माता जुंगे डोकरी की सेवा-अर्चना के साथ कोहकामेटा में शुरू हुआ समृद्ध आदिवासी संस्कृति का महोत्सव बस्तर पंडुम
नारायणपुर, 17 मार्च 2025 आदिवासी संस्कृति को संजोने और संरक्षित करने के उद्देश्य से नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ कोहकामेटा में बस्तर पंडुम 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। माता जुंगे डोकरी की सेवा-अर्चना के साथ शुरू हुए इस महोत्सव में आदिवासी समाज की प्राचीन परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में शामिल हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नारायण मरकाम ने कहा कि बस्तर पंडुम आदिवासी कला और संस्कृति के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस आयोजन में गायता, पटेल, आदिवासी समाज के मुखिया, अनुभवी कलाकारों और ग्रामीण स्तर पर चिकित्सा करने वाले वेदराजों का सम्मान किया गया। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में लोग पारंपरिक संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, जिसे संरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
महोत्सव में जनजातीय नृत्य, गीत-नाट्य और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। साथ ही, पारंपरिक वेशभूषा, आभूषण, शिल्प, चित्रकला और जनजातीय व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिससे आदिवासी जीवनशैली की झलक देखने को मिली। बस्तर पंडुम के तहत जनपद, जिला और संभाग स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें विजेताओं को प्रोत्साहन राशि और यात्रा व्यय प्रदान किया जाएगा। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में प्रत्येक विधा के विजेताओं को 10,000 रुपये, जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम विजेता को 20,000 रुपये, और संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम विजेता को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। आज 18 मार्च 2025 को बस्तर पंडुम 2025 का ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम बेनूर और ओरछा मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा।