“माड़ बचाओ अभियान”:आपरेशन काकुर-टेकमेटा
▫️रक्षा बलों के लिए माड़ अब नही रहा अबूझ|
▫️नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में “माड़ बचाओ अभियान” है।
▫️“माड़ बचाओ अभियान” के तहत काकुर-टेकमेटा में बड़ी सफलता | छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर के समीप काकुर-टेकमेटा के पास छत्तीसगढ़ Elite फाॅर्स DRG और STF ने चलाया सफल संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान
▫️कुल 10 नक्सलियों के शव हुए बरामद, बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने की भी है सूचना
▫️मारे गए नक्सलियों में एक SZCM, दो DVCM और दो ACM रैंक के नक्सली मारे गए अधिकांश नक्सली गडचिरोली क्षेत्र में सक्रिय उत्तर गडचिरोली डिवीज़न और माड़ डिवीज़न के
▫️एक AK 47,एक INSAS, दो .303, ek .315, ek 12 bor, 3भरमार और बीजीएल लांचर के अलावा भरी मात्रा में विस्फोटक और कारतूस बरामद
▫️नारायणपुर के सोनपुर कैंप और कांकेर के छोटेबैठिअ से कूल 240 DRG और 590 STF जवान लगभग 40 KM ज्यादा दुरी तक गश्त करते पहुंचे काकुर परफेक्ट ऑपरेशन की मिसाल बनी ये ऑपरेशन। 60 से 70 KM चले, पूरे माड़ में सर्च और गश्त किया, शीर्ष नेताओं तक पहुंचे और बिना किसी शिकन या खरोच के अभियान को अंजाम दिया। पुलिस के सभी जवान सुरक्षित
▫️ “माड़ नक्सलियों के लिए सबसे सुरक्षित क्षेत्र” और “सभी जगह के नक्सली अंततः माड़ में एकत्रित होंगे” जैसी धारणाओं पर नारायणपुर पुलिस और छत्तीसगढ़ के elite एंटी नक्सल फोर्सेस डीआरजी और एसटीएफ का तगड़ा प्रहार।
▫️नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंची पुलिस।
▫️नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में माड़ बचाओ अभियान है।
▫️छत्तीसगढ़ में सभी प्रभावित जिलों में नक्सलियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली महाराष्ट्र एवं अन्य विस्तार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ने की योजना बना रहे थे . नारायणपुर पुलिस और elite force डीआरजी और एसटीएफ ने नक्सलियों के विस्तारीकरण के इस मनसूबे पर पानी फेर दिया।
न्यूज बस्तर की आवाज @जिला नारायणपुर में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, श्री सुन्दरराज पी., उप पुलिस महानिरीक्षक श्री के. एल. धुव्र, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री प्रभात कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया के निर्देशन में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। दिनांक 28.04.2024 की दरम्यानी रात्रि को पुलिस अधीक्षक नारायणपुर को माड़ डिवीजन के कुतुल एरिया कमेटी क्षेत्रान्तर्गत ग्राम टेकमेटा, काकुर की ओर माड़ डिवीज़न और उत्तर गडचिरोली डिवीज़न के शीर्ष नक्सलियों की उपस्थिति की आसूचना प्राप्त हुई थी। उक्त सूचना के तस्दीक हेतु दिनांक 28.04.2024 की रात्रि में नारायणपुर जिले से डीआरजी एवं बस्तर फाॅईटर व एसटीएफ की संयुक्त बल तथा जिला कांकेर कैम्प मरबेड़ा से डीआरजी एवं एसटीएफ की संयुक्त बल नक्सल विरोधी अभियान हेतु ग्राम टेकमेटा, काकुर की ओर रवाना हुई थी। दिनांक 30.04.2023 को प्रातः करीबन 04:00 बजे पुलिस पार्टी सर्चिंग गश्त करते ग्राम टेकमेटा के जंगल में पहुंची थी कि पूर्व से जंगल में घात लगाये बैठे माओवादियों के द्वारा खुद को घिरता देखकर जान से मारने एवं हथियार लूटने के नियत से पुलिस पार्टी पर अंधाधुन फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी द्वारा तत्काल पोजीशन लेकर आत्मसमर्पण हेतु आवाज दिया गया आत्मसर्मण की बात नक्सलियों के द्वारा अनसुना करते हुए और अधिक मात्रा फायरिंग करने लगे। पुलिस पार्टी के पास आत्मसुरक्षा में फायरिंग करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होने से सीमित मात्रा में फायरिंग किया गया। पुलिस-नक्सली मुठभेड़ करीबन रूक-रूक कर 16 घण्टे तक चली। फायरिंग बंद होने के पश्चात पुलिस पार्टी के द्वारा घटना स्थल का सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए सर्चिंग करने पर 03 महिला एवं 07 वर्दीधारी पुरूष नक्सली के शव एवं शव के पास से 01 नग एके-47, 01 नग इंसास, 02 नग 303 रायफल, 01 नग 315 रायफल 01 नग 12बोर बंदुक एवं 04 नग भरमार बंदुक एवं भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ।
परिणामस्वरूप, महाराष्ट्र ,तेलंगाना और बस्तर के 1 एसजेडसीएम ,2 डिवीसीएम 1 एसीएम नक्सली कमांडर्स सहित 10 इनामी नक्सली मारे गए। जिनमे मुख्य रूप से एसजेडसीएम Joganna ,जिस पर 196 आपराधिक मामले दर्ज हैं ,मलेश कमांडर कंपनी नंबर 10 जिस पर 43 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं तथा डिवीसीएम विनय जिस पर 8 आपराधिक मामले गढ़चिरौली जिले में दर्ज हैं की पुष्टि की गई।
ऑपरेशन में, नक्सली ठिकानों पर से महत्वपूर्ण सामग्री डंप बरामद किया गया , जिसमें विस्फोटक सामग्री, आईईडी, प्रेशर कुकर, कोडेक्स तार, कंप्यूटर, प्रिंटर, उपग्रह संचार उपकरण, जेसीबी खुदाई मशीनें, दैनिक घरेलू सामान, नक्सली साहित्य, सौर प्लेटें और बर्तन आदि बरामद किया गया |
यह ऑपरेशन न सिर्फ नक्सलियों के तथाकथित मांद में पुलिस की पैठ दिखाता है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधी को एक महत्वपूर्ण झटका है। सभी नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली महाराष्ट्र एवं अन्य विस्तार क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की योजना बना रहे थे। नारायणपुर की डीआरजी तथा एसटीएफ ने नक्सलियों के इस विस्तारीकरण के मंसूबे पर पानी फेर दिया है।
नक्सलियों की खोखली विचारधारा के विरूद्ध चलाया जा रहा नक्सल विरोधी अभियान ही वास्तव में ‘‘माड़ बचाव अभियान’’ है। माड़ और यहां के मूल वासियों को विदेशी नक्सलवादी विचारधारा से बचाना और उन्हें चरमपंथी सिद्धांतों के आकर्षण से निकालना ही हमारा मुख्य उदेश्य है।
हम उन सभी माड़ के मूलवासियों से जो बाहरी विचारधारा और माड़ के बाहर के नक्सली नेताओं के गलत प्रभाव में फंस गये हैं, अपील करते हैं कि वे नक्सलवाद को त्याग कर मुख्य धारा से जूड़ें व असली माड् बचाव अभियान का हिस्सा बनें। हथियार और नक्सलवादी विचारधारा का त्याग व विरोध करें।