माओवादी विरोधी अभियान

नारायणपुर कलेक्टर के कच्चापाल दौरे के दौरान हुए IED ब्लास्ट के बाद पुलिस प्रशासन ने इलाके में सर्चिंग तेज की, थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कच्चापाल-तोके मार्ग पर जंगल में 04 नग आईईडी बरामद, सुरक्षा बलों ने सुझबुझ व सजगता से किया आईईडी बरामद

जिला नारायणपुर
दिनांक-11.01.2025

थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम कच्चापाल-तोके मार्ग पर जंगल में 04 नग आईईडी बरामद।
सुरक्षा बलों ने सुझबुझ व सजगता से किया आईईडी बरामद।

सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के नीयत से माओवादियों के द्वारा लगाया गया था आईईडी।
इसी जगह पर दिनांक 10 जनवरी सुबह एक आईडी विस्फोट से एक मवेशी गंभीर रूप से घायल हुआ, भैंस के साथ 2 ग्रामीण बाल बाल बचे रास्ता इस्तेमाल करने वाले ग्रामीणों, विकास कार्य कर्मचारियों और स्कूली बच्चों को भी हो सकता था नुकसान इसके पूर्व में आईईडी के चपेट में आने से क्षेत्र के कई ग्रामीण, वन्य प्राणी, मवेशी व जीव जन्तु हुए है घायल।

  • मौके से आईईडी विस्फोट का अवशेष किया गया बरामद।
  • सुरक्षा बलों एवं बीडीएस टीम के द्वारा किया गया सुरक्षित तरीके से आईईडी को निष्क्रिय।
  • बरामद 4 आईईडी का अनुमानित वजन 5 किलो से अधिक वजन।
  • डीआरजी, बीएसएफ एवं बीडीएस टीम की संयुक्त कार्यवाही।

पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) द्वारा  माओवादियों के कायराना हरकत से आईईडी विस्फोट की घटना से हो रही नुकसान को देखते हुए क्षेत्र में आईईडी खोजने के लिए बीडीएस टीम को अगल-अलग क्षेत्रों में भेजा जा रहा है और नक्सलियों के द्वारा लगाये गये आईईडी को बरामद कराया जा रहा। इसी कड़ी में दिनांक 10.01.2025 को जिला नारायणपुर क्षेत्रान्तर्गत कैम्प कच्चापाल से डीआरजी, बीएसएफ एवं बीडीएस के संयुक्त बल एरिया डॉमिनेशन पर कच्चापाल-तोके मार्ग एवं आसपास क्षेत्र की ओर रवाना हुए थे।


सुरक्षा बलों ने कच्चापाल-कुतुल मुख्य मार्ग जंगल पर 5 किलो से अधिक वजन वाले 4 आईईडी को खोजकर सुरक्षात्मक मानकों का पालन करते हुए उक्त बरामद आई.ई.डी. को निष्क्रिय किया गया, जिससे सुरक्षा बलों, स्थानीय आदिवासी ग्रामीणो व विकास कार्य कर्मचारियों, मवेशी, वन्य जीव जन्तु की मौत हो सकती थी या वे गंभीर रूप से घायल हो सकते थे।

इसी जगह पर दिनांक 10.01.2025 को सुबह एक आईईडी विस्फोट से एक मवेशी गंभीर रूप से घायल हुआ और भैंसे के साथ 2 ग्रामीण बाल-बाल बचे है उक्त आईईडी के चपेट में आने से रास्ता इस्तेमाल करने वाले ग्रामीणों, विकास कार्य कर्मचारियों, और स्कूली बच्चों को भी नुकसान हो सकता था। 15 दिन पहले इसी क्षेत्र के जंगल में एक आईईडी ब्लास्ट में दो जवान घायल हुए थे। साथ ही 15 नग़ कुकरु बम बरामद कर निष्क्रिय किए गए थे।

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