अतिथि शिक्षकों को पुनः नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट के निर्देश करने के बाद भी नहीं मिल रही है नियुक्ति, दर दर भटकने को मजबूर
राज्य स्तर अतिथि शिक्षक भर्ती सन् 2019 के अनुसार कोण्डागॉंव जिले में भी अतिथि शिक्षक भर्ती की गई थी जिसमें जिले के स्थानीय उम्मीदवारों को भी बीएड एवं स्नातकोत्तर द्वितीय श्रेणी के आधार पर चयनित किया गया था परंतु तीन शिक्षा सत्र 2019-20 से 2021-22 व्यतीत होने की पश्चात् जिले के अधिकारियों के द्वारा भर्ती में अनियमितता व योग्यता का हवाला देकर स्थानीय अतिथि शिक्षकों का नाम देकर अध्यापन कार्य से पृथक किया गया जबकि जिले में ही अन्य अतिथि शिक्षकों की सेवाएं निरंतर ली जा रही है l
इसी क्रम में जिला कलेक्टर के मार्ग दर्शन में एक जाचं समिति जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में गठित की गई थी जिसमें हम समस्त स्थानीय अतिथि शिक्षकों को दस्तावेज सत्यापन से पृथक रखा गया था जबकि अन्य अतिथि शिक्षकों का दस्तावेज परिक्षण करवाया गया था।
पीड़ित अतिथि शिक्षकों ने इस संबंध में निराकरण हेतु माननीय हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष याचिका दायर की थी कोर्ट के द्वारा दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति संबंधी कार्यवाही जिला शिक्षा अधिकारी कोंडागांव को शिक्षा सत्र 2025 26 के प्रारंभ के पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है किंतु डीईओ कोंडागांव के द्वारा हमें पिछले चार माह से पद रिक्त ना होने तो कभी रिक्त पद विद्या मितान के लिए सुरक्षित रखना तो कभी मंत्रालय के आदेशित करने की पश्चात ही नियुक्ति देने जैसे मौखिक आश्वासन देकर घुमाया जाता रहा है ।
इस संबंध में कलेक्टर कोण्डागांव को भी अवगत कराए जाने के पश्चात भी कोई निराकरण या कार्रवाई नहीं की गई है हमने अपने निजी स्तर पर मंत्रालय रायपुर में मुख्य सचिव व संचालक शिक्षा विभाग के समक्ष भी आवेदन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया
मंत्रालय से प्राप्त जानकारी अनुसार डीईओ कोंडागांव के द्वारा ही नियुक्ति संबंधी कार्रवाई की जानी है परंतु इतना समय व्यतीत होने के पश्चात भी नियुक्ति संबंधी कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि जिले में रिक्त पद के संबंध में जानकारी स्वयं शिक्षा विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा ही समय-समय पर हमें दिया जाता रहा है साथ ही साथ युक्ति युक्त करण के चलते जिले के कई हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में हमारे विषय के पद रिक्त भी हुए हैं इसके बावजूद हमें उन स्थानों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है।