🔶 21 मई 2025 को एक उल्लेखनीय जवाबी कार्रवाई में, डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) के जवानों ने दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटला हमले (अप्रैल 2010) के दौरान बसवराजु और उसके साथियों द्वारा सुरक्षा बलों से लूटी गई एके-47 राइफल को पुनः बरामद कर लिया है।
🔶 अबूझमाड़ के कुडमेल-कलहाजा-जाटलूर जंगल क्षेत्र में हुई ऐतिहासिक माओवादी विरोधी कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों ने 2010 गवादि (जिला नारायणपुर) और 2017 बुरकापाल (जिला सुकमा) हमलों के बाद नक्सलियों द्वारा लूटे गए हथियारों को भी बरामद किया है।
🔶 कुडमेल-कलहाजा-जाटलूर मुठभेड़ के बाद बरामद अन्य हथियारों की उत्पत्ति का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। यह उल्लेखनीय है कि बोटेर ऑपरेशन के दौरान निम्नलिखित हथियार बरामद किए गए:
एके-47 राइफल – 3 नग
एसएलआर – 4 नग
इंसास राइफल – 6 नग
कार्बाइन – 01 नग
.303 राइफल –06 नग
बीजीएल लॉन्चर – 01 नग
सुरका (रॉकेट लॉन्चर) – 2 नग
12 बोर बंदूक – 02 नग
पिस्तौल – 01 नग
भरमार – 2 नग
और बड़ी मात्रा में अन्य हथियार एवं गोला-बारूद।
🔶 कुडमेल-कलहाजा-जाटलूर मुठभेड़ में मारे गए 27 नक्सलियों में से 20 के शव, दावे के सत्यापन के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। 20 मृत माओवादी कैडरों के परिजनों में से माओवादी कैडर कोसी @ हुंगी के परिजन 26 मई को शव लेने नारायणपुर पहुंचे और शव के कारण संक्रामक रोग फैलने की आशंका को देखते हुए, शव का अंतिम संस्कार नारायणपुर मुख्यालय में ही करवाने का अनुरोध किया।
🔶 वहीं, शेष 7 नक्सलियों के शवों, जिनमें सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बसवराजु का शव भी शामिल था, के लिए कोई स्पष्ट कानूनी दावा नहीं आया। इन 8 शवों (जिसमें कोसी @ हुंगी का शव भी शामिल था, जिसका अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा किया गया) का अंतिम संस्कार कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार विधिसम्मत तरीके से नारायणपुर में किया गया।
🔶 यह उल्लेखनीय है कि 21 मई 2025 को अबूझमाड़ के जंगलों में डीआरजी की टीमों द्वारा की गई ऐतिहासिक मुठभेड़ में अवैध और प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) को एक बड़ा झटका देते हुए इसके महासचिव और शीर्ष नेता नामबाला केशव राव उर्फ बसवराजु @ बीआर दादा @ गंगन्ना को मार गिराया गया।
🔶 इस ऐतिहासिक माओवादी विरोधी ऑपरेशन के दौरान माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलाबारी की। जवाब में, सुरक्षाबलों ने साहसपूर्वक और कुशलता से जवाब दिया, और प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) से भिड़ गए। इस कार्रवाई में 27 सशस्त्र माओवादी मारे गए और एके-47, इंसास, एसएलआर, .303 राइफल, कार्बाइन और रॉकेट लॉन्चर सहित भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए। मारे गए माओवादियों में सीपीआई (माओवादी) के महासचिव नामबाला केशव राव @ बसवराजु @ बीआर दादा @ गंगन्ना भी शामिल था, जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने ₹1 करोड़ का इनाम घोषित किया था। अन्य वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों ने भी उस पर अलग-अलग इनाम घोषित किए थे। मारे गए 27 माओवादियों में से 2 आंध्र प्रदेश और 3 तेलंगाना से थे। मृतकों में शामिल थे:
1 महासचिव / पोलित ब्यूरो सदस्य (PBM)
1 डीकेएसजेडसीएम
4 सीवाईपीसीएम
3 पीपीसीएम
और पीएलजीए कंपनी नंबर 7 के 18 सक्रिय सदस्य
कुल मिलाकर ₹3.33 करोड़ का इनाम केवल छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित किया गया था।
🔶 बसवराजु @ बीआर दादा, जिसने हजारों निर्दोष आदिवासियों और बहादुर जवानों की हत्या करवाई, का अंत अबूझमाड़ के जंगलों में भयावह रूप में हुआ।
🔶 यह कुख्यात माओवादी कैडर बसवराजु, जो देश के सबसे वांछित अपराधियों में से एक था, 10 नवंबर 2018 से सीपीआई (माओवादी) का महासचिव था। इससे पहले वह माओवादी केंद्रीय सैन्य committee का प्रमुख था। बसवराजु हजारों निर्दोष आदिवासी बच्चों के भविष्य को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार था, जिन्हें उनके असहाय माता-पिता से जबरन अलग कर संगठन में भर्ती किया गया। वह और उसके अवैध, अमानवीय सहयोगी बस्तर की दो पीढ़ियों की शांति और समृद्धि छीनने के दोषी हैं।
अब तक, जांच टीम द्वारा बसवराजु की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता वाले 258 से अधिक आपराधिक मामलों की छानबीन की जा चुकी है। नारायणपुर पुलिस इस मामले में आगे की वैधानिक कार्रवाई एवं जांच प्रक्रिया कर रही है।
🔶 उल्लेखनीय है कि अबूझमाड़ मुठभेड़ के संबंध में सीपीआई (माओवादी) द्वारा जारी प्रेस नोट में उन्होंने यह स्वीकार किया है कि इस गोलीबारी में उनके महासचिव बसवराजु सहित कुल 28 कैडर मारे गए। इस प्रेस विज्ञप्ति में यह अवैध और प्रतिबंधित संगठन अपने समर्थकों को देशभर में रैलियाँ और सभाएँ आयोजित कर, अपने क्रूर और भयावह नेतृत्व की मृत्यु को महिमामंडित करने के लिए भड़काने की कोशिश कर रहा है — वही नेतृत्व जो हजारों निर्दोष नागरिकों, आदिवासियों, महिलाओं, बच्चों और सुरक्षाबलों की मौत का जिम्मेदार रहा है।पुलिस और खुफिया एजेंसियां भूमिगत माओवादी कैडरों के साथ-साथ उनके Over ground कार्यकर्ताओं और समर्थकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं।