अबूझमाड़ के पहुँचविहीन, सुरक्षाविहीन और नक्सल गढ़ होने की धारणा पर आघात ।
अबूझमाड़ के नेलांगुर में खुला नया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप।
अबूझमाड़ में महाराष्ट्र सीमा पर नारायणपुर का आखिरी गांव है नेलांगुर।
नक्सलियों के पोलित ब्यूरो सदस्यों और सेंट्रल कमेटी सदस्यों के तथाकथित गढ़ में पहुंचे सुरक्षा बल।
पूरब से पश्चिम दिशा की ओर नारायणपुर से 65 किलोमीटर सड़क की पहुंच पूर्ण।
नक्सल विरोधी अभियान अब और भी प्रभावी होंगे।
नियद नेल्ला नार के अंतर्गत विकास की सभी योजनाओं को किया जाएगा पूर्ण क्रियान्वयण।
राष्ट्रीय राजमार्ग 130 DK निर्माण में आयेगी तेजी।
पदमकोट नेलांगुर के बाजार में भी दिखी रौनक। ग्रामीणों ने किया कैंप का स्वागत, विकास कार्यों की रखी मांग।
सड़क पर लगी छत्तीसगढ़ में आपका स्वागत है और छत्तीसगढ़ सीमा समाप्त के साथ साथ नागपुर और मुंबई से लेकर जगदलपुर और रायपुर तक की दूरी सूचक बोर्ड।
ग्रामीणों में तेजी से घट रहा है नक्सलियों का भय, विकास और पुलिस के प्रति बढी़ है विश्वास।
नारायणपुर पुलिस, डीआरजी और आईटीबीपी के जवानों और अधिकारियों की रही विशेष भूमिका।
🟪 नारायणपुर पुलिस द्वारा थाना कोहकामेटा के ग्राम नेलांगुर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों एवं कुतुल-बेडमाकोटी-पदमकोट- नेलांगुर-महाराष्ट्र- मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा प्रदान करने एवं विकास कार्याे में तेजी लाने के उद्देश्य से दिनांक 23.04.2025 को नारायणपुर पुलिस डीआरजी, बस्तर फाईटर एवं आईटीबीपी आईटीबीपी 41वीं, 29वीं, 45वीं, 38वीं, 53वीं वाहिनी के द्वारा घोर नक्सल प्रभावित माड़ क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल नारायणपुर-महाराष्ट्र सीमा के अंतिम ग्राम ‘‘नेलांगूर’’ में नवीन कैम्प स्थापित किया गया है। विगत एक साल में 13वां नवीन कैम्प नेलांगूर में खोला गया।
🟪 अबूझमाड़ के पहुँचविहीन, सुरक्षाविहीन और नक्सल गढ़ होने की धारणा पर आघात अबूझमाड़ के नेलांगुर में खुला नया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप। अबूझमाड़ में महाराष्ट्र सीमा पर नारायणपुर का आखिरी गांव है नेलांगुर। नक्सलियों के पोलित ब्यूरो सदस्यों और सेंट्रल कमेटी सदस्यों के तथाकथित गढ़ में पहुंचे सुरक्षा बल, जिससे माओवादी संगठन घ्वस्त हो रहा है माओवादी संगठन में जुडे़ नक्सली सदस्य अत्याधिक संख्या में आत्म समर्पण की ओर अग्रसर है। निश्चित ही नक्सल मुक्त बस्तर की कल्पना साकार रूप ले रहा है।
🟪 ग्रामीणों द्वारा पुलिस कैम्प का स्वागत किया और मुख्यरूप से बिजली, नल-जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोड इत्यादि मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी गई जिसे जल्द पूर्ण कराये जाने साथ ही ‘‘जन समस्या निवारण शिविर’’ का लगाये जाने का आश्वासन दिया गया। नियद नेल्लानार के अंतर्गत विकास की सभी योजनाओं का पूर्ण रूप से कियान्वयण किया जाएगा साथ ही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को गांव तक पहुंचाया जायेगा अब क्षेत्र में समग्र विकास की गंगा बहेगी।
🟪 राष्ट्रीय राजमार्ग 130 DK निर्माण में आयेगी तेजी। पदमकोट नेलांगुर के बाजार में भी दिखी रौनक। विकास कार्यों की रखी मांग। सड़क पर लगी छत्तीसगढ़ में आपका स्वागत है और छत्तीसगढ़ सीमा समाप्त के साथ साथ नागपुर और मुंबई से लेकर जगदलपुर और रायपुर तक की दूरी का सूचक बोर्ड लगाया गया। पूरब से पश्चिम दिशा की ओर नारायणपुर से 65 किलोमीटर सड़क की पहुंच पूर्ण। नक्सल विरोधी अभियान अब और भी प्रभावी होंगे।
🟪 ग्राम नेलांगूर में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। ग्राम नेलांगुर तहसील व थाना कोहकामेटा व ओरछा ब्लाक क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। नवीन कैम्प थाना कोहकामेटा से 31 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है।
🟪 पदमकोट-नेलांगुर में सुरक्षा एवं जन सुविधा पुलिस कैम्प खुलने एवं बाजार लगने से लोगों को उनके मूलभूत दैनिक उपयोगी सामग्री उपलब्ध होने से पदमकोट-नेंलागुर की बाजार में रौनक दिखी है। सुरक्षा बलों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी पहुंच और निगरानी, स्थानीय लोगों को नक्सल हिंसा से निजाद दिलाने में मदद मिलेगी। यह कदम नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए कारगर रहेगा।
🟪 श्री सुन्दराज पी. (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित तुकाराम कांबले (भा.पु.से.) उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर, श्री राणा युद्धवीर सिंह डीआईजी आईटीबीपी, श्री प्रभात कुमार पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री नरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री दुष्यंत राज जायसवाल कमाण्डेंट 29वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री राजीव गुप्ता कमाण्डेंट 45वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री संजय कुमार कमाण्डेंट 53वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री सिद्धार्थ कुमार कमाण्डेंट 38वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री रोबिनसन गुडिया (भा.पु.से.)अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री सुनील पोखरियाल, सेक्टर डिप्टी कमाण्डेंट आईटीबीपी के निर्देशन में नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं आईटीबीपी 41वीं, 29वीं, 45वीं, 38वीं, 53वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।