छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने आत्मानंद स्कूल के शिक्षक की याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि बिना सहमति के स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। शासकीय स्कूलों में शिक्षकों का स्थानांतरण बिना अनुमति के आत्मानंद स्कूलों में नहीं करने का फैसला दिया है। याचिकाकर्ता को पहले शासकीय स्कूल से आत्मानंद स्कूल तबादला कर दिया गया था। जिसके विरोध में याचिका लगाई थी अब कोर्ट ने शिक्षक के पक्ष में फैसला दिया है।
बता दें, आत्मानंद स्कूल का संचालन समिति के माध्यम से किया जाता है। याचिकाकर्ता सोमेश्वर लिखरे शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल देवादा में प्राचार्य के पद पर कार्यरत है। उन्हें एक नवंबर 2023 को शाासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल देवादा जिला दुर्ग में स्थानांतरित कर दिया। आदेश के खिलाफ शिक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिका अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से दायर की गई। जिसकी सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने शासन की नीति के विपरीत जाकर किए गए तबादला आदेश को निरस्त कर दिया है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई।
प्रतिनियुक्ति या संविदा नियुक्ति होती है
याचिकाकर्ता ने बताया कि स्थानांतरित स्कूल शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल देवादा का उन्नयन आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में हो चुका है और आत्मानंद स्कूल को कलेक्टर की अध्यक्षता वाली सोसायटी संचालित करती है। यहां पर केवल प्रतिनियुक्ति या संविदा में ही नियुक्ति हो सकती है। जिसमें प्रतिनियुक्ति के लिए कर्मचारियों की समहति आवश्यक है। याचिकाकर्ता ने स्थानांतरण के लिए असहमति लिखकर दे दी है।