Education

बस्तर यूनिवर्सिटी के छात्रों को कोविड-19 में 3 वर्ष घर बैठ कर लिखने की आदत पड़ी इस वर्ष भारी : परिणाम बेहद निराशाजनक

🛑 बस्तर यूनिवर्सिटी के वार्षिक परीक्षा परिणाम के नतीजे में मात्र 30% छात्र-छात्रा सफ़ल

🛑 NSUI के दबाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पिछले सत्र में घर बैठकर प्रथम वर्ष के छात्रों को लिखने का दिया गया अवसर के दुष्परिणाम का जिम्मेदार कौन ❓

शहीद महेंद्र कर्मा विश्विद्यालय के द्वितीय वर्ष के छात्रों “बीएससी -2 में 5567 और बीए-2 में 4595 छात्र फेल

न्यूज़ बस्तर की आवाज़@जगदलपुर | बस्तर यूनिवर्सिटी के वार्षिक परीक्षा के नतीजे बेहद निराशाजनक नजर आ रहे हैं। बुधवार को यूनिवर्सिटी ने दो कक्षाओं के नतीजे जारी किये। इन दो कक्षाओं में 10 हजार छात्र फेल हो गये। यही नहीं 2600 से ज्यादा छात्र सप्लीमेंट्री भी आये हैं। सिर्फ दो कक्षाओं में ही इतने हजार बच्चों के फेल होने के बाद बीयू के मूल्यांकन सिस्टम, बीयू के कॉलेजों में दी जाने वाली शिक्षा पर तो सवाल खड़े हो ही रहे हैं और तो और एसी कमरों में बैठकर उत्तरपुस्तिका में मिले नंबरों को घटाने वाले नियम का असर भी पड़ा है। यूनिवर्सिटी ने बुधवार को बीएससी पार्ट-2 के नतीजे जारी किये इस कक्षा में कुल 7982 छात्र बैठे इनमें से 5567 छात्र फेल हो गये इसी तरह 1030 छात्र सप्लीमेंट्री आ गये और सिर्फ 1303 छात्र ही पास हो पाये। इसी तरह बीए पार्ट -2 में 8509 छात्र परीक्षा देने बैठे इनमें से 4595 छात्र फेल हो गये और करीब 1691 छात्र सप्लीमेंट्री आये और सिर्फ 2159 छात्र ही पास हो पाये। दोनों कक्षाओं में करीब 16500 से ज्यादा छात्रों ने पर्चे दिये जिनमें 10 हजार से ज्यादा छात्र फेल हो गये। गौरतलब है कि अभी तक बीयू ने जिन कक्षाओं के नतीजे जारी किये हैं। उनमें 20 हजार से ज्यादा छात्र फेल. हो चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के फेल होने के पीछे का कारण छात्रों के उत्तरपुस्तिका की जांच के बाद मिले नंबरों को एसी कमरों में इंटरनल नंबरों को घटाने की वजह से हो रहा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *