नारायणपुर 25 मई 2023 – कलेक्टर श्री अजीत वसन्त ने जिले के झारा, कोंगेरा एवं गौरदण्ड में चल रहे निर्माण एवं विकास मूलक कार्याे का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने वहां निर्माणाधीन गोदाम का कार्य का अवलोकन किया और इस कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री वसन्त झारा स्थित लेम्प्स पहुंचे और वहां किसानों के क्रेडिट कार्ड बनाये जाने का कार्य को देखा। उन्होने किसानों के केसीसी कार्ड बनाए जाने के फायदों से अवगत कराया और कहा कि शासन की अनेक योजनाओं का लाभ इससे मिलता है। उन्होने किसानों द्वारा इस वर्श किये जाने वाले खरीफ फसल की जानकारी ली। उन्होने यह भी कहा कि हर किसान के पास ऋण पुस्तिका होनी चाहिए। इससे भी किसानों को विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते है। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री देवेश कुमार ध्रुव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकि अधिकारी श्री वर्मा, जनपद पंचायत सीईओ श्री घनश्याम जांगडे़ के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री वसन्त ने कोंगेरा गांव पहुंचकर वहां जलजीवन मिशन एवं विद्यालय निर्माण के कार्यो का निरीक्षण किया। जल जीवन मिशन के तहत् लगाए गये पाईप में लिकेज होने के कारण पानी सप्लाई नही होने की जानकारी दिये जाने पर कलेक्टर ने इसे मरम्मत कराकर सप्लाई कराने के निर्देश दिये। उन्होने कोंगेरा में नवनिर्मित हाईस्कूल भवन का निरीक्षण भी किया और कहा कि इस भवन को शीघ्र हैण्डओवर करें और इस सत्र से बच्चों को इसमें बैठना सुनिश्चित कराएं। उन्होने कोंगेरा के ही घोटिया पारा स्थित प्राथमिक शाला का निरीक्षण किया। शाला मरम्मत का कार्य प्रारंभ कर उन्होने उसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने गौरदण्ड पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि यहां पहले से जल आपूर्ति के लिए पानी टंकी का निर्माण किया गया है, लेकिन इससे पानी सप्लाई नही हो पा रही है। इसकी जानकारी होने पर कलेक्टर ने 15 जून तक जल जीवन मिशन से पानी सप्लाई के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने छोटेडांेगर स्थित रूलर इंडस्ट्रीयल पार्क (रीपा) का अवलोकन किया। उन्होने रीपा केन्द्र में वेन्टीलेसन व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि छोटेडांेगर स्थित रीपा केन्द्र में वनोपज आधारित प्रसंस्करण उत्पाद तैयार किये जाते है, जिसके तहत् दोना पत्तल प्रसंस्करण, औशधि उत्पादन, कोदो-कुटकी प्रसंस्करण, इमली प्रसंस्करण और फूलझाडू निर्माण किया जाता है।