गोंडवाना भवन के प्रांगण में किया गया कार्यक्रम आयोजित..
न्यूज़ बस्तर की आवाज़@ जिला मुख्यालय नारायणपुर में आज 10 फरवरी को भूमकाल दिवस की 114 वी वर्षगाठ को धूमधाम से मनाया गया। सर्व प्रथम जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय प्रांगण में स्थित शहीद वीर गुण्डाधुर के प्रतिमा में माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किया गया।
गोंडवाना भवन बखरूपारा में सभा का आयोजन हुआ। जिसमें शहीद वीर गुण्डाधुर,शहीद बिरसा मुंडा सहित अन्य आदिवासी जन नायकों को याद करते हुए जल, जंगल, जमीन को बचाने किए उनके योगदानों को सभा में समाज प्रमुखों ने रखी। हजारों साल के आदिम रूढ़ी प्रथा का जिक्र करते हुए जन्म,छठी,मरनी एवम शादी मेला मंडई जात्रा के व्यवस्था को समाज प्रमुखों ने बताए आदिवासियों के रीती नीति को बचाने एवं संरक्षण करने की बात भी कही। उल्लेखनीय है कि अमर शहीद गुण्डाधुर के नेतृत्व में सन् 1910 में बस्तर में हुए भूमकाल आंदोलन में आदिवासियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ डटकर संघर्ष किया था। अमर शहीद गुण्डाधुर का जीवन अत्यंत संघर्ष मय रहा। वे संघर्ष के विरुद्ध एक महानायक के रूप में ख्याति प्राप्त करने में सफल रहे। उन्होनें अत्यंत सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेकर बस्तर के मूल निवासियों के अधिकारों के लिये अपनी शहादत दी है। आज उनकी याद में भुमकाल दिवस मनाया गया । साथ ही युवा पीढ़ी को बताया गया। मौके पर मांदरी नृत्य, महिलाओं और बच्चों ने आदिवासी वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित मनमोहन प्रस्तुति दी। जिसे पुरस्कार देकर पुरुस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित परगना मांझीयो को लाल पगड़ी पहनकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रजनू नेताम सर्व आदिवासी समाज संरक्षक,पंडीराम वडडे सीताराम सलाम,लक्ष्मीनाथ, इंद्र प्रसाद बघेल,फागूराम नुरेटी,संरक्षक मैनुराम कुमेटी,कांडेराम मंडावी गोंडवाना समाज अध्यक्ष, प्रमोद पोटाई,रामजी ध्रुव अबुझमाडिया समाज अध्यक्ष, संतनाम, सर्व आ. मिडिया प्रभारी, सुकमन कचलाम गोंडवाना युवा प्रभाग अध्यक्ष,भोलाराम बघेल हलबा समाज अध्यक्ष,रामलाल उसेंडी ,शम्भुराम दुग्गा सहित सैकड़ों समाज के युवक युवतियां महिलाएं उपस्थित थे।