बकावंड /बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम के. कामचोर एवं कर्तव्य के प्रति लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों को तत्काल सजा देने में जरा भी देर नहीं करते। कलेक्टर की सजगता का प्रमाण आज बकावंड में देखने को मिला, जब कलेक्टर ने ऐसे ही दो पंचायत सचिवों को ऑन स्पॉट सस्पेंड कर दिया। कलेक्टर विजय दयाराम के. की इस सख्त कार्रवाई से अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. शनिवार को बकावंड के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने जनपद पंचायत बकावंड के सभा कक्ष में जनपद क्षेत्र के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पंचायय सचिवों की उपस्थिति में शासन की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि ग्राम पंचायत दशापाल में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कार्य तथा अन्य कार्यों की प्रगति बेहद निराशा जनक पाए जाने पर पंचायत सचिव हेमकरण सिंह ठाकुर को तत्काल निलंबित कर दिया। इसी तरह ग्राम पंचायत कोलावल के सचिव जयदेव सिंह ठाकुर को भी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया गया है।
सीईओ को छुट्टी पर जाने निर्देश
बताते हैं कि बैठक में कलेक्टर विजय जनपद पंचायत बकावंड के सीईओ एसएस मंडावी पर जमकर बरसे और उन्हें खूब फटकार भी लगाई। योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही के लिए सीधे तौर पर सीईओ को जिम्मेदार ठहराते हुए सीईओ पर बरस पड़े। कलेक्टर ने उन्हें साफ तौर पर कहा कि आप छुट्टी पर चले जाएं और बकावंड एसडीएम को तुरंत कार्यभार सौंप दें। यहां यह बताना जरूरी है कि सीईओ मंडावी की पंचायत सचिवों पर जरा भी पकड़ नहीं है। सीईओ ने सचिवों को योजनाओं और निर्माण कार्यों की आड़ में कमाई की खुली छूट दे रखी है। जनपद में सरपंचों, पंचों और ग्रामसभा की कोई अहमियत ही नहीं रह गई है। सारे कार्य सीईओ, इंजीनियर और सचिव की तिकड़ी ही कराती है। कमीशनखोरी का खेल खुलेआम चल रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान कांकेर के एक बड़े नेता के कहने पर सीईओ एसएस मंडावी द्वारा जनपद क्षेत्र के तमाम पंचायत सचिवों से कांग्रेस के लिए फंड जुटाए जाने का मामला सुर्खियों में था। तब सीईओ ने फंड जुटाने की जिम्मेदारी अपने तीन चार विश्वस्त पंचायत सचिवों को दे रखी थी। यही वजह है कि बकावंड जनपद के अधिकतर पंचायत सचिव मूल कार्य छोड़कर अवैध कमाई करने और अपने अधिकारी तक कमीशन पहुंचाने में लगे हुए हैं। जनपद सीईओ मंडावी का यहां से तबादला भी हो चुका था। सूत्र बताते हैं कि धनबल के दम पर उन्होंने अपना तबादला रुकवा लिया है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण जिले के ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ कलेक्टर से सीईओ को बकावंड से तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं : कलेक्टर
कलेक्टर विजय दयाराम के. ने बकावंड और बस्तर जनपद की ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं मनरेगा के कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रगतिरत आवास निर्माण कार्यों को 31 मई तक पूर्ण करवाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही अप्रारंभ और अपूर्ण आवासों को गति देते हुए 30 जून तक पूर्ण कराएं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु दी गई राशि का उपयोग नहीं करने, बार-बार आग्रह करने पर भी आवास निर्माण नहीं करने वाले हितग्राहियों से आरआरसी के द्वारा वसूली की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाए। साथ ही हितग्राहियों से आवास नहीं बनाने पर उनसे लिखित में जानकारी लेकर पंचायत प्रस्ताव के आधार पर कार्य को निरस्त करवाएं। शनिवार को कलेक्टर ने बकावंड और बस्तर के सद्भावना भवन में पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक, पीओ, आरईएस के सब इंजीनियरों का पंचायतवार समीक्षा कर योजना के क्रियान्वयन में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मनरेगा के तहत बकावंड और बस्तर जनपद में 15-15 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार के अवसर देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बकावंड जनपद की 93 पंचायतों और बस्तर जनपद की 88 पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तीसरे किस्त प्राप्त निर्माणाधीन आवास की प्रगति, अप्रारंभ आवास, अपूर्ण आवास की स्थिति, आवासहीन हितग्राहियों के आवास निर्माण की प्रगति, मुख्यमंत्री आवास योजना की प्रगति, आवासों की जिओ टैगिंग की स्थिति, मनरेगा के प्रगतिरत कार्य में मजदूरों की स्थिति, मस्टर रोल की स्थिति, ब्लॉक में श्रमिकों को निकालने की स्थिति, अकुशल श्रमिकों की आधार सीडिंग की स्थिति की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कहा कि वर्किंग सीजन के बचे दिनों का अच्छे से उपयोग किया जाना चाहिए।बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना कार्य और मनरेगा के कार्य में लापरवाही बरतने वाले एवं बैठक में अनुपस्थित रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक, ग्राम पंचायत सचिव को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बकावंड, बस्तर जनपद के सीईओ को कार्यों का सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि मनरेगा से कन्वर्जेंस कर किया जा रहा आंगनबाड़ी भवन और पीडीएस दुकानों के निर्माण काम को 31 मई तक पूर्ण करवा लिया जाए। काम पूर्ण नहीं होने स्थिति में संबंधित कर्मचारियों से राशि वापसी की कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा ग्राम सचिव आवास कार्य में आरआरसी प्रकरण का प्रत्येक सप्ताह पेशी कर राशि वसूली करवाएं। आवास के हितग्राही की मृत्यु होने की स्थिति में उनके वारिसों को आवास नामांतरण की कार्यवाही 25 मई तक करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे, एसडीएम बकावंड गगन शर्मा, एसडीएम बस्तर एआर राणा, जनपद पंचायत सीईओ बकावंड एसएस मंडावी, जनपद पंचायत सीईओ बस्तर चुरेंद्र सहित अन्य संबंधित शाखा के अधिकारी उपस्थित थे।