डिमरापाल के मेडिकल कॉलेज में रंगरोगन के लिए पीडब्ल्यूडी ने जारी किया 19 लाख का टेंडर, एक महीने में ही बिना काम के ठेकेदार को 18 लाख रूपए कर दिए जारी, भ्रष्टाचार की बढ़ी आशंका
न्यूज़ बस्तर की आवाज़@ जगदलपुर, लोक निर्माण विभाग के नित नए कारनामे सामने आते चले जा रहे हैं। इन हालातों में विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। ताजा मामला डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज का है, जहां रंगरोगन के नाम पर काम जारी किया गया। इसके लिए करीब 19 लाख रूपए की राशि भी जारी की गई, लेकिन ठेकेदार को बिना काम किए ही 18 लाख रूपए की राशि रनिंग बिल के तौर पर जारी कर दी गई है। बताया जाता है कि 5 अक्टूबर को ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी ने काम जारी किया और 9 नवंबर को उसे 18 लाख रूपए दे दिए गए।
दरअसल डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज के रंगरोगन के लिए 30 लाख रूपए का टेंडर पीडब्ल्यूडी के उत्तर बस्तर डिवीजन नंबर 1 ने जारी किया था। इस पर मेसर्स सिद्धार्थ इंटरप्राइजेस ने 36.6 प्रतिशत कम दर भरी और उसे टेंडर अवार्ड कर दिया गया। ऐसे में पूरा काम 19.02 लाख रूपए में मेसर्स सिद्धार्थ इंटरप्राइजेस को दिया गया। बारिश के मौसम को देखते हुए ठेकेदार को 3 महीने की रियायत भी दी गई थी और काम पूरा करने की मियाद भी 30 जनवरी 2024 दी गई। इसी बीच करीब एक महीने में ही 19.02 लाख रूपए के काम में से 18.08 लाख रूपए ठेकेदार को जारी कर दिए गए। एक महीने में करीब 95 फीसदी से ज्यादा रकम ठेकेदार को बिना काम किए जारी कर दिए जाने पर संदेह उत्पन्न होने लगा है।
मुआयना करने पर मेडिकल कॉलेज की दीवारें बिना रंगरोगन की मिली। दीवारों पर बारिश के कारण काई और गुटखे की पीक के निशान साफ नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही दीवारों पर दाग-धब्बे के साथ ही फफूंद के काले निशान भी दिख रहे हैं। इन हालातों में इस बात का संदेह बढ़ गया है कि विभाग के अफसरों ने ठेकेदार के साथ मिलकर सारी रकम से अपनी जेबें भरने का काम किया है।
इस मामले में जब पीडब्ल्यूडी के एसडीओ सिन्हा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने अधिकृत नहीं होने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया। वहीं ईई सिंह से बात करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। अफसरों के इस तरह के व्यवहार से रंगरोगन में भ्रष्टाचार का आशंका को बल मिल रहा है।