जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से कानून व्यवस्था गड़बड़ा गई है, सरकार कानून व्यवस्था संभाल नही पा रही है। पहले बलौदाबाजार में कलेक्टर व एसपी कार्यालय तक जल गए, जिसमे उसके बाद निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया, राजनीतिक दुश्मनी निकालते हुए विधायक देवेंद्र यादव को जेल भेजा गया। जबकि वो घटना पूरी तरह सरकार की फैलियर के कारण हुई है। वही अब कवर्धा जिले में साहू समाज के लोगो को पीटा गया। पुलिस द्वारा कवर्धा जेल में बंद विचाराधीन कैदी प्रशांत साहू की पीट-पीट कर हत्या कर दी। प्रदेश में कानून नाम की चीज नही है। हमारा यही सवाल है कि प्रशांत साहू की जेल में कैसे मौत हुई, अगर सरकार गलत नही है तो वहां के एएसपी को क्यो संस्पेंड किया गया। वहाँ के कलेक्टर व एसपी को क्यो हटाया गया। वहाँ के स्टाफ को क्यों हटाया गया। आखिर किसके कहने पर पुलिस ने ये कृत्य किया। इस पूरे मामले की न्यायहिक जांच होनी चाहिए ताकि पर्दे के पीछे चेहरे उजागर हो सके।
हरीश कवासी ने कहा कि सुकमा जिले के कोंटा ब्लाक मुख्यालय व कैम्प से महज कुछ ही दूरी पर एक पुलिसकर्मी व उसके परिवार की हत्या हो जाती है। सुबह से ही वहाँ गाँव मे बैठक चलती है जिसकी जानकारी पुलिसकर्मी ने पहले ही दे रखी है उसके बाद भी पुलिस सावधानी नही बरतते हुए उसको गाँव भेजा जाता है। और वहां एक परिवार के पांच सदस्यों की पीट-पीट कर हत्या हों जाती है जिसकी भनक तक पुलिस प्रशासन को नही लगती है। तो नक्सल क्षेत्र में खुफिया जानकारी के नाम पर लाखों-करोड़ों खर्च क्यो किया जाता है जब इतने पास की जानकारी नही मिल सके। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
हरीश कवासी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर हो गई है। भाजपा पार्टी सरकार नही चला पा रही है। प्रदेश के गृहमन्त्री सिर्फ सोशल मीडिया में भाषणबाजी में व्यस्त है। जनता परेशान हो चुकी है। इसलिए कांग्रेस के बंद को अपार समर्थन मिला है।