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भारत में 25 दिसंबर का दिन ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती का प्रतीक है, सुशासन दिवस पर जिले में किया गया विशेष आयोजन

सुशासन दिवस पर जिले में किया गया विशेष आयोजन

नारायणपुर, 25 दिसंबर 2024  भारत में 25 दिसंबर का दिन ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती का प्रतीक है। इस दिन को विशेष रूप से उनकी सुशासन की परंपरा, उत्कृष्ट नेतृत्व और देश के प्रति अद्वितीय सेवाओं के सम्मान में समर्पित किया गया है।

अटल जी भारतीय राजनीति के एक ऐसे स्तंभ रहे हैं, जिनकी छवि एक दूरदर्शी नेता और उत्कृष्ट कवि के रूप में भी अमिट है। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में देश की एकता, विकास और सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
इस विशेष अवसर पर जिला नारायणपुर में नगर पालिका परिषद द्वारा एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन बखरूपारा स्थित राजपूत क्षत्रिय समाज भवन में किया गया, जिसमें क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस आयोजन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि से हुई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर श्री बिपिन मांझी उपस्थित रहे, जिन्होंने अटल जी के नेतृत्व और सुशासन के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “अटल जी की विचारधारा और उनके कार्य हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत रहेंगे। उनकी दृढ़ नीतियां और उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग हमें आज भी सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।


इस अवसर पर नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री आशीष कोर्राम, जनप्रतिनिधि गण श्री जैकी कश्यप, श्री रोशन गोलचा, श्रीमती प्रमिला प्रधान, श्रीमती अनीता कोरेटि, श्री बसंत कुंजाम, श्री हिमांशु क़ावडे, श्री रामचंद यादव, श्री दिनेश साहू, श्री अंकित दिल्लीवार, श्री अजय राय, श्री विकास शर्मा, श्री सुकुमार मंडल, भक्त प्रह्लाद मांडवी, रुकसाना खान, हासिम खान सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। सभी ने अटल जी की स्मृतियों का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के दौरान अटल जी के जीवन पर आधारित कविताओं और उनके भाषणों के अंश भी प्रस्तुत किए गए, जिनसे वहां उपस्थित जनसमूह में एक भावुक वातावरण बन गया। इस कार्यक्रम ने न केवल अटल जी के योगदान को याद किया, बल्कि उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य भी किया।

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