कवर्धा/रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल के काले कारनामों से कांग्रेस बुरी तरह से घिर गई है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार को लेकर खुद कांग्रेसी हैरान हैं। राज्य में लोकसभा चुनाव के मतदान के पहले ही आधी कांग्रेस बीजेपी में समा गई है। कांग्रेस छोड़ने वालों का तांता लगा हुआ है, कई सीनियर लीडर भू-पे को कटघरे मे खड़ा कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। उनके बयान बता रहे हैं कि पूरे 5 साल तक भू-पे और उसकी टोली ने सिर्फ भ्रष्टाचार के अलावा प्रदेश में कोई रचनात्मक कार्य नही किया था।
छत्तीसगढ़ में विकास की जो नींव तत्कालीन बीजेपी सरकार ने वर्ष 2003 से लेकर 2018 तक रखी थी, उसी को कमजोर करने में भू-पे सरकार जुटी रही। कई निष्ठावान कांग्रेसी या तो घर बैठे हैं या फिर बीजेपी समेत दूसरी पार्टियों के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। उन्हें ना तो अब कांग्रेस पर भरोसा है और ना ही भू-पे बघेल पर। उनके मुताबिक बघेल ने बीजेपी को सबक सिखाने के लिए राजनांदगांव लोकसभा सीट पर कुल 384 उम्मीदवार मैदान में उतारने का वादा किया था, ताकि यहां चुनाव EVM से ना कराकर बैलेट पेपर से कराए जाएं ? इस ऐलान से कांग्रेस को आशा की उम्मीद जगी थी। लेकिन भू-पे का यह वादा टांय-टांय फिस्स हो गया। बताया जाता है कि भू-पे बघेल को चुनावी मैदान में उतारने के लिए ना तो निर्दलीय प्रत्याशी मिले, और ना ही उनके प्रस्तावक। जबकि सारा चुनावी खर्च बघेल और कांग्रेस के सिर माथे पर था।
एक बार फिर बघेल का खोखला वादा कांग्रेसियों को मुंह चिढ़ा रहा है। नतीजतन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हालत बद से बदतर हो गई है। पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रभारी संगठन महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे पर तीखा हमला किया है। देश में बिहार के चारा घोटाले के बाद सबसे ज्यादा चर्चा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के गोबर घोटाला की हो रही है। चारा घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जेल की हवा खानी पड़ी थी। लेकिन बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल भी अब जेल जाने की राह में हैं, सिर्फ आऊटर में खड़े हैं। करोड़ो के गोबर घोटाले में उनकी भूमिका सुर्खियों में है।
बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल ने ग्रामीण आबादी को गोबर बीनने में लगा दिया था। जबकि खुद वे सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी समेत अपनी टोली के साथ कोयले की तस्करी में लगे रहे। पूर्व कांग्रेसी नेता शुक्ला ने बघेल सरकार की आज बखिया उधेड़ दी है। उनका भाषण चर्चा में है। कवर्धा में बीजेपी प्रवेश करते ही चंद्रशेखर शुक्ला कांग्रेस और भू-पे बघेल पर फट पड़े। उनके मुंह खोलते ही कांग्रेस के भीतर गहमा गहमी मच गई है। शुक्ला ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल गोबर चोर हैं। उनके द्वारा गौधन न्याय योजना सिर्फ भ्रष्टाचार के लिए बनाई गई थी। इससे किसानों का कोई भला नही हुआ बल्कि नुकसान उठाना पड़ा। उनके मुताबिक बघेल ने एक बड़ी ग्रामीण आबादी को रोजगार के नाम पर गोबर बीनने में लगा दिया था, आम जनता दिन भर कामकाज कर मात्र 2 रूपए किलो मे सरकार को गोबर बेचती थी, बमुश्किल किसानों को दिनभर में 50 रूपए मिलते थे।
वहीं सरकार में बैठे कारोबारी उसी गोबर में यूरिया और मिट्टी मिलाकर 100 रूपए किलो में ऑर्गेनिक खाद के नाम पर बेच रहे थे। शुक्ला ने लोगों को बताया कि सस्ती लोकप्रियता पाने के चक्कर में कांग्रेस सरकार ने जनता पर भारी भरकम कर्ज लाद दिया है। कोल खनन परिवहन घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रायगढ़,कोरबा और अंबिकापुर में भू-पे बघेल और उनकी टोली रोजाना करोड़ों का कोयला चोरी कर रही थी। कोयले पर 25 रूपए टन गब्बर सिंह टैक्स लिया जाता था। जबकि आम किसान 2 रूपए किलो में गोबर बेचकर अपना जीवन यापन कर रहा था। शुक्ला ने कोल खनन परिवहन घोटाले को लेकर बघेल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कांग्रेसी नेता चंद्रशेखर शुक्ला किसान आंदोलन के महत्वपूर्ण घटक थे। वे 2015 से लेकर 2022 तक किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे। उनकी माता जिला पंचायत अध्यक्ष थीं, शुक्ला का परिवार कट्टर कांग्रेसियों में गिना जाता है। लेकिन अब इस परिवार ने भी कांग्रेस से दूरियां बना ली है। शुक्ला ने बीजेपी पर भरोसा जताते हुए अपने सैकड़ो साथियों के साथ पार्टी प्रवेश किया है।