नियद नेल्लानर योजना

नियद नेल्ला नार योजना से माओवाद प्रभावित गांवों में विकास और सुशासन की नई शुरुआत

सफलता की कहानी

नियद नेल्ला नार योजना से माओवाद प्रभावित गांवों में विकास और सुशासन की नई शुरुआत

स्वच्छ पेयजल और सोलर हाईमास्ट से बदली अबूझमाड़ के ग्रामीणों की जीवनशैली

आजादी के बाद पहली बार मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में दुर्गम इलाकों में विकास की लहर

नारायणपुर, 09 जनवरी 2025  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर के माओवाद प्रभावित इलाकों में विकास की नई कहानी लिखी जा रही है। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत नारायणपुर जिले के दूरदराज के गांवों में सोलर हाईमास्ट और सोलर ड्यूल पंप लगाकर ग्रामीणों के जीवनशैली में ऐतिहासिक बदलाव आ रहे हैं। क्रेडा विभाग की पहल से इन इलाकों में अंधेरा छंट गया है और अब ग्रामीण रात में भी सुरक्षित महसूस करते हैं। साथ ही, सोलर ड्यूल पंपों से मिल रहे स्वच्छ पानी ने ग्रामीणों की जिंदगी आसान बना दी है।

 

स्वच्छ पेयजल की सुविधा से आया असाधारण बदलाव क्रेडा ने स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बस्तर क्षेत्र के दूरस्थ और माओवाद प्रभावित ग्रामों में सोलर ड्यूल पंपों की स्थापना की है। नारायणपुर जिले के ग्राम कोडोली (कस्तुरमेटा), ओकपाड़, हिकपाड़, ईरकभट्टी, कानागांव, मसपुर, मेटानार और मोहंदी जैसे गांवों में इन पंपों से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इन प्रयासों के माध्यम से अब ग्रामीणों को गांव में ही शुद्ध और साफ पानी उपलब्ध हो रहा है, जिससे उन्हें अब पानी के लिए दूर-दराज के स्थानों पर जाने की परेशानी नहीं उठानी पड़ती। इससे उनकी दैनिक जिंदगी में असाधारण बदलाव आया है और जल संकट जैसी समस्याएं हल हो गई हैं। यह पहल न केवल ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बना रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डाल रही है।

सोलर हाईमास्ट से रोशन हुए अबूझमाड़ के गांव

 

नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखंड के ग्राम मसपुर, मेटानार, कस्तुरमेटा और हिकपाड़ में सोलर हाईमास्ट संयंत्रों की स्थापना की गई है। इन सौर ऊर्जा संचालित संयंत्रों से इन गांवों में रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है, जिससे न केवल गांवों में सुरक्षा का स्तर बढ़ा है, बल्कि ग्रामीणों को अब रात में भी बिना किसी परेशानी के विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देने की सुविधा मिल रही है।

इन संयंत्रों की मदद से ग्रामीण अब रात्रिकालीन बैठकें, सामुदायिक सांस्कृतिक कार्यक्रम, और अन्य सामाजिक गतिविधियां सहजता से आयोजित कर सकते हैं। इससे गांवों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है, और स्थानीय समुदाय को विकास की नई दिशा मिली है।

मुख्यमंत्री श्री साय का अबूझमाड़ इलाके को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास

माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के इन प्रयासों को ग्रामीणों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। मसपुर और मेटानार के ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। क्रेडा विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप सोलर हाईमास्ट, सोलर पेयजल संयंत्र और सौर सुजला योजना के तहत सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा संचालित उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। इन संयंत्रों की स्थापना से ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं, जो उन्हें समाज के अन्य वर्गों के साथ जोड़ने का अभिनव प्रयास है। नियद नेल्ला नार योजना ने न केवल इन गांवों को रोशन किया है, बल्कि यहां के निवासियों के जीवन में नई उम्मीदें और संभावनाएं भी जगाई हैं।

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