बुद्ध के विचार सदैव प्रासंगिक रहेंगे
हमें अपने पूर्वजों के संघर्षों से प्रेरणा लेना है
नारायणपुर- महाकारूणिक तथागत गौतम बुद्ध की 2568 वीं जयंती छठी शताब्दी में निर्मित बौद्ध चैत्य गृह (स्तूप) भोंगापाल में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर ग्राम भोंगापाल में ग्राम भ्रमण के पश्चात बौद्ध चैत्य गृह में बौद्ध भंते ज्ञान बोधी द्वारा परित्राण पाठ (वंदना) किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बौद्ध समाज के गौरव महादेव कावरे संचालक कोष एवं लेखा छत्तीसगढ़ शासन, विशिष्ट अतिथि के रूप में रूपसाय सलाम अध्यक्ष जिला भाजपा नारायणपुर, सेवक राम नेताम पूर्व विधायक केशकाल, झाड़ी राम सलाम उपाध्यक्ष जिला भाजपा कोंडागांव, रानू पोटाई सदस्य जिला पंचायत नारायणपुर, विशेष अतिथि के रूप में फूलसिंग कोर्राम अध्यक्ष बुद्धदेव समन्वय समिति, मंगली कावड़े जनपद सदस्य नारायणपुर, उमेश रावत अध्यक्ष बौद्ध समाज नारायणपुर, कमलजीत आहूजा नारायणपुर, संतनाथ उसेंडी मंडल अध्यक्ष आदि उपस्थित थे
अध्यक्षता अनिल खोबरागड़े अध्यक्ष बुद्ध जयंती आयोजन समिति ने की। अतिथियों का मांदरी नाच के साथ ग्रामवासियों ने तिलक लगाकर स्वागत किया। बौद्ध चैत्य गृह भोंगापाल में मुख्य अतिथि महादेव कावरे एवं अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने पंचशील ध्वज का ध्वजारोहण किया तत्पश्चात उपस्थित अतिथियों ने सामुहिक रूप से बुद्ध वंदना की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महादेव कावरे ने अपने संबोधन में कहा कि तथागत गौतम बुद्ध के विचार सदैव प्रासंगिक रहेंगे। हमें अपने इतिहास को जानकर आगे बढ़ना है। हमारे पूर्वजों के संघर्षों से प्रेरणा लेना है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में बुद्ध के विचारों की झलक देखने को मिलती है। बाबा साहब आंबेडकर ने आरक्षण का प्रावधान नही किया होता तो हम आगे नहीं बढ़ पाते । अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ बौद्ध समाज के अध्यक्ष अनिल खोबरागड़े ने भारत के बौद्ध धर्म के बारे में विस्तार से बताया। गौतम बुद्ध के विचारों से प्रभावित होकर बोधिसत्व डॉ.भीमराव आंबेडकर के साथ लाखों लोगों ने पुरातन बौद्ध धर्म की दीक्षा लेकर इसे भारत में पुनः पुनर्जीवित किया। अनिल खोबरागड़े ने छत्तीसगढ़ छठी शताब्दी के बौद्ध चैत्य गृह भोंगापाल तक आने के लिए अच्छी सड़को के साथ भोंगापाल में वृहद शिक्षा केन्द्र एवं ध्यान केन्द्र बनाने की मांग छत्तीसगढ़ शासन से की।
विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक सेवक राम नेताम , समाज प्रमुख रूपसाय सलाम एवं झाड़ी राम सलाम ने अपने सारगर्भित संबोधन में प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ भोंगापाल के धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उसके संरक्षण, संवर्धन करने एवं तथागत गौतम बुद्ध के विचारों,शिक्षाओ से प्रेरणा लेकर समाज को आगे बढ़ाने एवं एकजुट होकर कार्य करने प्रेरित किया। इस आयोजन में मनोज बागड़े, गजानंद चिमनकर , मनीष ठाकरे , रामसाय नाग पूर्व सरपंच भोंगापाल, दिनेश सोरी, सुकमन सलाम, भानूराम नाग, व्यवस्था प्रभारी कपिल साहू, रूप सिंह नाग, मानसिंह सलाम, राजमन नाग, लिमसूराम नेताम, राजकुमार कोर्राम, सोपसिंह कोर्राम, जगदीश चौव्हाले , पंकज श्यामकुवर, कोंडागांव से मुकेश मारकंडे,पी.पी.गोंडाने,भुवनलाल मारकंडे,मंगल देवांगन, मनीराम तारम,सहित नारायणपुर, कोंडागांव, ग्राम भोंगापाल एवं आसपास के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में शामिल हुए।