🛑 जिले के कायाकल्प अवार्ड से सम्मानित हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर, बेनूर के चिकित्सा अधिकारी आये दिन अपने मुख्यालय से रहती है गैरहाजिर
🛑 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेनूर के मेडिकल ऑफीसर के आदेश से अपनी अनुपस्थिति में स्टॉफ नर्स से करवाया जा रहा है मरीजो का उपचार
🛑 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेनूर की प्रभारी अधिकारी आई.पी.डी. पर्ची में हस्ताक्षर कर अपने निवास में बैठ ऑनलाइन एवं फोन के माध्यम से करती है मरीजो का उपचार
🛑 पी.एच.सी. बेनूर में भर्ती मरीजों का दावा अस्पताल में भर्ती उपरांत आज तक नही किया गया चिकित्सा अधिकारी के द्वारा कोई भी उपचार
🛑 हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर के चिकित्सा अधिकारी द्वारा मरीजो, स्थानीय नागरिक एवं जनप्रतिनिधियों से किया जाता है अभद्रतापूर्ण व्यवहार
न्यूज़ बस्तर की आवाज़@नारायणपुर/ जिला मुख्यालय नारायणपुर से महज 20 कि.मी. की दूरी पर नारायणपुर-कोंडागांव मुख्य मार्ग में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जो कि केंद्र शाशन एवं राज्य शाशन से अपनी स्वास्थ्य सुविधाएं कागजी कार्यो में दिखाकर कायाकल्प एवं कई अवार्ड अपने नाम किया गया है लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की भौतिक एवं वास्तविक स्थिति कुछ और ही जिसकी शिकायत आये दिन बेनूर ग्राम के स्थानीय लोग,जनप्रतिनिधियों एवं मरीजो द्वारा किया जा रहा है, जिसमे प्रायः सुनने में आता है कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा बिना अपने उच्च अधिकारी को सूचना दिए मुख्यालय से कई दिनों तक अनुपस्थित रहने के साथ साथ मरीजो के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया जाता है, जिसके चलते मरीज ग्राम के झोलाछाप डॉक्टरों से अधिक शुल्क देकर जान जोखिम में डालकर उपचार करवाने को मजबूर हो जाते है, एवं कुछ लोगो के द्वारा अधिक समस्या एवं स्थिति गंभीर होने पर जिला अस्पताल में उपचार कराने 20 कि.मी. की दूरी तय किया जाता है |
कुछ दिनों पूर्व ग्रामीणों एवं मरीजो द्वारा शिकायत किया गया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशी चंद्राकर द्वारा लगातार अपने मुख्यालय से गैरहाजिर होकर अपने निवास स्थल रायपुर से ही मरीजो का उपचार किया जाता है, एवं मरीजो द्वारा यह जानकारी दिया गया कि प्रभारी अधिकारी द्वारा ओ.पी.डी/आई.पी.डी. पर्ची में मुख्यालय अनुपस्थिति होने से पहले ही हस्ताक्षर कर अपने निवास स्थल से घर बैठकर फ़ोन के माध्यम से स्टॉफ नर्स को निर्देश देकर मरीजो का उपचार किया जा रहा है बिना किसी जाँच के एवं उक्त लापरवाही के चलते अगर किसी भी मरीज का हालात खराब हो जाये तो उसका जिम्मेदार कौन लेगा ?
