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सफलता की कहानी‘ अबुझमाड़ के पहुंचविहीन क्षेत्र हांदावाड़ा निवासी महेश कुमार के टीम ने बस्तर ओलंपिक के व्हालीवाल में द्वितीय स्थान प्राप्त किये महेश का शिक्षक बनकर गांव के बच्चों को शिक्षित बनाने की पहली प्राथमिकता

‘सफलता की कहानी‘

अबुझमाड़ के पहुंचविहीन क्षेत्र हांदावाड़ा निवासी महेश कुमार के टीम ने बस्तर ओलंपिक के व्हालीवाल में द्वितीय स्थान प्राप्त किये

महेश का शिक्षक बनकर गांव के बच्चों को शिक्षित बनाने की पहली प्राथमिकता

नारायणपुर 11 नवंबर 2024// बस्तर ओलंपिक 2024 का सफल आयोजन 09 नवंबर से 11 नवंबर तक नारायणपुर के खेल परिसर मैदान में आयोजित किया गया, जिसमें जिले के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। अबुझमाड़ के पहुंचविहीन क्षेत्र के नारायणपुर से लगभग 140 किलोमीटर गांव हांदावाड़ा निवासी और कक्षा सातवीं में अध्ययनरत महेश कुमार के टीम ने नारायणपुर पहुंचकर अपने विरोधी टीम को पछाडते हुए फाइनल तक का कठिन परिश्रम से व्हालीवाल प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किए। बस्तर ओलंपिक में 17 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में खेलते हुए महेश के टीम का प्रदर्शन सराहनीय रहा। महेश ने बताया कि वे सात वर्ष पहले पढ़ाई के लिए नारायणपुर आए थे, उस समय उनके गांव माओवादी प्रभावित क्षेत्र में होने के कारण स्कूल जाने में डर लगता था।

माओवादियों ने स्कूल जाने से मना करते थे जिसके कारण मेरे पिता ने रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में प्रवेश दिला दिए। तब से मैं आश्रम में पढ़ाई कर रहा हूं। उन्होंने बस्तर ओलंपिक में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया जिसके लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में अबुझमाड़ के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ है, जिसके चलते माओवादी घटनाओं में कमी आई है और अबुझमाड़ क्षेत्र के पहुंचविहीन गांवों में पुलिस कैम्प स्थापित की जा रही है, जिसके कारण गांवों में सड़क, बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्कूल, उप स्वास्थ्य केन्द्र नियद नेल्लानार योजनांतर्गत निर्माण किया जा रहा है, जिसके कारण गांव से पलायन व्यक्तियों का गांव वापसी निरंतर हो रही है।


बस्तर ओलंपिक 2024 के व्हालीवाल महेश की टीम में राजू कर्मा, रामेश्वर कर्मा, रतन कर्मा, अभिमन्यु गोटा, लोकेश नेताम, गंगाधर ध्रुव और मनीराम वड्डे शामिल थे, जिन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया। हालांकि, वे अंततः दूसरे स्थान ही प्राप्त कर सके, लेकिन भविष्य में संभाग और राज्य स्तर पर खेलने का हौसला रखते हैं। महेश ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताओं से अबुझमाड़ जैसे क्षेत्रों के खिलाड़ियों को अपने प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिला। अबुझमाड़ क्षेत्र के ईरकभट्टी, मसपुर और गारपा जैसे पहुंचविहीन गांवों तक अब पक्की सड़कें बन चुकी हैं, जिससे वहां के लोगों को जिला मुख्यालय से राजधानी तक आने-जाने में सुविधा मिल रही है।

इसके अलावा, नारायणपुर से गारपा, मसपुर तक बस सेवा शुरू की गई है, और नारायणपुर से धौड़ाई होते हुए बारसुर से गीदम तक नियमित रूप से बस सेवा संचालित किए जाने से जिले वासियों को आवागमन में सुविधा मिल रही है, साथ ही मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में अबुझमाड़ क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है।

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