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छत्तीसगढ़ का लोहा बना गर्व का प्रतीक: विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में भिलाई स्टील प्लांट ने की 16 हजार टन लोहा-स्टील की सप्लाई…

छत्तीसगढ़ का लोहा बना गर्व का प्रतीक: विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में भिलाई स्टील प्लांट ने की 16 हजार टन लोहा-स्टील की सप्लाई…


दुर्ग. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जून को चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को देश को समर्पित किया है। भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के अन्य इस्पात संयंत्रों ने इस पुल के निर्माण के लिए 16,000 टन स्टील की आपूर्ति की है, जिसके अंतर्गत प्लेट्स, टीएमटी बार और स्ट्रक्चरल्स शामिल हैं। यह उपलब्धि सेल, भिलाई वासियों व छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है।

किसी भी निर्माण प्रक्रिया और औद्योगिक गतिविधि के लिए स्टील सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। जानकारी के अनुसार चिनाब नदी पर बने पुल के निर्माण में लगभग 29,000 मीट्रिक टन स्टील, 10 लाख क्यूबिक मीटर अर्थवर्क, 66,000 क्यूबिक मीटर से अधिक कांक्रीट और 84 किलोमीटर रॉक बोल्ट और केबल एंकर का प्रयोग किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना 1.3 किलोमीटर लंबा यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर है और पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। अभियांत्रिकी की अभिनव कृति यह पुल 266 किमी प्रति घंटे हवा की तेज रफ्तार और उच्चतम तीव्रता के भूकंपीय तरंगों का सामना करने में सक्षम है।

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) के अंतर्गत यह पुल जो कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे घुमावदार खंड का हिस्सा है, इस क्षेत्र में आवागमन को सुलभ करेगा।

बीएसपी पीआरओ अमूल्य प्रियदर्शनी ने बताया कि सेल के इस्पात संयंत्रों ने जम्मू-कश्मीर में निर्मित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए 6690 टन टीएमटी उत्पाद, 1793 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 7511 टन स्टील प्लेट्स, हॉट स्ट्रिप मिल प्रोडक्ट और चेकर्ड प्लेटों सहित कुल 16,000 टन इस्पात की आपूर्ति की है। पुल निर्माण के लिए सेल द्वारा आपूर्ति की गई इस्पात में से, भिलाई इस्पात संयंत्र ने 5922 टन टीएमटी स्टील, 6454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील सहित कुल 12,432 टन इस्पात की आपूर्ति की है।

चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा पुल: भिलाई स्टील प्लांट से भेजा गया 12,432 टन लोहा,सेल की कई इकाइयों से लोहे की आपूर्ति –

प्रियदर्शनी ने बताया, सेल के बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील लिमिटेड ने भी स्टील की आपूर्ति की है। यह पुल उक्त क्षेत्र में तेज और कुशलतम परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा। सभी मौसम में उपयोग किया जा सकेगा। चिनाब रेल पुल देश के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने राष्ट्रीय महत्व की कई ऐसी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे बांधों, पुलों, सुरंगों, फ्लाईओवरों और एक्सप्रेसवे सहित ऊर्जा क्षेत्र व रक्षा क्षेत्र में प्रयोग हेतु वांछित ग्रेड के इस्पात की आपूर्ति की है।

भूकंपरोधी और जंगरोधी गुणों के साथ उच्च गुणवत्ता की है लोहा
उन्होंने बताया कि सेल-बीएसपी में उत्पादित इस्पात का उपयोग ऊर्जा और बिजली क्षेत्र के साथ ही कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे पुलों, राजमार्गों, सुरंगों, फ्लाईओवर सहित भूकंपीय और संक्षारण संभावित क्षेत्रों में ऊंची इमारतों और औद्योगिक संरचनाओं में, भारी मशीनरी, तेल और गैस क्षेत्र, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठानों आदि में किया जाता है।

भारतीय रेलवे के लिए वांछित ग्रेड के रेल्स उत्पादन के अलावा सेल-बीएसपी चौड़ी, मोटी और हेवी प्लेटों की विविध श्रृंखला का उत्पादन तथा विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए वैल्यू एडेड स्पेशल स्टील ग्रेड की रोलिंग करता है। संयंत्र द्वारा उत्पादित टीएमटी उत्पादों की पूरी श्रृंखला भूकंपरोधी और जंगरोधी गुणों के साथ उच्च गुणवत्ता की है। इसके अतिरिक्त संयंत्र चैनल्स, एंगल्स और बीम्स सहित स्ट्रक्चरल ग्रेड स्टील का भी उत्पादन करता है।

कई प्रोजेक्ट्स के लिए बीएसपी से गया है लोहा
उल्लेखनीय है कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा उत्पादित स्टील का उपयोग बांद्रा-वर्ली सी-लिंक के साथ ही मुंबई में अटल सेतु, अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग, हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग और राष्ट्रीय महत्व की कई अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के निर्माण में किया गया है। सेल-भिलाई द्वारा उत्पादित स्टील का उपयोग युद्धपोतों और आईएनएस विक्रांत के निर्माण में भी किया गया है। बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए सेल-बीएसपी द्वारा बड़ी मात्रा में टीएमटी बार की आपूर्ति की गई है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने देश की राजधानी में निर्मित सेंट्रल विस्टा परियोजना में उपयोग के लिए भी टीएमटी उत्पादों की आपूर्ति की है।

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