नारायणपुर : माइंस में परिवहन कार्य में लगे ट्रक एवं हाइवा वाहनों से फर्जी RTO अधिकारी एवं परिवहन विभाग विभाग के अधिकारी द्वारा मैकेनिकल टैक्स के नाम से प्रतिमाह एक हजार का किया जाता है अवैध वसूली, नहीं देने पर वाहन को रोक कर किया जाता है जबरन चालानी कार्यवाही
नारायणपुर जिले के लौह अयस्क परिवहन कार्य में लगे ट्रकों को कोंडागांव RTO कर्मचारियों द्वारा रोककर किया जा रहा है अवैध वसूली, वीडियो हुआ वायरल
नारायणपुर जिले में अन्य राज्यों से आए कथित आरटीओ फर्जी अधिकारी (आरटीओ एजेंट) एवं आरटीओ अधिकारियों की मिलीभगत से मैकेनिकल चार्ज के नाम से प्रति वाहन से 1000/- का किया जा रहा है वसूली
मैकेनिकल चार्ज नहीं देने वाले वाहनों को नारायणपुर जिले के गढ़बेंगाल चौक, बिजली चौक कोंडागांव,केशकाल, कांकेर, एवं धमतरी में रोककर किया जा रहा है अवैध वसूली,चालानी कार्यवाही करने का दिखाया जाता है डर
नारायणपुर जिले में धड़ल्ले से चल रहा है मैकेनिकल चार्ज के नाम से अवैध वसूली, आरटीओ विभाग के अधिकारी के मिलीभगत से चल रहा है खेल…
जिला नारायणपुर में पिछले कुछ महीने से लगातार जिले में सक्रिय कुछ बाहरी अन्य राज्यों से आए आरटीओ एजेंटो द्वारा परिवहन विभाग की दलाली करने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है पहले से ही इन एजेंटो द्वारा विभाग के लिए आरटीओ काम के लिए अवैध वसूली का भी आरोप लगातार ट्रक मालिकों द्वारा भी लगाया जाता रहा है अब मैकेनिकल चार्ज के नाम से प्रति वाहन प्रतिमाह 1000 की दर से वसूली किया जा रहा है जिसमें नारायणपुर परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी एवं अंजरेल समिति एवं यूनियन के कुछ सदस्यों की भी मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार नारायणपुर जिले में आरटीओ विभाग के संरक्षण में अन्य राज्यों से आए आरटीओ एजेंटो जो अपने आप को कथित आरटीओ विभाग के अधिकारी बताते है जिनमें प्रमुखतः दो मुख्य एजेंट अभिषेक कौशल एवं मनदीप मिश्रा द्वारा नारायणपुर जिले के अंजरेल माइंस एवं छोटेडोंगर आमदाई माइंस के परिवहन कार्य में लगे लगभग 500 से अधिक ट्रक एवं हाइवा वाहनों से मैकेनिकल चार्ज के नाम से प्रतिमाह 1000 तक की अवैध वसूली किया जा रहा है जिसमें आधे से अधिक वाहन मालिक द्वारा रोड में परेशानी न हो जिसके चलते दे भी दिया जाता है इन फर्जी आरटीओ अधिकारी द्वारा इस प्रकार से प्रतिमाह 2-3 लाख तक अवैध वसूली किया जा रहा है जिसका किसी प्रकार से कोई रसीद भी नहीं दिया जाता है रसीद मांगने पर बोला जाता है रस्ते में कोई दिक्कत नहीं होगा RTO के तरफ से इसलिए 1000 देना पड़ेगा प्रति माह, नारायणपुर में कथित फर्जी आरटीओ अधिकारी द्वारा मैकेनिकल चार्ज 1000 देने के बाद भी अलग अलग जिले में आरटीओ कर्मचारियों द्वारा वाहन मालिकों से 300- 300 का फिर से मैकेनिकल चार्ज के नाम से लिया जाता है।
मैकेनिकल टैक्स नहीं देने वाले ट्रक मालिकों को जबरन रोक कर किया जाता है चालानी कार्यवाही
आपको बता दे ट्रक एवं हाइवा वाहन मालिकों द्वारा जानकारी दी गई कि अगर मैकेनिकल चार्ज के रूप में 1000 नहीं दिए जाने वाले वाहनों को नारायणपुर जिले के बिजली चौक, गढ़बेंगाल चौक, कोंडागांव, केशकाल, कांकेर एवं धमतरी में जबरन रोककर दस्तावेज एवं अन्य कार्यवाही के नाम से पहले अवैध वसूली किया जाता है नहीं देने पर चालानी कार्यवाही किया जाता है।
मैकेनिकल चार्ज पूरी तरह अवैध वसूली है, वाहन दस्तावेज बनाने के दौरान लगने वाले शुल्क को मैकेनिकल चार्ज कहते है – सूत्र
परिवहन विभाग द्वारा मैकेनिकल चार्ज, जिसे तकनीकी जांच शुल्क भी कहा जाता है, वाहनों की सड़क सुरक्षा और पर्यावरण मानकों को सुनिश्चित करने के लिए लिया जाता है। यह शुल्क वाहनों की फिटनेस जांच और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लिया जाता है।
विस्तार में:
परिवहन विभाग, जिसे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) भी कहा जाता है, वाहनों के पंजीकरण, फिटनेस, और सड़क पर चलने की अनुमति के लिए जिम्मेदार होता है। मैकेनिकल चार्ज या तकनीकी जांच शुल्क, वाहनों की जांच और प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
