जिले में असंगठित क्षेत्र के मजदूर ठेकेदार की मनमानी के शिकार हो रहे
हैं। भवन निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की अक्सर दुर्घटना में मौत हो जाती है। अथवा वे गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं। अधिकतर भवन निर्माण
ठेकेदार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र से पुरूष व महिला मजदूरो को काम कराने
लाया जात है। उनका पंजीयन श्रम विभाग में नहीं करवाया जाता। इसके चलते शासन की कई लाभकारी योजनाओं से वे वंचित हो रहे हैं। साथ ही मौत होने की दशा में भी स्वजनों को पंजीयन न होने से छत्तीसगढ मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु योजना के तहत एक लाख की मुआवजा राशि से वंचित होना पड़ता
है। वहीं ठेकेदार भी कुछ रूपये थमाकर अपना पल्ला झाड़ लेता है।
ज्ञात हो कि दो दिन पहले नगर के हाता मैदान के सामने तिमंजिला
निर्माणाधीन मकान के ऊपर काम कर रही युवती दयामनी बघेल की हाईपावर टेंसन तार की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वहीं उसकी साथी रोमा बघेल झुलस गई।
जिसका उपचार महारानी अस्पताल में चल रहा है।
ठेकेदार के द्वारा इस मामले मे लापरवाही की बात सामने आ रही है। इस प्रकार की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद भी बिजली तार की ऊंचाई और खतरे का ध्यान नहीं रखा गया।
ठेकेदार द्वारा नियमानुसार श्रमिकों को सुरक्षा साधन भी मुहैया नहीं
करवाया गया।
बाक्स श्रम विभाग में नहीं करवाया पंजीयन
बुधवार को हुई घटना के बाद शव का पीएम उपरांत ठेकेदार अजीत गिरी ने अपनी पिकअप वाहन से युवती का शव उसके गांव नियानार भिजवा दिया।
घटना के दूसरे दिन युवती के स्वजनों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा न तो उनसे संपर्क किया गया। न ही मुआवजा दिया गया है। मृतका दयामनी 12 वीं तक पढ़ी थी।
ठेकेदार
गिरी रोजाना गांव में मजदूरों को लेने पिकअप वाहन भेजता था। श्रम विभाग में युवती का पंजीयन नहीं करवाया था। घटना में घायल होने वाली रोमा ने बताया कि उसके उपचार आदि में ठेकेदार ने मदद किया है, लेकिन श्रम विभाग
में उनका कार्ड नहीं बनवाया है।
अंचल में अधिकतर नियोक्ता मजदूरों को सरकारी लाभ दिलाने गंभीर नहीं हैं। श्रम विभाग में अब तक 94 हजार
श्रमिकों का श्रम कार्ड जारी किया गया है।
वही केस न. 1 देख ले तो
छुई खदान धंसने से सात मजदूर की मौत
यहां से 11 किमी दूर ग्राम मालगांव में बीते दिसंबर माह में छुई खदान धंस
जाने से उसमें काम कर रहे सात मजदूर की मौत हो गई थी।
केस 2
करंट की चपेट में आकर श्रमिक की मौत
पांच जनवरी 2024 को शहर के राउतपारा में जर्जर घर की मरम्मत कर रहे
श्रमिक की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
केस 3
मार्च माह में शहर के प्रतापगंज में निर्माणाधीन मकान से गिरकर युवती ने दम तोड़ दिया था। पहले मामले को दबाने का प्रयास किया गया। फिर ठेकेदार ने कुछ रूपये युवती के स्वजन को दिए थे ।