मां दंतेश्वरी परिवहन छोटेडोंगर समिति की विशेष पहल, नारायणपुर मालक परिवहन संघ को जिलेवासियों के हित के लिए बैठक में शामिल होने भेजा आमंत्रण , शनिवार को होने वाली बैठक से जिलेवासियों की उम्मीदें बढ़ी, वही निक्कों और ट्रांसपोर्टर की टेंशन बड़ा दी इस बैठक ने
जिला नारायणपुर में आमदाई माइंस का परिवहन कार्य जिले के दो अलग अलग समिति एवं यूनियन के माध्यम से पिछले 3 साल से हो रहा है, जब से आमदाई माइंस प्रारंभ हुआ है जिले में तब से परिवहन कार्य के साथ साथ लगातार जिलेवासियों या स्थानीयो और परिवहन कार्य कर रहे ट्रक मालिको की परेशानियां भी लगातार बढ़ी है परेशानियां ऐसा की कम होने का नाम नहीं लेती एक कम होती है तो चार नई खड़ी हो जाती है, आमदाई माइंस भी फुट डालो शासन करो अंग्रेजो की नीतियों के लिए जाना जाता है जायसवाल निक्को कंपनी के अधीनस्थ माइनिंग क्षेत्र में एक ही जिले में दो अलग अलग समिति और संघ बनाकर माँ मौसी के राजनीति का खेल खेला जा रहा है जहां फायदा किसी तीसरे को हो रहा है और जिलेवासी आपस में लड़ रहे है। मालक परिवहन संघ द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि सभी ट्रक मालिको समस्या का समाधान हो सके लेकिन जिला प्रशासन की बेरुखी के चलते आज तक नहीं हो पाया किसी भी समस्या का समाधान। जिससे तंग आकर परिवहन संघ ने भी आर पार की लड़ाई का मूड बनाकर आंदोलन की तैयारी में जुट गए ।
अब ऐसे वक्त पिछले 3 साल में पहली बार जिले के दो अलग अलग मां एवं मौसी वाले संघ में से मां दंतेश्वरी परिवहन समिति द्वारा विशेष पहल करते हुए मालक परिवहन संघ को 28 दिसंबर को बैठक हेतु आमंत्रित किया है जिसका नारायणपुर मालक परिवहन संघ द्वारा बैठक का स्वागत करते हुए जिलेवासियों के हित के लिए एवं ट्रक मालिको के कर्ज में तले दबने या ट्रक बिकने की स्थिति को दूर करने के लिए 11 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हेतु प्रस्ताव पत्र जारी किया है ।
अभी नारायणपुर जिले के काफी स्थानीय लोग एवं आम नागरिक भी यूनियन एवं समिति से जुड़ने की आशा लेकर बैठे हुए है लेकिन रोड की खराब हालत और आमदाई माइंस के अधीनस्थ निक्को कंपनी की मां मौसी की राजनीति के चलते जुड़ नहीं पा रहे है इस बैठक से जिलेवासियों को काफी उम्मीद है अगर बैठक में सकारात्मक पहलुओं पर बात बनती है तो जिले में 100- 150 नए ट्रक समिति और यूनियन में जुड़ने की संभावना है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसा परिवहन संघ और दंतेश्वरी समिति दोनों को मिलाकर जिले में लगभग 600 ट्रक पहले परिवहन कार्य कर रही थी लेकिन लगातार माइंस प्रबंधक के गलत एवं अनौपचारिक निर्णय के चलते जिले के काफी लोगों कर्ज के तले डूब गए जिसके चलते उनको अपना ट्रक दूसरे को बेचना पड़ रहा है या किसी और को चलाने के लिए देना पड़ रहा जिसके कारण आज जिले में लगभग 450- 500 ट्रक ही शेष बचे है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब स्थानीय लोगों का ट्रक लगाने का सपना , एक सपना बनकर ही रह जाएगा और पूरे जिले में ट्रांसपोर्टर की ट्रकों का कब्जा हो जाएगा और स्थानीय लोग बस देखते ही रह जाएंगे।
डोंगर समिति और नारायणपुर यूनियन मिलकर मां-मौसी की राजनीति और फूट डालो शासन करो कि नीति को ध्वस्त करने की राह पर पहला कदम बढ़ा दिया है अब 28 दिसंबर को लिखी जाएगी नारायणपुर जिले की भविष्य की नई कहानी ।सफलता मिली तो नारायणपुर क्षेत्र के सारे खदान जो भविष्य में खुलने वाले है जिसमें एकता दिखने को मिलेगा और जिले वासियों का ही भविष्य सुनहरा होगा, बैठक की जानकारी शासन प्रशासन सभी को दे दी गई है अब तो देखना यह है कि इस बैठक में ट्रक मालिको और जिलेवासियों के हित में क्या क्या फैसला लिया जाता है ?
लेकिन सूत्रो की माने तो नारायणपुर संघ के 11 बिंदुओं प्रस्ताव पत्र जारी करने के बाद से ही जिले में कुछ लोग ऐसे है जो माइंस के दलाल है जो नहीं चाहते कि इस प्रकार का बैठक हो जैसा चल रहा है वैसे ही चले और पूरी कोशिश में लग गए तथा छोटेडोंगर समिति और परिवहन संघ के ऊपर बैठक को कैंसिल करने का दबाओ चारों तरफ़ से हो रहा है अब देखते है इतने दबाव के बीच दो भाईयो का मिलन में विरोधी ग्रहण लगा पाते है या जीत होगी जिलेवासियों की होती है ?