इस घटना की सूचना पत्रकार महासंघ जिला नारायणपुर को अस्पताल के मरीजो एवं ग्रामीणों द्वारा दिया गया जिसके बाद पत्रकार महासंघ के सभी सदस्यों द्वारा जन प्रतिनिधि होने की जिम्मेदारी निभाते हुए तत्काल रात लगभग 11 बजे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का औचक निरीक्षण किया गया, ताकि मामले की वास्तविकता पता चल सके जिसमे यह पाया गया कि जो भी ग्रामीणों एवं मरीजो द्वारा जानकारी दी गयी वह पूर्ण सत्य है, एवं बुधवार की रात मौका ए वारदात में यह पाया गया कि एक मरीज द्वारा आपातकालीन स्थिति में पेट दर्द,उल्टी, दस्त की उपचार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बेनूर जाया गया,जिसमे रविवार से बुधवार रात 11 बजे तक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अनुपस्थित पाई गई जिस दौरान वहाँ पदस्थ स्टॉफ नर्स द्वारा सुनियोजित तरीके से पहले से आई.पी.डी. पर्ची में किये हस्ताक्षर वाली पर्ची में नर्स द्वारा डॉक्टर के फोन के माध्यम से दिए गए उपचार को स्टॉफ नर्स द्वारा पर्ची में दवाई एवं इंजेक्शन लिखा गया, जिसका किसी भी प्रकार का जांच नही किया गया एवं डॉक्टर के निर्देश से मरीज को इंजेक्शन भी लगाया गया जब यह सब घटना पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ जिला इकाई नारायणपुर के सदस्यों के सामने हुआ तो उनके द्वारा स्टॉफ नर्स से डॉक्टर के बारे जानकारी भी ली गयी कि आप किसके आदेश से मरीज का पर्ची लिख रहे हो ? साथ ही डॉक्टर कब से अनुपस्थित है जानकारी मांगी गई तो उनके द्वारा कहा गया कि वो रविवार से ही मुख्यालय में नही है एवं उनके द्वारा फोन के माध्यम से ही मरीजो की जानकारी ली जा रही है एवं उपचार किया जा रहा है |
जब पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ जिला इकाई नारायणपुर के पदाधिकारियों द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में भर्ती मरीजो द्वारा जानकारी ली गयी कि आपका इलाज किनके द्वारा और कब से किया जा रहा है, तो मरीजो द्वारा कहाँ गया कि जब से हम अस्पताल में भर्ती है हमे स्टॉफ नर्स के द्वारा ही समस्त उपचार किया जा रहा है एवं अभी तक संस्था के डॉक्टर द्वारा उनका कोई भी इलाज एवं जांच तक नही किया गया न ही वो संस्था में उनसे मिलने आये है।
पिक्चर अभी बाकी है…..उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे एवं यह रिश्ता क्या कहलाता है ?
इसी बीच आपातकालीन मरीज की प्राथमिक उपचार स्टॉफ नर्स द्वारा पूर्ण एवं इंजेक्शन लगाने के कुछ ही समय बाद प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को खबर लगते ही आनन फानन में अपने लंबे सफर तय कर लगभग रात्री 12 बजे डॉ. कौशि चंद्राकर के साथ उनकी परिवार एवं उनके मित्र डॉ. अमन दास जो कि छोटेडोंगर में पदस्थ है दोनों साथ मे ही रात को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पहुँच गए, जिसके बाद दोनों के द्वारा लगातार अपनी सफाई पेश की जा रही थी, किंतु वह दोनों डॉक्टर अंजान थे कि उनके पहुँचने से पूर्व उनका पूरा जूठ का पर्दाफाश वहाँ के मरीजो एवं स्टॉफ नर्स के द्वारा पहले ही किया जा चुका है | भगवान भी शायद उस दिन मरीजो के साथ थे,जिस कारण उनका पूरा सच सबके सामने आ ही गया, शायद उनको खबर पहुँचने में थोड़ी देर कहे या किस्मत बार बार साथ नही देती,सच कभी न कभी सबके सामने आ ही जाती है ठीक उसी प्रकार जितना भी कोशिश किया गया जूठ को छुपाने उतनी ही तेजी से एक के बाद एक सच्चाई और भी सामने आते गये,जिस कारण बोला भी गया है एक जूठ छुपाने के लिए सौ जूठ बोलना पड़ता है जिसके कारण अपने ही जूठ में दोनों डॉक्टर फँसते गए, इस बीच विश्वस्त सूत्रों से यह पता चला कि पी.एच. सी. छोटेडोंगर के डॉ.अमन दास भी अपने पी.एच.सी. छोटेडोंगर से कुछ दिनों से अनुपस्थित है जो कि अपने मित्र डॉ. कौशि चन्द्राकर के साथ छुट्टी बिता रहे थे, जिनके द्वारा भी कोई भी अवकाश स्वीकृत किये बिना अपने मुख्यालय से दोनों नदारद थे | छोटेडोंगर एवं बेनूर के मरीजो द्वारा प्रायः यह जानकारी दी जाती है कि डॉ. अमन दास ओ.पी.डी. का समय समाप्त होते ही शाम के बाद अपने मित्र डॉक्टर के पी.एच. सी. बेनूर में उनकी मदद करने पहुँच जाते है न जाने यह रिश्ता क्या कहलाता है अब तो यह विभाग के अधिकारी के जांच करने से बाद ही पता चल पाएगा ।