न्यूज बस्तर की आवाज़@जगदलपुर/ राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित ग्राम बस्तर में ग्यारहवीं शताब्दी का एक प्रसिद्ध शिवालय है। यहां के शिवलिंग को स्वयंभू कहा जाता है। यह शिवालय केंद्रीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। सावन के पवित्र माह में विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल ने कावड़ यात्रा बस्तर प्रखण्ड में पवित्र मारकंडी नदी से प्राचीन शिव मंदिर तक कावड़ यात्रा निकाली गई। जिसमें भारी संख्या में शिव भक्त सम्मिलित हुए। एवम प्राचीन शिव मंदिर में जलाभिषेक किया । विभाग संयोजक सिकंदर कश्यप ने बताया कि इस शिवालय का निर्माण 12वीं शताब्दी के दौरान तत्कालीन बस्तर के छिंदक नागवंशी राजाओं ने करवाया था। लोक मान्यता है कि यहां पहुंचने वाले निःसंतानों की मनोकामना भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं। वहीं इच्छा पूरी होने पर भक्त यहां त्रिशूल व धातु निर्मित नाग अर्पित करते हैं।

मारकंडी नदी का नाम प्राचीन काल के ऋषि मारकंडे के नाम से पड़ा जो की ऋषि की तप स्थली थी, उन्होंने बस्तर चपका में पुराण का लेखन किया था। स्थानीय शिव भक्त व पुजारी ने कहा यह स्वयं भू शिव के प्रकट होने के बाद विश्वकर्मा द्वारा मंदिर की रचना की गयी, जो एक रात में बना था। विहिप नगर धर्म प्रसार प्रमुख कार्तिक नाग ने कहा कावड़ यात्रा सनातन जागरण के उद्देश्य से यहां सैकडो कावड़ियों ने मारकंडी नदी से जल लेकर, प्राचीन शिव मंदिर बस्तर में जाकर भक्तों के द्वारा जलाभिषेक कर भगवान शिव
का आशीर्वाद लिया। नगर अध्यक्ष विवेक शुक्ला ने कार्यक्रम में प्रत्यक्ष एवम अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले गडमान्य नागरिक ,सुरक्षा व व्यवस्था मे लगे पुलिस प्रशासन, बजरंगदल, समाज सेवियों व जगह जगह कावड़ियों का स्वागत किया। इस यात्रा में विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल, मातृशक्ति सहित समाज सेवी व खंड प्रखंड के बजरंगी कार्यकर्ताओ का आभार व्यक्त किया ।

यह रहे उपस्थित:विभाग संयोजक सिकंदर कश्यप, नगर अध्यक्ष विवेक शुक्ला, धर्म प्रसार प्रमुख कार्तिक नाग, सत्संग प्रमुख हरि सिंह ठाकुर, दसी पटेल, नेहरू,लक्ष्मण,जैमन, दिनेश, संकर, रवि, पवन, कृष्णा, अंशु , चूमन, शिवांग बस्तर के अन्य सभी बजरंगी कार्यकर्ता उपस्थित थे ।