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जिले में समर्थन मूल्य पर इमली की खरीदी नही होने से ग्रामीणों को हुआ आर्थिक नुकसान – केदार कश्यप

न्यूज़ बस्तर की आवाज़@नारायणपुर -कांग्रेस सरकार जहा एक ओर अपने आपको वनवासियों का हितैषी होने का दावा करती है वही दूसरी ओर नारायणपुर जिले में इमली कि खरीदी न होना भूपेश सरकार कि विफलता को दर्शाता है। उक्त बाते मीडिया को जारी बयान में भाजपा प्रदेश महामंत्री व पूर्व अजजा मंत्री केदार कश्यप ने कही वही कश्यप ने आगे कहा नारायणपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में ग्रामीणों के आय का प्रमुख श्रोत वनोपज है जिसका संग्रहण कर ग्रामीण अपना जीवकापर्जन करते है इसी में से एक वनोपज इमली है । ज्ञात हो पूर्वती भाजपा सरकार हर साल इमली कि खरीदी समर्थन मूल्य पर कर रही थी जिससे ग्रामीणों की आय में वृद्धि हो रही थी और आर्थिक संपन्नता से जीवन में बदलाव आने कि खुशी साफ दिखाई देती थी लेकिन ज़बसे प्रदेश में कांग्रेस कि सरकार आयी है वनवासियों के चेहरे से खुशी गुम सी हो गयी है। इस सरकार में किसी साल खरीदी होती है और किसी साल नही इस वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी नही होने से ग्रामीणों कि ख़ुशी में ग्रहण लग गया है जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी गयी है।

इमली कि खरीदी न होना भूपेश सरकार कि विफलता - केदार कश्यप

जिले के ग्रामीण इलाको में वनोपज इमली का संग्रहण गांव के सभी ग्रामीण मिलकर करते है । गांव के पुरुष इमली के पेड़ पर चढ़कर इमली गिराते है और गांव महिलाए इमली का संग्रहण का कार्य करती है । गांव के सभी इमली के पेड़ो का इमली तोड़कर एकत्र किया जाता है उसके बाद प्रत्येक परिवार में एकत्र इमली को बराबर बांट दिया जाता है जिसके बाद ग्रामीण इमली को वन विभाग को 33 से 36 रुपए समर्थन मूल्य पर बेचते है लेकिन इस बार समर्थन मूल्य पर खरीदी नही होने के कारण ग्रामीणों में भारी नाराजगी है क्योंकि ग्रामीणों को 18 से 20 रुपए कम दाम पर व्यापारियों को इमली बेचना पड़ रहा है जिससे ग्रामीणों को 15 से 18 रुपए किलो का नुकसान हो रहा है । वही आगे कश्यप ने कहा कि इमली की शासकीय खरीदी नही होने से ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रत्येक गांव में लगभग इमली 60 से 70 क्विंटल निकलती है उसके हिसाब से एक से दो लाख रुपए का आर्थिक नुकसान ग्रामीणों को हो रहा है । ये तो एक गांव की बात है पूरे जिले की बात की जाए तो करोड़ों रुपये का नुकसान ग्रामीणों का हुआ है ।

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