नक्सलियों के लगाए आईईडी के चपेट में आकर 1 ग्रामीण की मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल जड्डा और मरकुड गांव के बीच पगडंडी रास्ते पर हुई घटना।
मृतक और घायल दोनों ग्रामीण कानागांव के निवासी है
फ़ूलझाडू के झाड़ी लेने जंगल में गए थे ग्रामीण
लगातार बढ़ रही है नक्सल आईईडी के चपेट में आकर ग्रामीणों के मरने और घायल होने के घटना। ओरछा के कुरुषनार में भी हुई थी ग्रामीण के मृत्यु
घायल ग्रामीण को बेहतर इलाज के लिए नारायणपुर लाया जा रहा है।
नारायणपुर पुलिस के द्वारा आईईडी डिटेक्शन के लिए विशेष अभियान में इस साल अब तक
15 आईईडी जब्त किए गए है।
नक्सल आईईडी में ग्रामीणों की मृत्यु नक्सलियों की बौखलाहट और आदिवासी विरोधी पक्ष को चिन्हांकित करता है
माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के नीयत से क्षेत्र में आईईडी लगाया जाकर सुरक्षा बलों को टारगेट किया जा रहा है। उक्त घटनाओं को देखते हुए नारायणपुर पुलिस द्वारा क्षेत्र में लगातार आईईडी डिटेक्शन सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है।
दिनांक 04.04.2025 को ग्राम कानागांव निवासी 1. राजेश उसेण्डी पिता गुज्जा उसेण्डी उम्र करीबन 25 वर्ष 2. रामलाल कोर्राम पिता स्व. सुखराम उसेण्डी उम्र करीबन 25 वर्ष दोनों फल झाडू तोड़ने ग्राम जड्डा-मरकूर के जंगल पहाड़ी की ओर गये थे फूल झाडू तोड़ रहे थे कि अचानक नक्सलियों द्वारा पूर्व से लगायें गए प्रेशर आईईडी ब्लास्ट हुआ जिसके चपेट में आने से राजेश उसेण्डी के दोनो पैर में गंभर चोटे आने से मौके पर मृत्यु हो गई और एक घायल ग्रामीण रामलाल कोर्राम के गला, मुंह ढूडी में चोटे आई है जिसे उपचार हेतु नारायणपुर अस्पताल लाया जा रहा है।
लगातार बढ़ रही है नक्सल आईईडी के चपेट में आकर ग्रामीणों के मृत्यु और घायल होने के घटना। ओरछा क्षेत्रान्तर्गत कुरुषनार में भी हुई थी ग्रामीण के मृत्यु। नक्सल आईईडी में ग्रामीणों की मृत्यु नक्सलियों की बौखलाहट और आदिवासी विरोधी पक्ष को चिन्हांकित करता है सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए इस साल 15 से अधिक आईईडी बरामद किया गया है। क्षेत्र से सर्चिंग व आईईडी डिटेक्शन की अभियान जारी है।
*पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने उक्त* घटनाओं को देखते हुए क्षेत्र के ग्रामीणों से अपील किया गया कि- क्षेत्र में आईईडी की जानकारी मिलने पर तत्काल पुलिस को सूचना देवें। ताकि समय रहते आईईडी को निकाला जा सके जिससे सुरक्षा बल, ग्रामीणों, विकास कार्य में लगे कर्मचारियों, शासकीय सेवको एवं वन्य प्राणी को जान माल की हानि होने से बचाया जा सकें।