्टर्स द्वारा संचालन किया जा रहा है। इसके चलते संघ को लोडिंग व भुगतान में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते आंदोलन किया जा रहा है।

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