2022 की विदाई और 2023 के स्वागत का जश्न लोगों ने अपने अपने तरीके से मनाया, एक ओर नगर में डीजे की धुन पर थिरकते युवा थे तो वहीं दूसरी ओर शहर के अंबेडकर वार्ड के रेन बसेरा में रामलीला का मंचन किया जा रहा था ! सनातन धर्म की रक्षा के लिए कानपुर से आये कलाकार कुछ चुनिंदा लोगों के बीच अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे ! 2022 के समापन और 2023 के स्वागत में जहां नगर में जगह जगह पर युवा जोश में सराबोर दिखे वही अपनी संस्कृति, अपने धर्म और पौराणिक मूल्य की रक्षा के लिए रामलीला का मंचन किया जा रहा था, वहां पर मात्र 20 से 22 लोग बैठ कर रामलीला का दर्शन कर रहे थे भगवान के प्रति अपनी आस्था जाहिर कर रहे थे, वही जगदलपुर शहर के टेकरी वाले हनुमान मंदिर पर भजन गाकर हनुमान जी की भक्ति कर 2022 की विदाई की जा रही थी !
आज अपनी संस्कृति के संरक्षण की है जरूरत
आज हमारी जनरेशन पश्चिमी संस्कृति की पूरी तरह गुलाम हो चुकी है जरूरत है हमें अपने हिन्दू धर्म और हिंदुत्व संस्कृति की जानकारी अपने आने वाली पीढ़ियों को देना की, इन जानकारियों को रामलीला का मंचन दिखाकर, मंदिर ले जाकर और धार्मिक ग्रंथ पढ़ा कर आसानी से दी जा सकती है, जरूरत है हमें अपने घर के जो बच्चे हैं, युवा हैं उनको इस ओर प्रेरित करने की गौरतलब है कि रामलीला का मंचन आगामी 10 दिनों तक शहर के अम्बेडकर वार्ड के रेन बसेरा में और होने वाला है, सनातन धर्म की रक्षा हेतु आगे आये,अपनी आने वाली पीढ़ी को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने हेतु सपरिवार अवश्य पधारे अम्बेडकर वार्ड के रेन बसेरा में।।।