समीक्षा बैठक

माता मावली मेला के संबंध में कलेक्टर ली बैठक सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने दिये निर्देश सभी विभागांे को दी गई है अलग अलग जिम्मेदारियां

माता मावली मेला के संबंध में कलेक्टर ली बैठक

सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने दिये निर्देश

सभी विभागांे को दी गई है अलग अलग जिम्मेदारियां

नारायणपुर, 24 जनवरी 2025 कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर आगामी 19 फरवरी से शुरू होने वाले माता मावली मेला के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। कलेक्टर ने जानकारी देते हुए कहा कि नारायणपुर में आयोजित होने वाले माता मावली मेला को एक एतिहासिक मेला माना जाता है। इस माता मावली मेला का आयोजन 19 फरवरी से 23 फरवरी तक किया जाएगा। उन्होने मेले में आने वाले व्यक्तियों हेतु पेयजल, शौचालय, छाया, सुरक्षा, चिकित्सा व्यवस्था सहित संबंधित स्टॉल लगाने तथा कार्यक्रम को गरिमामय रूप से आयोजन कराने हेतु आवश्यक दिशा निर्देेश दिये। बैठक में उपस्थित अधिकारीयों से आयोजित माता मावली मेला व्यवस्था के संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी को मेला प्रारंभ होने के एक सप्ताह पूर्व से लेकर समाप्ति तक मेला व्यवस्था का कार्य देखने के निर्देश दिये गये। मेला के दौरान किराया भण्डार, होर्डिंग, आमंत्रण पत्रों की छपाई, लाईट, साऊण्ड सर्विस, देव समिति, विद्युत सामग्री क्रय, जात्रा कार्यक्रम में आने वाले सिरहा तथा पूजा-पाठ दल के पुजारियों सदस्यों की भोजन व्यवस्था, मेला के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं संपादित कार्यक्रमों की फोटोग्राफी तथा अन्य व्यय से संबंधित देयकों का प्रमाणिकरण उपरोक्त मेला समिति द्वारा किया जावेगा। मेला में व्यवस्था बनाये रखने तथा मेला के दौरान व्यय में पारदर्शिता बनाये रखने हेतु अधिकारियों का मेला समिति गठन किया गया है। देव समिति को मेला के दौरान पूजा-पाठ के लिये किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है। यह मेला समिति तय करेगी। पूजा-पाठ के लिये देव समिति को आवश्यकता अनुसार राशि प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है। ग्रामीण जन जो मेला पूर्व देवी-देवताओं को लेकर आते हैं एवं मेला आरंभ होने के पूर्व जात्रा कार्यक्रम होता है, उक्त कार्यक्रम के लिये भोजन, जलाऊ लकड़ी, पेयजल शौचालय एवं अन्य व्यवस्था गोंडवाना भवन बखरूपारा में किये जाने का निर्णय लिया गया। देव समिति के अध्यक्षों एवं सदस्यों की सूची प्राप्त करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नारायणपुर को निर्देशित किया गया है।

