कृषक उन्नति योजना से सुकाली बाई को 1 लाख 15 हजार 542 रूपये का प्राप्त हुआ अतिरिक्त आय
नारायणपुर, 03 दिसम्बर 2024 छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के हित हेतु कृषक उन्नति योजना का शुभारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत किसान भाइयों के बैंक खातों में सहायता राशि का अंतरण किया जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के किसानों से 3100 रूपए क्विंटल की दर से धान खरीदी की गारंटी दी थी। इस गारंटी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत् किसानों को आदान सहायता राशि का अंतरण उनके बैंक खातों किया जाता है। किसान हितैषी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा राज्य में किसानों से अपने वायदे के मुताबिक प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करने के साथ ही दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि का भुगतान भी किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में खेती-किसानी और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा।
कृषक उन्नति योजना के माध्यम से राज्य के किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में 19 हजार 257 रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जा रही है। किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है।
नारारयणपुर जिले की श्रीमती सुकाली बाई, पिता श्री रायसिंह, जाति गोंड़, निवासी ग्राम एड़का को कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग में संचालित कृषक उन्नति योजना अंतर्गत वर्ष 2023-24 में एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन कराकर कुल रकबा 6 एकड़ का धान फसल उत्पादन कर कुल 126 क्विंटल धान खरीदी केन्द्र एड़का में विक्रय किया गया, जिसका भारत सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कुल राशि 2 लाख 75 हजार 58 रूपये प्राप्त हुआ। कृषक उन्नति योजना अंतर्गत राशि 19257 रूपये प्रति एकड़ के दर पर कुल राशि 1 लाख 15 हजार 542 रूपये अतिरिक्त प्राप्त हुआ। इस प्रकार कुल 3 लाख् 90 हजार 600 रूपये उनके खाते में प्राप्त हुए। सुकाली बाई का कहना है कि वह उक्त राशि का अपने घरेलू कार्यों, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि कार्य तथा परिवार की आवश्यकता के आधार पर उपयोग किया गया।