सुशासन तिहार – 2025
छोटेडोंगर में आयोजित समाधान शिविर में लीमेश्यवर भोयर को मिला मछली जाल
मछली पालन हेतु ऋण के लिए प्रस्तुत किया आवेदन
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को किया धन्यवाद ज्ञापित
नारायणपुर, 19 मई 2025 सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत जिले के ग्राम छोटेडोंगर में 16 मई को आयोजित समाधान शिविर में बड़गांव निवासी लीमेश्वर भोयर को एक मछली जाल प्रदाय किया गया। लीमेश्वर ने शासकीय योजना से लाभान्वित होने पर खुशी जाहिर की। लीमेश्वर ने बताया कि उनके पास आधा एकड़ एक तालाब है, जिसमें वे मछली का पालन करते हैं। तालाब में रोहू, कतला, तिलापिया, ग्रास कार्प, कोमल कार जैसी मछलियों का पालन करते हैं, इससे उनकी अच्छी आमदनी हो जाती है। लीमेश्वर ने बताया कि मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहता है। मछली पालन में किसी प्रकार की समस्या होने पर विभाग से दवाईयां भी प्रदान की जाती है और उत्पादन बढ़ाने के लिए सलाह भी दी जाती है। समाधान शिविर में मछली जाल करने पर उनके चेहेरे पर खुशियां झलक रही थी। लीमेश्वर द्वारा शिविर में मछली पालन हेतु ऋण के लिए भी आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिसका भी शीघ्र स्वीकृति दिया जाएगा। लाभान्वित होने पर लीमेश्वर ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि मछली पालन विभाग के राज्य पोषित योजनाएं अंतर्गत नाव जाल या जाल क्रय की सुविधा दी जाती है। तालाबों, जलाशयों अथवा नदियों में मत्सयाखेट करने वाले सभी वर्ग के सक्रिय मछुआरों को नाव, जाल, उपकरण क्रय करने हेतु प्रति मछुआरा 10 हजार रूपए की सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही मछली पालकों के लिए फिंगरलिंग क्रय कर संचयन पर सहायता, फुटकर मत्स्य विक्रय के लिए सहायता, मत्स्य बीज संवर्धन, तालाब सुधार एवं इनपुट्स मत्स्य बीज के लिए 30 हजार रूपए की आर्थिक सहायत उपलब्ध कराई जाती है। योजना के अंतर्गत झींगा पालन एवं अलंकारिक के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मत्स्य पालकों को तीन वर्षों में आर्थिक सहायता दी जाती है। मत्स्य विभाग द्वारा पंजीकृत मत्स्य सहकारी समितियों को मछली पालन के लिए उपकरण एवं अन्य प्रयोजनों तथा तालाब पट्टा, मत्स्य बीज, नाव जाल क्रय के लिए पात्रतानुसार 3 लाख रूपए प्रति सहकारी समिति को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी तरह मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछुआ समितियों को रोजगार में वृद्धि करने के लिए शासकीय योजनाओं से आर्थिक सहायता एवं अनुदान दिया जाता है।