मेला के दौरान सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रम सूची तैयार कर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास नारायणपुर द्वारा मेला समिति के समक्ष अनुमोदन कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। मेला में अच्छे स्तर की साऊण्ड, लाईट सर्विस स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। मेला स्थल एवं स्थल के चारों ओर उच्च स्तर की लाईटिंग व्यवस्था जनरेटर की व्यवस्था होनी चाहिए। इसका ध्यान मेला समिति तथा छ.ग.वि.वि.क., लोक निर्माण विभाग, नगरपालिका परिषद् द्वारा रखा जावेगा। 19 फरवरी को जिले के स्थानीय नर्तक दलों द्वारा परम्परागत नृत्य जो स्थानीय संस्कृति पर आधारित होगा। इसके लिए समाज प्रमुखों के साथ समन्वय करने हेतु सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देशित किया गया है। नर्तक दलों के आने-जाने की व्यवस्था मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत नारायणपुर एवं ओरछा द्वारा की जावेगी। जिले में विगत वर्षों में आयोजित मेला के संबंध में मावली मेला विकास पुस्तिका तैयार किया जावेगा। विगत वर्षों में आयोजित मेला के फोटोग्राफ्स को वेबसाईट के माध्यम से आम जनता के मध्य प्रचार-प्रसार किया जावेगा, जिसके लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं सहायक संचालक जनसंपर्क को निर्देशित किया गया है। दुकानों का आबंटन करने के पूर्व मेला स्थल का नजरी नक्शा तहसीलदार नारायणुर द्वारा तैयार कर अवलोकन कराया जावेगा। मेला स्थल का मुरमीकरण, मेला स्थल के मार्गों का समतलीकरण किया जावेगा। मार्गों का समतलीकरण करने हेतु रोलर लोक निर्माण विभाग, जे.सी.बी. मशीन जिला पंचायत द्वारा उपलब्ध कराया जावेगा। मेला के दौरान दुकानों का आबंटन उपरोक्त दलों के द्वारा किया जावेगा। रोड के उपर दुकान लगाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। दुकानदारों को मेला स्थल के पिछले भाग पर भी दुकान आबंटित करना है। दुकान आबंटित करने के पूर्व दुकान का पंजीयन करना आवश्यक है। दुकान आबंटन के पूर्व दुकानदारों को सशर्त दुकान आबंटित किया जाना है। कचरा रखने हेतु डस्टबीन नगरपालिका द्वारा मेला स्थल में विभिन्न स्थानों पर रखा जावेगा। मेला में विभिन्न गांवों से श्रद्धालु अपने देवी-देवताओं को लेकर आते हैं, एवं परिक्रमा करते हैं, लाईनिंग करते समय परिक्रमा मार्ग को पर्याप्त चौड़ा रखा जावे, जिससे की देवी-देवता एवं श्रद्वालुओं के परिक्रमा कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो उक्त कार्य लोक निर्माण विभाग (भ./स.) आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा।
मावली मेला ऐतिहासिक होने के कारण भीड़ अधिक होने की सम्भावना है, मेला देर रात्रि तक रहता है, इस स्थिति में इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए मेला स्थल के चारों ओर तथा मेला स्थल के भितरी हिस्सों में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जावे, मेला में हाईपावर हेलोजन लागाई जावे। मेले के साथ-साथ शहर के समस्त मार्गों बंधुआ तालाब के किनारे भी पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। मेले में प्रकाश व्यवस्था हेतु कार्यपालन अभियंता विद्युत, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, नगरपालिका परिषद् अपने-अपने अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी कन्ट्रोल रूम में लगावें और इस बात का ध्यान रखें की मेले के दौरान प्रकाश व्यवस्था में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो प्रकाश व्यवस्था में बाधा होने की सम्भावना हो, तो उपरोक्त तीनों अधिकारी संयुक्त रूप से जनरेटर की व्यवस्था करके रखेंगे। मेला में आने वाले श्रद्वालुओं, नागरिकगणों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने हेतु निःशुल्क औषधि प्रदान करने के संबध में मेला स्थल पर डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों की 24 घंटे की चरणबद्ध ड्यूटी लगाई जावे। आम नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी जांच हेतु ब्लड, पेशाब, मल, बुखार एवं अन्य बीमारियों इत्यादि की जांच मेला स्थल पर ही किये जाने की सुविधा प्रदान किया जावे। औषधि ऐलोपैथिक, आयुर्वेदिक