नेशनल लाइब्रेरियन्स डे पर साहित्यिक प्रश्नावली प्रतियोगिता का किया गया आयोजन
छात्रों में पुस्तक पढ़ने की जागरूकता बढ़ाने पर दिया गया जोर
नारायणपुर, 12 अगस्त 2025 शासकीय स्वामी आत्मानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणपुर के ग्रंथालय विभाग द्वारा भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉ.एस.आर. रंगनाथन के 133 वीं जन्म जयंती के अवसर पर प्रति वर्ष 12 अगस्त को नेशनल लाइब्रेरियन्स डे पूरे देश में मनाया जाता है।
इस अवसर पर साहित्यिक प्रश्नावली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें इंडिया डिवाइडेड, ठाकुर का कुआँ, सूरज का सातवां घोड़ा, इंडिया विंस फ्रीडम जैसे प्रसिद्ध पुस्तकों एवं उनके लेखकों के नाम तथा 2025 में बुकर पुरस्कार प्राप्त पुस्तक एवं उसके लेखक से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.आर. कुंजाम ने छात्र छात्राओं को छात्र जीवन मे लुक नही बल्कि बुक की ओर ज्यादा ध्यान देने को कहा और साथ ही यह भी बताया कि पुस्तकें ज्ञान प्राप्ति के मार्ग को प्रशस्त करती है और हमारे मन मस्तिष्क में तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता का विकास करती है इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपने रोजमर्रा के जीवन से कुछ समय निकालकर पुस्तकालयों में पुस्तकों के बीच अवश्य ही व्यतीत करना चाहिए।
इस अवसर पर महाविद्यालय के लाइब्रेरियन संजय कुमार पटेल ने डॉ. एस.आर. रंगनाथन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इनका जन्म 1892 में चेन्नई में हुआ था तथा ये गणित विषय के सहायक प्राध्यापक थे। सन 1924 में इन्हें मद्रास विश्वविद्यालय का प्रथम पुस्तकालयाध्यक्ष बनाया गया तथा वे पुस्तकालय विज्ञान की पढ़ाई करने लंदन गए। वहाँ से लौटने के बाद इन्होंने पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण लेख, अनुसंधान पेपर तथा पुस्तकें भी लिखी जिनमें मुख्य रूप से फाइव लॉज़ ऑफ लाइब्रेरी साइंस, कोलन क्लासिफिकेशन, क्लासिफाइड कैटेलॉग कोड, लाइब्रेरी मैनेजमेंट इत्यादि शामिल है। पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में इनके योगदान को देखते हुए इन्हें सन 1957 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया तथा 1965 में इन्हें नेशनल रिसर्च प्रोफेसर भी बनाया गया। उस समय देश मे केवल 4 अन्य ऐसे प्रोफेसर थे जिन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया था। रंगनाथन जी ने बी.एच.यू. में भी पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में कार्य किया तथा वे दिल्ली विश्वविद्यालय में भी प्रोफेसर के पद पर कार्य करते हुए पुस्तकालय विज्ञान के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहे। इनके नाम पर सरकार ने डाक टिकट भी जारी किया।
महाविद्यालय के लाइब्रेरियन ने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र छात्राओं को प्रसिद्ध पुस्तकों एवं उनके लेखकों के संबंध में जानकारी प्रदान करना तथा कहानियां एवं उपन्यास पढ़ने हेतु प्रेरित करना है। वर्तमान समय मे छात्र छात्राएं फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया पर ज्यादा समय व्यतीत कर रहे है। जिससे उनके मानसिक और बौद्धिक विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है। इन माध्यमो से उन्हें केवल क्षणिक सतही ज्ञान मिल पा रहा है। उन्हें विस्तृत ज्ञान की प्राप्ति हेतु पुस्तकों एवं ग्रंथालय की ओर पुनः लौटना होगा। यह कार्यक्रम छात्र छात्राओं के अंदर पुस्तकें पढ़ने की जिज्ञासा उत्पन्न करने और उनके जीवन मे ग्रंथालय की उपयोगिता एवं महत्व को बताने के उद्देश्य से भी किया गया। पुस्तकें हमारी कल्पना शक्ति को बढ़ाकर हमें तार्किक बनाती है इसलिए हमें अपने जीवन मे पुस्तकों को महत्व देते हुए ग्रंथालयों की ओर अपने कदम अवश्य बढ़ाना चाहिए।
प्रश्नावली प्रतियोगिता का मूल्यांकन अतिथि व्याख्यता राजनीति विज्ञान डॉ. मीनाक्षी ठाकुर के साथ (अर्थशास्त्र) डॉ. वंदना नेताम (अंग्रेजी) प्रीति पटेल (समाजशास्त्र) जसमान ब्रजेश एवं (वनस्पतिशास्त्र) प्रफुल गेडाम ने किया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अजोन्ति पोटाई बीएससी तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान रामसिंह यादव बीए प्रथम सेमेस्टर, रोहित साहू बीए तृतीय वर्ष एवं शुभरागन एमए हिंदी प्रथम सेमेस्टर ने संयुक्त रूप से तथा तृतीय स्थान अंजली पोटाई एमएससी वनस्पतिशास्त्र तृतीय सेमेस्टर और आशीष वड्डे बीए प्रथम सेमेस्टर ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को लाइब्रेरियन्स डे के दिन 12 अगस्त को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस आर कुंजाम, लाइब्रेरियन श्री संजय कुमार पटेल तथा अन्य सहायक प्राध्यापकों के हाथों प्रमाण पत्र एवं अन्य पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक, अतिथि व्याख्यता, बुक लिफ्टर श्री मेष राम ठाकुर एवं अन्य समस्त कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।