जगदलपुर@ न्यूज़ बस्तर की आवाज़ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बस्तर अब अपने वनोपज के लिए देश विदेश में नाम कमा रहा है। यहां अब फूड ग्रेड महुआ का संग्रहण भी किया जा रहा है जिसकी विदेशी बाजार में सर्वाधिक डिमांड है। विदशी कंपनियों द्वारा इसका कई खाद्य उत्पादों में उपयोग किया जा रहा है। यही वजह है कि आज यहाँ के सैकड़ों क्विंटल महुआ यूके में अपनी खुशबू बिखेर रहा है। इस वर्ष बस्तर से 150 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ का संग्रहण कर यूके भेजा है।
बस्तर से 150 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ निर्यात
बस्तर के बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों में फूड ग्रेड महुआ संग्रहण किया जा रहा है। इस वर्ष इन दोनों जिलों से लगभग 150 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ का निर्यात किया गया है। जो लक्ष्य से बहुत कम है। इसकी सबसे ज्यादा डिमांड यूके में है । आने वाले वर्षों में संग्राहकों को अधिक से अधिक फूड ग्रेड महुआ संग्रहण के लिए जागरूक किया जायेगा। इसके अलावा उसे वैज्ञानिक पद्धति से पैकिंग करने की तरीका भी बताया जाएगा।
महुआ से विविध वस्तुओं का निर्माण
पहले वनांचलों में महुआ से शराब बनाई जाती थी। यह शराब ग्रामीण इलाकों में घर घर बनाया जाता था। यह शराब ग्रामीणों के आय का साधन भी है। आज प्रशासन के सहयोग और एनजीओ के मार्गदर्शन में विभिन्न समूहों द्वारा महुआ से लड्डु, जूस, कुकीज, चॉकलेट, आचार, जेम बनाये जा रहे हैं। जिसकी मांग रायपुर, आंध्रप्रदेश, ओडिसा, बेगलुरू व दिल्ली सहित अन्य प्रांतों में भी है।
जगदलपुर .बस्तर वनमंडल अंतर्गत जैबेल के इलाके में इन दिनों आदिवासियों द्वारा फूड ग्रेड महुआ का संग्रहण कार्य किया जा रहा है। महुआ संग्रहण का फायदा ग्रामीणों को अधिक से अधिक मिले इसके लिए वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। फूड ग्रेड महुआ प्राप्त करने के लिए पेड़ के नीचे नेट लगाया जाता है। यह महुआ साधारण महुआ से अधिक गुणकारी व शुद्ध होता है। अधिक गुणवत्ता और स्वाद के चलते यह अधिक कीमत में बिकता है।
साधारण महुआ से अधिक कीमत
फूड ग्रेड महुआ की कीमत साधारण महुआ की अपेक्षा कई गुना अधिक है। बस्तर में प्रशासन ने फूड ग्रेड महुआ की दर प्रति क्विंटल दर 11500 हजार रूपये निर्धारित किया है। जबकि सामान्य महुआ की दर 1600 रूपये निर्धारित है। विदेश कंपनी द्वारा हजारों क्विंटल फूड ग्रेड महुआ की डिमांड है लेकिन अभी संग्रहण में तेजी नहीं आयी है। जिसके वजह से मांग के अनुसार संग्रहण नहीं हो पाया है।
विगत वर्षों के आंकड़े देखा जाय तो इस साल सबसे ज्यादा महुआ का उत्पादन छत्तीसगढ़ में हुआ है। सरकारी आंकड़ो की मानो तो छत्तीसगढ़ मे लगभग 8 लाख क्विंटल तकरीबन 320 करोड़ रूपये के महुआ फुल का संग्रहण होता है। औषधीय गुणो के कारण महुआ की महक छत्तीसगढ़ के साथ देश ही नहीं बल्कि विदेश तक होने लगी है। पहले महुआ से सिर्फ शराब बनाने तक सीमित था आज फूड ग्रेड महुआ से कई खाद्य उत्पाद बनाये जा रहे हैं। यही वजह है कि इसकी डिमांड बढ़ी है। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में महुआ का कारोबार 320 करोड़ को पार कर दिया है।
फूड ग्रेड महुआ के लिए राज्य लघु वनोपज सहकारी समिति के साथ यूके के एक कंपनी ने अनुबंध किया है। यही वजह है कि इन दिनों बस्तर में इस महुआ के संग्रहण के लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। फिलहाल बस्तर जिले में 70 क्विंटल फूड ग्रेड महुआ का संग्रहण कर सहकारी समिति को भेजे गए हैं। जबकि दंतेवाड़ा जिले में लगभग 80 क्विंटल महुआ का संग्रहण हुआ है। इस तरह इस वर्ष कुल 150 क्विंटल महुआ राज्य लघु वनोपज सहकारी समिति के माध्यम से यूके भेजे गये हैं।