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जिला नारायणपुर में 5 लाख ईनामी 1 एसीएम सहित अन्य 7 जिसमें 3 पुरूष व 5 महिला कुल 8 माओवादियों का आत्मसमर्पण।

प्रेस विज्ञप्ति
आत्मसमर्पण
 जिला नारायणपुर
 दिनांक 22.01.2025

जिला नारायणपुर में 5 लाख ईनामी 1 एसीएम सहित अन्य 7 जिसमें 3 पुरूष व 5 महिला कुल 8 माओवादियों का आत्मसमर्पण।

नारायणपुर पुलिस द्वारा चलाये जा रहे आत्मसमर्पण नीति ‘‘माड़ बचाओ अभियान ’’ से प्रभावित होकर माओवादी (एसीएम) दिलीप ध्रुवा, सुधराम पोयाम, सुकली तिम्मा, सोनी कोर्राम (एलओएस) सहित 4 माओवादियों अमृता नुरेटी व घस्सी पोड़ियाम (सीएनएम), मंगलु कश्यप (आरपीसी), सुदनी वड़दा नक्सली सदस्य ने किया आत्मसमर्पण। इन माओवादियों पर है 8 लाख से अधिक का ईनाम घाोषित। जिला नारायणपुर, बीजापुर, दन्तेवाड़ा क्षेत्र में घटित नक्सल घटनाओं में ये आत्मसमर्पित माओवादी रहे शामिल ।

एसीएम दिलीप ध्रुवा सहित 7 माओवादियों के आत्मसमर्पण से माड़ डिवीजन कुतुल एरिया कमेटी के माओवादियों को लगा है बड़ा झटका  आत्मसमर्पण करने पर प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। अब नक्सल मुक्त ‘‘माड़ बचाव अभियान’’ का कल्पना हो रहा है सार्थक ।


श्री सुन्दरराज पी. (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित तुकाराम काम्बले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर के मार्गदर्शन, श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर एवं श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा माओवादियों के विरूद्ध क्षेत्र में लगातार चलाये जा रहे नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सल संगठन से 1 एसीएम सहित अन्य 7 माओवादी कुल 8 के आत्मसमर्पण की महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है, जिनमे
1. दिलीप ध्रुवा पिता स्व. बुकलू उम्र 54 वर्ष निवासी ग्राम फरसगांव/बेदरे थाना कुटरू वर्तमान पता- कोडतामरका पंचायत धुरबेड़ा थाना कोहकामेटा जिला नारायणपुर (छ0ग0) पद- एसीएम कुतुल एरिया कमेटी इंटेलीजेंस प्रभारी, 05 लाख ईनामी।


2 . सुकली उर्फ ललिता तिम्मा पिता काना उम्र 25 वर्ष जाति माड़िया निवासी ग्राम पोदमकोटी थाना कोहकामेटा जिला नारायणपुर(छ0ग0) पद- कुतुल एलओएस सदस्य, 01 लाख ईनामी।
3 . सुधराम पोयाम पिता सुकड़ो उम्र 17 वर्ष जाति माड़िया निवासी ग्राम थुलथुली/जुवाड़ा थाना ओरछा जिला नारायणपुर (छ0ग0) पद- आरेछा एलओएस सदस्य दीपक का गार्ड, 01 लाख ईनामी।
4 .सोनी कोर्राम पिता स्व. बुधु कोर्राम उम्र 22 वर्ष जाति माड़िया निवासी ग्राम भटबेड़ा पंचायत मण्डाली थाना ओरछा जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- जाटलूर एलओएस सदस्य, 01 लाख ईनामी।
5 .मंगलु कश्यप पिता स्व. अड़मो उम्र 41 वर्ष जाति अबूझमाड़िया निवासी ग्राम बेड़मामेटा पंचायत कुतुल थाना कुकड़ाझोर जिला नारायणपुर (छ0ग0) पद- कोडलियार जनताना सरकार अध्यक्ष।


6 .घस्सी उर्फ पुन्नी पोड़ियाम पिता स्व. बीमा उम्र 27 वर्ष जाति गोड़ निवासी ग्राम मोहनार पंचायत पंचायत मण्डाली थाना धनोरा जिला नारायणपुर (छ0ग0) पद- इन्द्रावती एरिया सीएनएम सदस्या।
7. अमृता नुरेटी पिता अड़वे राम उम्र 18 वर्ष जाति माड़िया निवासी गारपा पंचायत गारपा थाना सोनपुर जिला नारायणपुर (छ0ग0) पद ईरकभट्ठी नाट्य चेतना मंच।
8 .सुदनी वड़दा पिता मंगतु राम वड़दा उम्र 17 वर्ष जाति माड़िया निवासी ग्राम कोडलियार थाना कोहाकमेटा जिला नारायणपुर (छ0ग0) पद- रेकावाया जनताना सरकार स्कूल में विद्यार्थी न्यू रिकरूट।


के आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नारायणपुर पुलिस, डीआरजी, आईटीबीपी का विशेष प्रयास रहा है ।

आज दिनांक 22.01.2025 को 05 लाख ईनामी (एसीएम) दिलीप ध्रुवा माड़ डिवीजन के अंतर्गत कुतुल एरिया कमेटी समेत सुकली उर्फ ललिता (एलओएस सदस्य), सुधराम पोयाम( एलओएस सदस्य), सोनी कोर्राम (एलओएस सदस्य), मंगलु कश्यप (आरपीसी), घस्सी उर्फ पुन्नी (सीएनएम), अमृता नुरेटी (सीएनएम), सुदनी वड़दा(न्यू रिकरूट) ने श्री प्रभात कुमार पुलिस अधीक्षक नारायणपुर (भा.पु.से.), श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) व श्री सुशील नायक (रा.पु.से.) अति. पुलिस अधीक्षक जिला नारायणपुर के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किये। आत्मसमर्पण करने पर प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। इस अवसर पर पुलिस विभाग नारायणपुर के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।


माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में चलाये जा रहे विकास कार्य बड़ा कारण रहा तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। सुरक्षा बलों के लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में कैम्प स्थापित करने एवं क्षेत्र में चलाये जा रहे आक्रामक अभियानों एवं मारे जाने से उत्पन्न भय ने भी इन्हें संगठन छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद तेलंगाना-आंध्र कैडर के नक्सलियों के दबाव पूर्वक कार्य कराने की नीति के चलते इन नक्सलियों को यह महसूस हुआ कि वे व्यर्थ ही अपने ही लोगों को मार रहे थे। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें नई उम्मीद दी है और वे जंगल की कठोर परिस्थितियों में जीवन बिताने और संगठन के भीतर शोषण तथा क्रूर व्यवहार से बाहर निकलकर समाज के मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन बिता सकते हैं।

विगत वर्ष सुरक्षा बलों द्वारा चलाये गए सघन नक्सल विरोधी अभियान ने जहाँ शीर्ष नेतृत्व को झिंझोड़कर रख दिया है वहीं अपनी नाकामियों का ठीकना उन्होंने बीच के व निचले कैडर पर छोड़ दिया है। सभी माओवादियों ने सरेंडर के दौरान बातचीत में यह भी बताया कि नक्सल संगठन के कई सदस्य भी वर्तमान में आत्मसमर्पण करना चाह रहे किन्तु शीर्ष कैडर के दबाव के चलते वे अपनी मुख्यधारा से संपर्क नहीं कर पा रहे।

अंदरूनी क्षेत्र में लगातार पुलिस कैम्प खुलने एवं आक्रामक नक्सल विरोधी अभियान संचालित होने से पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और नक्सलियों के खोखले विचारधारा व क्रूर व्यवहार, आंतरिक मतभेद से बाहर निकलकर समाज के मुख्य धारा जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे है जो कि माड़ डिवीजन के अंतर्गत कुतुल एरिया कमेटी दिलीप ध्रुवा (एसीएम) सहित अन्य छोटे कैडर के 07 माओवादियों का आत्मसमर्पण इसी का परिणाम है। आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है। इस प्रकार बहुत अधिक संख्या में नक्सलियों का आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप लेते हुए।

नारायणपुर एसपी श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) द्वारा नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आकर नक्सली संगठन से जुड़े ग्राम स्तर/पंचायत स्तर/ एरिया स्तर के बड़े व छोटे कैडरों से अपील किया गया कि वे भय मुक्त होकर आत्मसमर्पण कर शासन की पुर्नवास योजना का लाभ लेवें अन्यथा उन्हें बख्शा नहीं जाएगा द्य शासन की पुनर्वास नीति के फायदे घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए किया है, उन्होंने अनुभव किया कि केवल शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आकर उन्होंने माड़ के लोगों को प्रताड़ित किया और लोग उनका साथ छोड़ते चले गये है, जहाँ नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व भी अब उनकी विचारधारा के साथ नहीं बल्कि खिलाफ है, यह द्वन्द सालों से इनके भीतर रहा है लेकिन “माड़ बचाओ अभियान” उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है, अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे स्वछन्द रूप से अपना नैसर्गिक जीवन जी सके।

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