दोनो प्रकार की नागरिकगणों को मुहैया कराया जाना है, यह सुनिश्चित किया जावे। मेले में क्रय-विक्रय के लिए मवेशी लाये जाते हैं, जिन्हें टीकाकरण एवं उपचार की व्यवस्था उप संचालक पशु चिकित्सा द्वारा स्टाल लगाकर किया जावे। मेले में आये नागरिकगणों एवं दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से आये ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु मेला स्थल के चारों ओर 50 नग पानी टैंकर मुहैया कराने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नारायणपुर एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नारायणपुर को कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ यांत्रिकी को पेयजल की सुचारू बनाये रखने इसकी सुव्यवस्थित मॉनिटरिंग का कार्य सौपा गया। तालाब किनारे तथा संपूर्ण मेला स्थल के चारों ओर झाड़ियों को कटवाकर मेला स्थल एवं बंधुवा तालाब किनारे से अन्यत्र हटवाया जावें, तथा तालाब किनारे से लेकर संपूर्ण मेला स्थल का मुरमीकरण, समतलीकरण रोलर से समतल किया जावेगा। संपूर्ण मेला स्थल के चारो ओर कचरा कंटेनर रखा जावे, ताकि मेले के दौरान होने वाले कचरों को कंटेनर में डाला जा सके। जिससे मेला आयोजन के दौरान मेला स्थल में साफ-सफाई बनी रहे। मेला स्थल के पास सामुदायिक तथा सुलभ शौचालय की साफ-सफाई नगरपालिका परिषद् द्वारा कराया जावेगा, मेला स्थल के चारों ओर आवश्यकतानुसार चलित शौचालय की व्यवस्था करने एवं 50 अस्थाई शौचालय बनाये जाने के निर्देश नगरपालिका परिषद् नारायणपुर को दिया गया है।
बंधुआ तालाब के पानी का उपयोग मेला देखने आये नागरिकों, व्यापारी, ग्रामीणजन करते है. आपात काल से निपटने के लिए प्रशिक्षित गोताखोर टीम को लाईव बोट, नाव, बलन्डर, सर्च लाईट इत्यादि मेला आरंभ होने से लेकर मेला समाप्ति तक नगर सेना द्वारा उपलब्ध कराया जावेगा। मेला के दौरान आगजनी की घटना से निपटान हेतु फायर ब्रिगेड की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया एवं आवश्यकता पड़ने पर अन्य जिले से फायर ब्रिगेड का वाहन मंगाया जायेगा। मेला देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी आते है, उनके ठहरने की व्यवस्था लोक निर्मार्ण विभाग विश्राम गृह में रखा जाये तथा विदेशी पर्यटकों के संबंध में अभिलेख संधारित किया जाये। इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया की वर्तमान समय में नगर में पर्यान्त संख्या लॉज एवं होटल उपलब्ध हैं। इस हेतु आवश्यकता अनुसार कक्ष आरक्षित किये जाने का निर्देश दिया गया। मेला के दौरान मेला देखने आये नागरिकों को रियायती दर पर भोजन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया, जिसके लिये जिला खाद्य अधिकारी नारायणपुर को चांवल की व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया गया, भोजन पकाने व परोसने का कार्य स्व. सहायता समूह द्वारा किया जायेगा। मेला के दौरान बांस, जलाऊ लकड़ी की व्यवस्था वन विभाग द्वारा की जाएगी तथा मिट्टी तेल की व्यवस्था पीडीएस के माध्यम से खाद्य अधिकारी के द्वारा की जाएगी। मेला हेतु आमंत्रण कार्ड छपाई करने के निर्देश मुख्य नगरपालिका अधिकारी नारायणपुर को दिया गया, आमंत्रण कार्ड का प्रारूप कलेक्टर महोदय से अनुमोदित कराया जायेगा। आमंत्रण कार्ड छपाई होने के उपरांत वितरण का कार्य तहसीलदार नारायणपुर एवं ओरछा, जनपद पंचायत नारायणपुर एवं ओरछा और नगरपालिका परिषद् द्वारा किया जायेगा। मेला स्थल पर मुख्य प्रवेशद्वार नारायणपुर नगर की ओर मेला स्थल पर जाने वाले मार्ग पर लगाया जावेगा तथा कोण्डागांव से नारायणपुर आने के मार्ग पर प्रवेशद्वार माता कोटगुड़ी मंदिर के सामने लगाया जावेगा। इसके अलावा गढ़बेंगाल ग्राम के आगे, ओरछा मार्ग पर, रामकृष्ण मिशन आश्रम के आगे, अंतागढ़ मार्ग पर एवं आकाबेडा मार्ग पर प्रवेशद्वार लगाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आकांक्षा शिक्षा खलखो, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार नायक, अपर कलेक्टर अभिषेक गुप्ता, एसडीएम अभयजीत मंडावी, गौतम पाटिल, डिप्टी कलेक्टर सुमित गर्ग, सहायक आयुक्त डॉ. राजेन्द्र सिंह सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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