कार्यवाही Crime

नारायणपुर पुलिस की कार्यवाही पर उठे सवाल नारायणपुर पुलिस ने रुबजी सलाम को UAPA के तहत गिरफ्तार किया है,रुबजी सलाम किसान नेता और वकालत की पढ़ाई करते हैं,गिरफ़्तारी को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं

नारायणपुर पुलिस की कार्यवाही पर उठे सवाल

नारायणपुर पुलिस ने रुबजी सलाम को UAPA के तहत गिरफ्तार किया है।

रुबजी सलाम किसान नेता और वकालत की पढ़ाई करते हैं।

गिरफ़्तारी को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं लेकिन बस्तर पुलिस ने कहा है ठोस सबूत हैं इसलिए गिरफ़्तारी हुई है।

न्यूज बस्तर की आवाज@ नारायणपुर/दिनांक 27 अक्टूबर 2024 /नारायणपुर निवासी वकालत के छात्र रुबजी सलाम को नारायणपुर पुलिस ने अनुसूचित जनजाति के हॉस्टल से गिरफ्तार किया है। मानवाधिकार और सामाजिक संगठनों कार्यकर्ताओ ने रुबजी सलाम की गिरफ़्तारी को पुलिस का मनमाना रवैया और शासन प्रशासन के विरुध्द आवाज़ उठाने पर पुलिस प्रताड़ना का नाम दिया है। इधर बस्तर पुलिस ने कहा है कि, कार्यवाही ठोस सबूतों के आधार पर की गई है।

कौन हैं रुबजी सलाम

रुबजी सलाम नारायणपुर जिले के छोटे फरसगाँव के निवासी हैं। रुबजी सलाम वकालत की पढ़ाई कर रहे हैं। रुबजी सलाम किसान और नागरिक अधिकार तथा सुरक्षा के मुद्दों के साथ जल जंगल ज़मीन के मसले उठाने की वजह से लगातार चर्चाओं में रहते हैं। रुबजी सलाम बीते 22 अक्टूबर को उस माढ़ बचाओ आंदोलन में शामिल थे, जिसमें अबूझमाड़ की 54 हज़ार 543 हेक्टेयर थल सेना को दिए जाने का इस आधार पर विरोध था कि, इससे अबूझमाड़ से किसान परिवार विस्थापित होंगे, और उस विस्थापन पर सरकार मौन है। रुबजी सलाम इसके पहले तब भी चर्चा में आए थे जबकि उन्होंने प्रख्यात किसान नेता राकेश टिकैत को मढोनार किसान महा पंचायत में बुलाया था। रुबजी सलाम की सक्रियता केवल इन्हीं दो मसलों पर नहीं थी बल्कि ऐसे कई मसलों पर उनकी भुमिका रही है जिसमें किसान और नागरिक अधिकारों की बात थी । रुबजी सलाम बेहद सक्रिय रहे हैं और इस वजह से नारायणपुर के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों से निरंतर संपर्क और संवाद के भी कई प्रसंग हैं।

किस मामले में गिरफ्तार किया गया

रुबजी सलाम को छत्तीसगढ़ पुलिस ने नारायणपुर जिले के थाना धौड़ाई में अपराध क्रमांक 0009/2024 के तहत दर्ज उस एफआइआर के संबंध में गिरफ्तार किया है जो कि, 11 जून 2024 को क़ायम की गई है। यह एफआइआर जिओ के टावर को जलाए जाने के संबंध में दर्ज की गई थी। इस एफ़आइआर के मूल सूचनाकर्ता विरेंद्र शर्मा हैं जो कि रिलायंस जियो टॉवर्स टेक्नीशियन हैं।उनकी सूचना में यह उल्लेख है कि, 2 जून
को क्लस्टर इंचार्ज अश्वनी मोहपात्र ने दुड़मी के जियो टॉवर को जलते हुए देखा,टॉवर के पास लाल रंग का नक्सली बैनर देखा । विरेंद्र शर्मा की इस सूचना पर सब इंस्पेक्टर राजेश पांडेय ने एफआइआर दर्ज की। एफआइआर में उल्लेख है कि, शिकायत जांच के दौरान घटना स्थल के निरीक्षण, नक्सली बैनर, नुक़सान पंचनामा और ‘गवाहों के बयान के आधार पर’ 22 आरोपियों के नाम पर FIR दर्ज की गई है। रुबजी सलाम का नाम इस एफ़आइआर में 13 वाँ है। घटना के 9 दिन बाद दर्ज एफआइआर में निम्नलिखित धाराएँ प्रभावी हैं – 147, 148, 149, 435, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 10,13,38 (2) और 39 (2)

CBA और BKUका साझा बयान

रुबजी सलाम की गिरफ़्तारी को लेकर छत्तीसगढ़ बचाओ मंच और भारतीय किसान यूनियन के साझे बयान में दावा है कि, रुबजी सलाम को जिस घटना में आरोपी बताया गया है वह घटना 2 जून की है। जबकि 2 जून को रुबजी सलाम तेंदूपत्ता संग्राहकों की मांग को रखने मंत्री केदार कश्यप से रायपुर में मिले थे। संगठनों की ओर से जारी बयान में यह दावा है कि,रुबजी सलाम ने खुद एसपी को मिलकर यह पूरे तथ्य बताए थे और एसपी नारायणपुर ने आश्वस्त किया था कि, वे इस जानकारी से संतुष्ट हैं, और उनके खिलाफ इस FIR पर कोई कार्यवाही नहीं होगी। छत्तीसगढ़ बचाओ मंच से जुड़ीं और अधिवक्ता शालिनी ने कहा -” रुबजी पर लगाए आरोप बेहद हास्यास्पद हैं। दरअसल 22 अक्टूबर को रुबजी ने माढ बचाओ आंदोलन किया और 26 अक्टूबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया। यह बताता है कि, जो कोई भी शासन प्रशासन से खिलाफ आवाज उठाता है, उसे पुलिस उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा।”

क्या बोले आईजी सुंदरराज

रुबजी सलाम की गिरफ़्तारी के मसले पर उठे सवालों को लेकर आईजी पी सुंदरराज ने दो टूक अंदाज में जवाब दिया है। आईजी पी सुंदरराज ने कहा -“पुलिस की कार्यवाही जांच और ठोस साक्ष्यों के संकलन के बाद की गई है। ”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *