नारायणपुर, 3 फरवरी 2024/ नारायणपुर स्थित रामकृष्ण आश्रम में आयोजित किसान मेला के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और अन्य अतिथियों द्वारा विभिन्न स्टॉलों में प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। यहां आसपास के क्षेत्र के किसानों द्वारा परंपरांगत बीजों और जैविक कृषि के माध्यम से तैयार की गई सब्जियां विशेष आकर्षण का केन्द्र रहीं। आम तौर पर देशी प्रजाति के बीजों से तैयार फसलों को कम वजन और आकार के लिए जाना जाता है और अधिक बड़े आकार और वजन के फसल के लिए हाइब्रिड फसलों की ओर रुख करते हैं। वहीं अबूझमाड़ क्षेत्र के किसानों द्वारा परंपरांगत रुप से सहेजे गए बीजों का उपयोग करने के साथ ही इनके बेहतर उत्पादन का प्रदर्शन भी किया गया। यहां कुम्हड़ा, लौकी, जिमीकंद सहित विभिन्न फसलों के आकार को देखते हुए कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम भी प्रभावित हुए और आमसभा के दौरान उन्होंने बताया कि इन फसलों को घर ले जाने की इच्छा हो रही है, जबकि इनके आकार और वजन के कारण ही इन्हें ले जाने की हिम्मत भी नहीं हो रही है।
वहीं इसके साथ ही यहां सियाड़ी बीज, रामदातुन, काली मुसली, सफेद मुसली, भुई नीम, गुलर, गन्ना, अमरुद, रखिया कुम्हड़ा, मसूर दाल, मुंग दाल, उड़द दाल राहर दाल, पोपट सेमी, अरंडी, आंवला, जंगली प्याज, केसूर कंद, शकरकंद, डांगकंद, तिखुर, मूली, भेलवां, सेमी, सुपाड़ी, चेरचेंडा, कामरंगा, काली मिर्च, चालता, चुकंदर, केउकंद, रागी, कोदो-कुटकी, सरसों, फूल झाड़ू, बासमती, कालीमूंछ, जवा फूल, मोहर धारा आदि प्रजाति के अनाज, दाल, तिलहन, साग-सब्जियां, मसाले, जड़ी-बुटियां प्रदर्शित की गई थी।