यह शुल्क क्यों लिया जाता है:
सड़क सुरक्षा:
मैकेनिकल चार्ज का एक मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वाहन सड़क पर चलने के लिए सुरक्षित हैं। नियमित जांच और प्रमाणन से यह सुनिश्चित होता है कि वाहन के ब्रेक, स्टीयरिंग, और अन्य सुरक्षा उपकरण सही ढंग से काम कर रहे हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है।
पर्यावरण संरक्षण:
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी करने के लिए भी मैकेनिकल चार्ज लिया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि वाहन पर्यावरण के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं और वायु प्रदूषण को कम करते हैं।
राजस्व संग्रह:
यह शुल्क सरकार के लिए राजस्व का एक स्रोत भी है, जिसका उपयोग परिवहन विभाग के संचालन और विकास कार्यों के लिए किया जाता है।
अनिवार्य प्रक्रिया:
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, सभी वाहनों को सड़क पर चलने से पहले फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है, और इसके लिए मैकेनिकल चार्ज देना होता है। संक्षेप में, परिवहन विभाग द्वारा मैकेनिकल चार्ज सड़क सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और राजस्व संग्रह के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लगाया जाता है।
नारायणपुर के ट्रक को कोंडागांव RTO द्वारा रोककर चार्ज के नाम पर किया जा रहा था अवैध वसूली, वीडियो हुआ वायरल
नारायणपुर से कोंडागांव पहुंचने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग NH 30 में रविवार को एक इसी प्रकार का एक ताज़ा मामला सोशल मीडिया के माध्यम कुछ वीडियो वायरल हुआ जिसमें नारायणपुर आमदाई माइंस की ट्रक लौह अयस्क परिवहन कार्य हेतु जा रही थी जिसमें से कुछ वाहन CG21J2318 कोंडागांव RTO के अधिकारियों द्वारा वाहन का दस्तावेज चेक करने के बहाने से पहले रोका, वाहन दस्तावेज पूर्ण होने के बावजूद भी 300/- मैकेनिकल चार्ज मांगने लगे तब उक्त वाहन के ड्राइवर रामदेव ने इसका विरोध किया और कहा कि जब वाहन का दस्तावेज पूर्ण है तो किस बात का शुल्क देना होगा तभी RTO के अधिकारी ने कहा सभी गाड़ी को यहां से जाना है तो 300/- देना पड़ेगा बाकी भी देते है आप भी दो नहीं तो गाड़ी को जब्त कर दिया जाएगा चालानी कार्यवाही करते हुए जिसके बाद कोर्ट से छुड़वाना पड़ेगा आपको वाहन को तब जागरूक ड्राइवर ने कहा आपको जो भी चालानी कार्यवाही करना है ऑनलाइन करे मालिक द्वारा ऑनलाइन भुगतान कर दिया जाएगा ऑफलाइन चालान में मेरे द्वारा एक रुपए भी नकद नहीं दिया जाएगा।
किसी भी RTO अधिकारी या कर्मचारी द्वारा चालानी कार्यवाही किया जाता है तब क्या करे…
परिवहन विभाग द्वारा जारी ऑफलाइन चालान वैध होते हैं, लेकिन उनका भुगतान ऑनलाइन या अधिकृत स्थानों पर ही करना होता है.
विस्तार में:
परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए ऑफलाइन चालान, जिन्हें “ट्रैफिक चालान” भी कहा जाता है, कानूनी रूप से मान्य होते हैं. ये चालान आमतौर पर यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जारी किए जाते हैं, जैसे कि गति सीमा से अधिक गाड़ी चलाना, लाल बत्ती कूदना, या बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना.
ऑफलाइन चालान के साथ क्या करें:
भुगतान:
चालान जारी होने के बाद, आपको 60 दिनों के भीतर इसका भुगतान करना होगा. आप इसे ऑनलाइन (परिवहन विभाग की वेबसाइट या ई-चालान पोर्टल के माध्यम से) या अधिकृत स्थानों (जैसे कि ट्रैफिक पुलिस स्टेशन या अधिकृत बैंक) में ऑफलाइन जमा कर सकते हैं.
भुगतान न करने पर:
यदि आप 60 दिनों के भीतर चालान का भुगतान नहीं करते हैं, तो इसे न्यायालय में भेज दिया जाएगा.
शिकायत:
यदि आपको लगता है कि चालान गलत तरीके से जारी किया गया है, तो आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
याद रखें:
भुगतान करने से पहले हमेशा वेबसाइट की प्रामाणिकता की जांच करें.
ऑफलाइन चालान का भुगतान अधिकृत स्थानों पर ही करें.
किसी भी तरह की समस्या या संदेह होने पर, परिवहन विभाग या कानूनी सहायता से संपर्क करें.