Crime कार्यवाही विभागीय भ्रष्टाचार

नारायणपुर मत्स्य विभाग के बाबू ने सरकारी सवा करोड रुपए सट्टे में लगा दिए,कोंडागांव थाने में किया गया FIR दर्ज, पुलिस ने किया गिरफ्तार

नारायणपुर मत्स्य विभाग के सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा 81 लाख का किया गबन,अब तक नही किया गया FIR दर्ज

न्यूज़ बस्तर की आवाज़@ नारायणपुर/ जिला नारायणपुर के मत्स्य विभाग में एक के बाद एक घोटाले और भ्रष्टाचार की खबर लगातार आती रहती है पिछले माह उजागर हूए मत्स्य बीज घोटाले की जांच और कार्यवाही अभी तक पूरी ही नही हुई है कि फिर से एक अभी ताज़ा मामला शासकीय राशि के गबन का मामला सामने आया है, जिसमे मत्स्य विभाग में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 जो इससे पूर्व जिला कोंडागांव में पदस्थ था,जो की सट्टा खेलने के इतने आदी था जिन्होंने मत्स्य विभाग के किसानों का पैसा सरकारी खातों में जमा न कर सट्टा में लगा दिया और हार जाने के बाद फिर से उस हारे पैसे को रिकवर करने के लिए सरकारी मदो का पैसा अधिकारियों की मिलीभगत से अपने खाते में डलवाकर फिर से सट्टा में लगा दिया, जब इस घटना की जानकारी कोंडागांव के अधिकारी को हुई कि मत्स्य विभाग का लगभग 44 लाख रुपए इनके द्वारा इस प्रकार से गबन किया गया और मामले को दबाने के लिए आनन-फानन में सहायक ग्रेड 2 में पदस्थ संजय गड़पाले का तबादला जिला नारायणपुर में कर दिया गया।
जिला नारायणपुर पहुंचते ही उनको विभाग के पूर्व के कारनामे से यह आभास हो गया कि जो काम मेरे द्वारा कोंडागांव में किया गया है वह काम जिला नारायणपुर में भी किया जा सकता है, और अपनी हारी हुई पैसे को जीतकर पूरा राशि वसूल किया जा सकता है उस सिलसिले को जारी रखते हुए संजय गड़पाले द्वारा नारायणपुर से भी किसानों द्वारा दिए गए पैसे को खाते में जमा न कर सट्टा खेलते रहा और उसके बाद पिछले 1 साल से लगातार शासकीय मदो की राशि को अपने खाते में डालकर सट्टा खेलता गया, इस प्रकार से जिला नारायणपुर से लगभग 81 लाख 84 हजार गबन किया गया है।

 

पिछले 1 साल से यह गबन चल रहा है और अधिकारी के हस्ताक्षर से यह राशि आहरण भी होता गया किंतु आज तक जिला नारायणपुर के मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा ना कोई एफ.आई.आर. दर्ज किया गया और ना ही कोई शिकायत या कार्यवाही किया गया है अब तो यह पूरी तरह से जांच का विषय है। चूँकि उक्त गबन में और कौन-कौन शामिल है क्योंकि इतनी बड़ी रकम विभाग के शासकीय खाते से पार हो जाना, किसी अकेले बाबू का काम नही है इंसमे और भी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के शामिल होने की आशंका है, और विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही अब तक न करना, जो कि विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध बहुत सारे सवाल खड़े कर रहे है ?

कोंडागांव और नारायणपुर जिलो में मत्स्य विभाग में 1.26 करोड रुपए का गबन हो गया, इसका खुलासा तब हुआ, जब यहां पदस्थ सहायक ग्रेड 2 संजय गड़पाले ने आला अफसरो को चिट्ठी लिखकर यह जानकारी दी कि उसने पूरी रकम सट्टे में लगा दिया और हारता चला गया। इस पत्र से खलबली मची और कोंडागांव विभाग में जांच करवाई गई, तब रकम खाते में नहीं थी।


इस आधार पर कोंडागांव पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज कर कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। जांच में यह बात भी सामने आई कि कर्मचारी एक साल से अलग-अलग मदो की राशि अपने खाते में डाल रहा था। फिर यही पैसे निकालकर सट्टा खेलता रहा, लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लगी कोंडागांव थानेदार ने बताया कि मत्स्य विभाग की शिकायत में नारायणपुर से 81 लाख 84 हजार रुपए और कोंडागांव से 44 लाख रुपए का गबन हुआ, जिसका संदेह कर्मचारी गड़पाले पर हैं।जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि इतनी बड़ी रकम निकल गई और विभाग के किसी अफ़सर कर्मचारियों को खबर क्यों नहीं हुई?

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