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मुख्य  कार्यपालन अधिकारी और लेखपाल ने की करोड़ों की हेरा फेरी


भूमगादी फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी में करोड़ों का घपला


भूमगादी के घोटालेबाजों पर एफआईआर दर्ज

सीईओ और लेखापाल के खिलाफ मामला दर्ज


आजीविका मिशन और डीएमएफ की राशि मे हेराफेरी का मामला

बस्तर के बहुचर्चित भूमगादी घोटाले में शामिल प्रमुख आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस कंपनी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीनानाथ राजपूत और अकाउंटेंट महेश्वर राव एवं भूमगादी फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अन्य लोगों के खिलाफ अपराध क्रमांक 265/24 अंतर्गत आईपीसी की धारा 409,420 तथा 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।आज जगदलपुर के सिटी कोतवाली में जिला पंचायत की तरफ से प्राप्त आवेदन के बाद यह मामला दर्ज किया गया है।भूमगादी कंपनी को सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और जिला खनिज न्यास की तरफ से 5 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि और लाखों रुपये की मशीनरी उपकरण आदि मुहैया करवाये गए थे।इस राशि से बस्तर की आदिवासी महिलाओं को वनोपज और कृषि उपज का व्यापार करने ,उनके लिए लाभदायक बाजार उपलब्ध कराने और बाजार से बिचौलियों को दूर करने की नीयत से इस कंपनी की स्थापना 2018 में की गई थी।


सिर्फ एक साल इस कंपनी का कामकाज संतोषजनक रहा उसके बाद प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए यहां के अधिकारियों कर्मचारियों ने इस कंपनी पर अघोषित रूप से कब्जा जमा लिया।बीते तीन सालों में कंपनी के सीईओ और लेखापाल ने अप्रत्यक्ष रूप से बाहरी व्यापारियों को लाभ पहुंचाते हुए कंपनी को कंगाल बना दिया और खुद करोड़पति बन गए।इन घोटाले बाजों ने इस कंपनी के लाखों रुपये अपने और अपने रिश्तेदारों के व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर किये और अंत मे कंपनी में ताला लगा दिया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी  जिला पंचायत की अगुवाई में मामले की जांच की गई और जांच में  सही पाया गया।आज उसी जांच रिपोर्ट के आधार पर जगदलपुर सिटी कोतवाली में इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

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