लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ज्योति मौर्या मामले के त्रिकोण का ‘तीसरा कोण’ अब संकट बन गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, महोबा जिले के होम गार्ड के कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ पुलिस जांच के साथ-साथ उनके निलंबन और विभागीय कार्रवाई की संभावना है। एक महिला पीसीएस अधिकारी के साथ उनके कथित संबंध में उनका नाम आने के बाद उनके खिलाफ की गई प्रारंभिक जांच में उन्हें दोषी पाया गया है। महिला अधिकारी बरेली में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के पद पर तैनात हैं। एसडीएम ज्योति मौर्या अपने पति आलोक मौर्या के साथ मनमुटाव और मनीष दुबे के साथ अपने संबंधों को लेकर चर्चा में रही हैं। होम गार्ड के महानिदेशक (डीजी) बिजय कुमार मौर्य ने पुष्टि की कि उप महानिरीक्षक (डीआईजी) संतोष सिंह द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के दौरान मनीष दुबे के खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें निलंबित करने और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की सिफारिश के साथ रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी गई है। रिपोर्ट में उनके और पीसीएस अधिकारी के बीच कथित बातचीत के वायरल ऑडियो के संबंध में विस्तृत पुलिस जांच की भी सिफारिश की गई थी, जिसमें उन्हें कथित तौर पर अपने पति से छुटकारा पाने की बात करते हुए सुना गया था। उन्होंने कहा कि केवल पुलिस ही वायरल ऑडियो की फोरेंसिक जांच कर सकती है और इसके पीछे की सच्चाई सामने ला सकती है क्योंकि प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारी वायरल ऑडियो की पुष्टि करने के लिए सामने नहीं आए हैं।