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विष्‍णुदेव साय सरकार लेगी लोन: राज्‍य सरकार पर है 91 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज..

न्यूज़ बस्तर की आवाज़@रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान कर्ज बड़ा मुद्दा रहा। मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय के नेतृत्‍व वाली राज्‍य की नई भाजपा सरकार को कर्ज का बड़ा बोझ विरासत में मिला है। प्रदेश सरकार पर अभी 91 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। इस बीच विष्‍णुदेव साय सरकार ने भी लोन के लिए आवेदन कर दिया है।

राज्‍य सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये के लोन के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आईबीआई) में आवेदन किया है। आरबीआई को दिए आवेदन में राज्‍य सरकार ने बताया कि वह 2 हजार करोड़ का लोन 1000- 1000 करोड़ के दो पार्ट में लेगी। इनमें से एक लोन वह 8 वर्ष और दूसरा हजार करोड़ का लोन 9 वर्ष में चुकाएगी। राज्‍य सरकार यह लोन विकास कार्यों के लिए ले रही है। बता दें कि यह दिसंबर 2018 में सत्‍ता में आई राज्‍य की विष्‍णुदेव साय सरकार पहली बार लोन के लिए आवेदन किया है।

छत्‍तीसगढ़ के साथ ही 8 अन्‍य राज्‍यों ने भी आरबीआई के पास लोन के लिए आवेदन किया है। कर्नाटक ने सबसे ज्‍यादा 5 हजार करोड़ रुपये के लिए आवदेन किया है। गुजरात, तमिलनाडू और तेलंगाना ने 2-2 हजार करोड़ रुपये के लिए आवेदन किया है। राज्‍य सरकार के इस आवेदन के आधार पर आरबीआई ने नियमानुसार वित्‍तीय संस्‍थाओं से 16 जनवरी तक प्रस्‍ताव मांगा है।

कांग्रेस पर खजाना खाली करने का आरोप

छत्‍तीसगढ़ में 5 साल तक सत्‍ता में रही कांग्रेस ने राज्‍य का सरकारी खजाना खाली कर दिया है। यह आरोप नई सरकार की तरफ से बार-बार लगाया जा रहा है। पहले मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय ने यह आरोप लगाया था। राज्‍य के वित्‍त मंत्री ओपी चौधरी ने भी कांग्रेस पर प्रदेश को खोखला कर देने का आरोप लगा चुके हैं।

वित्‍तीय स्थिति को संभालना बड़ी चुनौती

छत्‍तीसगढ़ सरकार पर 91 हजार 553 करोड़ का कर्ज भार है। नए कर्ज का 2 हजार करोड़ शामिल कर दें तो यह बढ़कर 93 हजार 553 करोड़ रुपये पहुंच जाएगा। राज्‍य की मौजूदा भाजपा सरकार को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए हर साल करीब 20 हजार करोड़ रुपये की जरुरत पड़ेगी। ऐसे में राज्‍य सरकार के सामने कर्ज को कंट्रोल में रखते हुए चुनावी वादों को पूरा करने की बड़ी चुनौती है।

एक लाख 27 हजार करोड़ पहुंचा बजट

वित्‍तीय वर्ष 2023-24 का राज्‍य का बजट करीब 1 लाख 27 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। मुख्‍य बजट 1 लाख 21 हजार करोड़ का था। इसके बाद 2 अनुपूरक बजट पेश किए गए हैं।

राज्‍य का कर्ज लेना सामान्‍य प्रक्रिया

वित्‍त विभाग के अफसरों और जानकारों के अनुसार किसी भी सरकार का इस तरह से कर्ज लेना एक सामान्‍य प्रक्रिया है। नियमानुसार कोई भी राज्‍य सरकार प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष में अपनी जीडीपी की तुलना में 2 प्रतिशत तक कर्ज ले सकती है। छत्‍तीसगढ़ में कर्ज का बोझ बढ़ने के बावजूद यह वित्‍तीय अनुशासन बना हुआ है। 23 साल में कभी भी किसी भी सरकार ने इस सीमा को नहीं लांघा है।

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